Most Literate State of India: भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मिजोरम ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अब यह राज्य देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित हो गया है, जिसकी कुल साक्षरता दर 98.2% है। यह सफलता समग्र शिक्षा अभियान, नई भारत साक्षरता कार्यक्रम (ULLAS) और स्थानीय शिक्षकों की मेहनत का नतीजा है।
पूर्ण साक्षरता का क्या मतलब होता है?
भारत सरकार की शिक्षा पहल ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) के अनुसार, किसी भी राज्य को पूर्ण साक्षर तभी माना जाता है जब वहां की साक्षरता दर 95% या उससे अधिक हो। मिजोरम ने यह मापदंड पार कर लिया है।
- कुल साक्षरता दर: 98.2%
- पुरुषों की साक्षरता: 99.2%
- महिलाओं की साक्षरता: 97%
यह आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी PLFS रिपोर्ट (जुलाई 2023 – जून 2024) से लिए गए हैं।
केरल को पछाड़ा, बना शिक्षा का नया मॉडल
अब तक केरल को भारत में सबसे अधिक साक्षरता दर वाले राज्य का दर्जा प्राप्त था, लेकिन ताज़ा आंकड़ों के अनुसार मिजोरम ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और सबसे ऊपर आ गया है। यह मिजोरम के लिए न सिर्फ एक बड़ी जीत है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है।
कौन हैं सबसे कम साक्षर राज्य?
जहां मिजोरम ने शिखर पर जगह बनाई है, वहीं कुछ राज्य अब भी पीछे हैं। PLFS 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार:
- आंध्र प्रदेश: कुल साक्षरता दर 72.6%
- बिहार: कुल साक्षरता दर 74.3%
इन राज्यों को शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार की जरूरत है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
साक्षरता दर पर आधारित टॉप और बॉटम राज्य – PLFS 2023-24
भारत के सबसे अधिक साक्षर राज्य
रैंक | राज्य | कुल साक्षरता दर | पुरुष साक्षरता | महिला साक्षरता |
---|---|---|---|---|
1 | मिजोरम | 98.2% | 99.2% | 97.0% |
2 | केरल | 96.2% (लगभग) | 97.4% | 95.0% |
3 | त्रिपुरा | 95.5% (लगभग) | 96.8% | 94.2% |
भारत के सबसे कम साक्षर राज्य
रैंक | राज्य | कुल साक्षरता दर | पुरुष साक्षरता | महिला साक्षरता |
---|---|---|---|---|
1 | आंध्र प्रदेश | 72.6% | 79.1% | 66.1% |
2 | बिहार | 74.3% | 82.1% | 66.9% |
3 | राजस्थान | 75.4% (लगभग) | 84.7% | 65.5% |
मिजोरम ने कैसे हासिल की यह ऐतिहासिक सफलता?
इस उपलब्धि के पीछे केवल सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि समाज की सक्रिय भागीदारी भी रही। आइए जानें मिजोरम ने किस रणनीति से यह मुकाम हासिल किया:
- साक्षरता मिशन की योजना: राज्य सरकार ने गवर्निंग काउंसिल और कार्यकारी समिति का गठन किया, जिससे साक्षरता मिशन को संस्थागत समर्थन मिला।
- स्थानीय भाषाओं में सामग्री: SCERT मिजोरम और समग्र शिक्षा विभाग ने मिजो और अंग्रेजी भाषा में विशेष शिक्षण सामग्री तैयार की।
- निरक्षरों की पहचान: क्लस्टर रिसोर्स सेंटर समन्वयकों (CRCCs) ने राज्य भर में 3,026 निरक्षर व्यक्तियों की पहचान की।
- स्वयंसेवी शिक्षक: इनमें से 1,692 लोगों ने पढ़ने की इच्छा जताई, और उन्हें पढ़ाने के लिए 292 स्वयंसेवी शिक्षक आगे आए।
- समुदाय केंद्रों में कक्षाएं: शिक्षकों ने गांवों के स्कूलों, पुस्तकालयों और सामुदायिक भवनों में जाकर कक्षाएं चलाईं।
इन सभी संयुक्त प्रयासों के चलते मिजोरम ने देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
मिजोरम बना पूरे भारत के लिए प्रेरणा
मिजोरम की यह सफलता केवल एक रिपोर्ट का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि यदि सरकार, शिक्षक, समाज और आम लोग मिलकर काम करें, तो कोई भी राज्य पूर्ण साक्षरता हासिल कर सकता है।
अब मिजोरम न सिर्फ पूर्वोत्तर भारत बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन चुका है।
मिजोरम ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह देश के अन्य राज्यों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकती है। जरूरत है तो केवल एक स्पष्ट रणनीति, मजबूत इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास की। इस सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भारत में शिक्षा क्रांति संभव है – बस उसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
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