श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और इस बार यह पावन यात्रा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल बनने जा रही है। प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधाओं और सफाई व्यवस्था की निगरानी को और प्रभावशाली बनाने के लिए QR कोड आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करना और समस्याओं का रीयल टाइम समाधान निकालना है।
पहलगाम से शेषनाग तक निरीक्षण यात्रा
हाल ही में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के सचिव मोहम्मद ऐजाज असद ने पहलगाम से लेकर शेषनाग तक के यात्रा मार्ग में स्थापित प्रमुख शिविर स्थलों का गहन निरीक्षण किया। उनके साथ ग्रामीण स्वच्छता की महानिदेशक अनु मल्होत्रा, एसीडी अनंतनाग शफीक अहमद, बीडीओ पहलगाम और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने नुनवान बेस कैंप, चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, जोजीबल, वावबल और शेषनाग में शौचालयों, स्नानगृहों, कूड़ेदानों और जल निकासी की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

ज़ीरो-लैंडफिल नीति और अपशिष्ट प्रबंधन
इस निरीक्षण का उद्देश्य न केवल बुनियादी सुविधाओं की जांच था, बल्कि “शून्य-लैंडफिल नीति (Zero Landfill Policy)” को ज़मीनी स्तर पर लागू करना भी था। सचिव ने निर्देश दिए कि हर शिविर स्थल पर कूड़ेदान की संख्या बढ़ाई जाए, अपशिष्ट पृथक्करण (Waste Segregation) पर ज़ोर दिया जाए और ग्रे वॉटर मैनेजमेंट को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाए।
आधुनिक तकनीक से यात्रा में पारदर्शिता
सबसे बड़ी पहल रही इस बार का QR कोड फीडबैक सिस्टम, जो अमरनाथ यात्रा में पहली बार लागू किया गया है। इस प्रणाली के अंतर्गत हर यात्री शिविर स्थल पर लगाए गए QR कोड को स्कैन कर सफाई, पेयजल, चिकित्सा, और शौचालय जैसी सुविधाओं पर अपनी रीयल टाइम प्रतिक्रिया दर्ज कर सकेगा। यह फीडबैक सीधे प्रशासन तक पहुंचेगा जिससे तत्काल सुधार किए जा सकें।
हर शिविर में मिलेगी फीडबैक सुविधा
सचिव ऐजाज असद ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यह फीडबैक प्रणाली हर शिविर स्थल पर सरल और सुलभ रूप में उपलब्ध हो। प्रशासन का मानना है कि इस पहल से यात्रियों को एक भागीदार की भूमिका मिलेगी और व्यवस्था में पारदर्शिता और सुधार की गति बढ़ेगी।
तीर्थयात्री-केंद्रित दृष्टिकोण
सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी स्तर पर स्वच्छता, चिकित्सा सुविधा, शुद्ध पेयजल या आवास व्यवस्था से समझौता नहीं किया जाएगा। पहलगाम हेलीपैड पर अंतिम तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने एक “पिलग्रिम-सेंट्रिक अप्रोच” अपनाने पर ज़ोर दिया।
तकनीक और तीर्थ का समागम
अमरनाथ यात्रा 2025 केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं रह गई है, यह अब सतत विकास, आधुनिक प्रबंधन प्रणाली और प्रौद्योगिकी के समावेश का उदाहरण बन रही है। QR कोड फीडबैक प्रणाली जैसी पहल से प्रशासन और तीर्थयात्रियों के बीच संवाद को मजबूती मिलेगी और यात्रा को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जा सकेगा। यह एक ऐसा कदम है, जिससे भविष्य की तीर्थ यात्राओं का स्वरूप भी तय हो सकता है।