ऑपरेशन बुरयान उल मरसूस (Operation Buryan ul Marsoos): भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाया पाकिस्तान, दागी फतेह-1 मिसाइल

India Briefs Team
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Operation Sindoor

भारत की सटीक और साहसी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट साफ़ नजर आ रही है। इसी घबराहट में अब उसने ऑपरेशन बुरयान उल मरसूस (Operation Buryan ul Marsoos) की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत पाकिस्तान ने फतेह-1 मिसाइल दागी, ताकि अपनी सैन्य प्रतिक्रिया को दिखाया जा सके।

हालांकि, इस एक्शन को विशेषज्ञ भारत की कार्रवाई से उपजी असुरक्षा मानते हैं।

क्या है ऑपरेशन बुरयान उल मरसूस (Operation Buryan ul Marsoos)?

‘बुरयान उल मरसूस’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है – एक बेहद मजबूत दीवार। कुछ जगह इसे ‘शीशे से बनी नींव’ का प्रतीक भी बताया गया है, जो बाहर से चमकदार पर अंदर से कमजोर मानी जाती है।
यह नाम पाकिस्तान ने ऐसे समय पर रखा है जब वह भारत की ओर से किए गए आतंक विरोधी ऑपरेशन से हिला हुआ है।

ऑपरेशन सिंदूर – भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाक समर्थित आतंकियों ने निर्दोष लोगों पर हमला किया। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में चल रहे 9 आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया।
इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों को ढेर किया गया और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश मिला कि भारत अब आतंकवाद पर सख्ती से जवाब देगा।

फतेह-1 मिसाइल – डर की रणनीति?

ऑपरेशन बुरयान उल मरसूस के तहत पाकिस्तान ने जो फतेह-1 मिसाइल दागी है, उसकी रेंज लगभग 140 किलोमीटर है। यह उसकी मल्टी-लॉन्च रॉकेट प्रणाली का हिस्सा है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम डर और बौखलाहट में उठाया गया है।

भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है, और यह मिसाइल परीक्षण महज एक दिखावा है।

पाकिस्तान की रणनीति में झोल?

पाकिस्तान ने ऑपरेशन बुरयान उल मरसूस को लॉन्च कर यह दिखाने की कोशिश की है कि वह तैयार है, लेकिन इसकी रणनीति में स्थायित्व और पारदर्शिता की कमी साफ नजर आती है। भारत पहले ही यह साफ कर चुका है कि वह किसी भी आतंकी गतिविधि को सहन नहीं करेगा।

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