ब्लड ग्रुप और हार्ट अटैक का रिश्ता: 3 चौंकाने वाले फैक्ट जो आपकी जान बचा सकते हैं

India Briefs Team
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ब्लड ग्रुप और हार्ट अटैक का रिश्ता

क्या ब्लड ग्रुप और हार्ट अटैक का रिश्ता हो सकता है? यह सवाल आज मेडिकल रिसर्च की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालिया अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि कुछ विशेष रक्त समूह के लोग हृदय रोगों के जोखिम के दायरे में अधिक होते हैं।

ब्लड ग्रुप के प्रकार :

ब्लड ग्रुप व्यक्ति के रक्त में पाए जाने वाले एंटीजन और एंटीबॉडी के आधार पर निर्धारित होता है। मुख्य रूप से चार प्रकार के रक्त समूह होते हैं: A, B, AB और O
प्रत्येक समूह Rh फैक्टर के आधार पर पॉजिटिव (+) या नेगेटिव (−) होता है, जैसे A+, B− आदि। O− को “सर्वदाता” (Universal Donor) कहा जाता है क्योंकि यह सभी को रक्त दे सकता है, जबकि AB+ को “सर्वग्राही” (Universal Recipient) कहा जाता है क्योंकि यह सभी से रक्त प्राप्त कर सकता है। रक्त समूह जानना जीवन रक्षक स्थितियों में अत्यंत आवश्यक होता है।

कौन से ब्लड ग्रुप हैं ज्यादा जोखिम में ?

कई अध्ययन यह दर्शाते हैं कि A, B और AB ब्लड ग्रुप वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने की संभावना O ग्रुप वालों की तुलना में कहीं अधिक होती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, इन ग्रुप के व्यक्तियों में हार्ट अटैक का खतरा 8% तक अधिक पाया गया है।

A और B ग्रुप वालों को ज़्यादा खतरा क्यों?

A और B ब्लड ग्रुप वाले लोगों के रक्त में “von Willebrand factor (VWF)” नामक प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो रक्त को जमने में मदद करता है। अधिक मात्रा में यह प्रोटीन थक्के (blood clots) बना सकता है, जो धमनियों को अवरुद्ध कर हार्ट अटैक का कारण बनते हैं।

स्टडी में क्या मिला?

European Society of Cardiology ने एक अध्ययन किया जिसमें 13.6 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार:

  • B ग्रुप वालों को हार्ट अटैक का खतरा 15% अधिक
  • A ग्रुप वालों को हार्ट फेलियर का खतरा 11% अधिक
  • AB ग्रुप वालों में खून के थक्के बनने की आशंका सबसे अधिक

👉 European Society of Cardiology

क्या ब्लड ग्रुप को हेल्थ स्क्रीनिंग में शामिल किया जाना चाहिए?

वर्तमान में हृदय रोग के खतरे को उम्र, लिंग, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के आधार पर मापा जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लड ग्रुप को भी एक अहम बायोमेडिकल फैक्टर के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

गलेक्टिन-3 और सूजन का संबंध

विशेष रूप से A ग्रुप वालों में “गलेक्टिन-3” नामक प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, जो सूजन और हार्ट फेलियर की संभावना को बढ़ाता है।

हार्ट अटैक से बचने के 3 असरदार उपाय

  1. ब्लड ग्रुप के आधार पर जोखिम समझें — A, B और AB ब्लड ग्रुप वाले अधिक सतर्क रहें।
  2. नियमित कार्डियक चेकअप कराएं — विशेषकर अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो।
  3. लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं — स्मोकिंग से बचें, डेली एक्सरसाइज़ करें और हेल्दी डाइट लें।

यदि आपका ब्लड ग्रुप A, B या AB है, तो यह जानकारी आपके लिए जीवनरक्षक हो सकती है। ब्लड ग्रुप और हार्ट अटैक का रिश्ता अब केवल थ्योरी नहीं, बल्कि साक्ष्य आधारित वास्तविकता है। अपने ब्लड ग्रुप को जानें, और उसी के अनुसार अपनी जीवनशैली में बदलाव करें ताकि भविष्य में आप दिल की किसी गंभीर बीमारी का शिकार न बनें।

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