Air India AI 171: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें सवार 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई। इस भयावह हादसे के बाद शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाले सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा है—क्या यह हादसा किसी दुश्मन देश की ओर से किए गए साइबर हमले (Cyber Attack) का नतीजा था?
30 सेकंड में क्यों गिरा विमान ?
संजय राउत ने सवाल उठाया कि विमान ने टेकऑफ के कुछ ही सेकंड्स बाद क्रैश कैसे कर दिया? उन्होंने कहा, “मैं कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन जिस तरह से टेकऑफ के 30 सेकंड के भीतर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उससे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं।” उनके अनुसार, यह दुर्घटना केवल तकनीकी खराबी नहीं बल्कि किसी संभावित साइबर हमले का भी संकेत हो सकती है।
एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसा: अहमदाबाद क्रैश पर 7 बड़ी थ्योरी, एक्सपर्ट्स ने बताए संभावित कारण
रखरखाव और संचालन पर उठे सवाल
राउत ने कहा कि विमानन सेक्टर में मेंटेनेंस सबसे अहम होता है। उन्होंने यह जानना चाहा कि:
इस फ्लाइट की मेंटेनेंस जिम्मेदारी किस कंपनी के पास थी?
विमान के साथ दुर्घटना विशेष रूप से इसी एयरपोर्ट से क्यों हुई ?
उन्होंने बीजेपी और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया और बोइंग विमान सौदे को लेकर पुरानी राजनीतिक पृष्ठभूमि की चर्चा की।
उच्च स्तरीय समिति करेगी जांच
भारत सरकार ने हादसे की जांच के लिए एक बहु-विषयक उच्च स्तरीय समिति (Multi-Disciplinary Committee) का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व गृह सचिव करेंगे और इसमें भारतीय वायुसेना (IAF), नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसका उद्देश्य है:
- दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाना
- मौजूदा SOP की समीक्षा करना
- भविष्य की रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित गाइडलाइन बनाना
जांच के दायरे में होंगे ये सभी बिंदु:
- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (Flight Data Recorder)
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder)
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल लॉग्स (ATC Logs)
- मेंटेनेंस रिकॉर्ड
- चश्मदीद गवाहों की गवाही
समिति तीन महीने में देगी रिपोर्ट
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। रिपोर्ट में केवल तकनीकी पहलुओं का ही नहीं, बल्कि हादसे के बाद की आपात प्रतिक्रिया (Emergency Response) का भी मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही, समिति Air India समेत सभी घरेलू एविएशन ऑपरेटर्स के SOP में सुधार के सुझाव भी देगी।
साइबर अटैक का एंगल क्यों अहम है ?
राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी जोड़ा कि हाल के महीनों में भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर विदेशी साइबर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस पृष्ठभूमि में यह आशंका और मजबूत हो जाती है कि कहीं Air India फ्लाइट AI 171 के नेविगेशन या कंट्रोल सिस्टम को हैक करके तो गिराया नहीं गया।
Air India AI 171 की भयावह दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक ओर सरकार तकनीकी और प्रक्रियात्मक जांच की दिशा में कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस पर संभावित साजिश और साइबर अटैक (Cyber Sabotage) के गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जांच समिति की रिपोर्ट का अब देश को बेसब्री से इंतजार है, जो भविष्य की उड्डयन सुरक्षा नीतियों को भी प्रभावित कर सकती है।