शिक्षकों की तैनाती की नई शर्तें लागू: हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी मॉडल संस्कृत (Government Model Sanskriti Schools – GMS) और पीएम श्री (PM Shri Schools – PMS) स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए नियमों और शर्तों को जारी किया है। इस नीति का उद्देश्य इन विशेष स्कूलों में गुणवत्ता बनाए रखना, योग्य शिक्षकों को प्रोत्साहित करना और स्थायित्व सुनिश्चित करना है। नीचे हम इन शर्तों का हिंदी में संक्षिप्त और स्पष्ट विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं:
इस नीति के अंतर्गत प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत नियमित और अतिथि शिक्षक (Guest Teachers) अब चयन प्रक्रिया के माध्यम से मॉडल संस्कृत (GMS) और पीएम श्री (PMS) स्कूलों में तैनात किए जाएंगे। आइए इस नई नीति की सभी प्रमुख बातों को विस्तार से समझते हैं।
नीति का उद्देश्य और दायरा
इस नीति का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करते हुए शिक्षकों की तैनाती में पारदर्शिता और न्यायसंगत प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। यह नीति सभी श्रेणियों के नियमित और अतिथि शिक्षकों (PRT, TGT, PGT, HT, HM, Principal) पर लागू होगी, जो वर्तमान में कार्यरत हैं या भविष्य में बनने वाले GMS/PMS स्कूलों में तैनाती के इच्छुक हैं।
ये भी पढ़ें… दिल्ली पुलिस में 8,000 से ज्यादा नई भर्तियां जल्द: कांस्टेबल से सब-इंस्पेक्टर तक के पद होंगे शामिल
स्क्रीनिंग प्रक्रिया और अंक प्रणाली
तैनाती से पहले सभी इच्छुक शिक्षकों को स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा। चयन के लिए कुल 100 अंकों की मूल्यांकन प्रणाली अपनाई जाएगी, जिसमें दो मुख्य घटक होंगे:
- शैक्षणिक योग्यता: अधिकतम 40 अंक (PRT व HT के लिए 30 अंक)। प्रत्येक डिग्री या डिप्लोमा (10वीं, 12वीं, स्नातक, स्नातकोत्तर, B.Ed.) में प्राप्त अंकों का 0.1% वेटेज दिया जाएगा।
- स्क्रीनिंग टेस्ट: PGT, TGT, HM, ESHM, Principal के लिए 60 अंकों की लिखित परीक्षा; PRT और HT के लिए 70 अंकों की परीक्षा आयोजित होगी।
इन दोनों के योग से अंतिम मेरिट तैयार की जाएगी। स्क्रीनिंग परीक्षा की वैधता तीन वर्षों तक होगी।

महत्वपूर्ण तिथियाँ
- आवेदन शुरू होने की तिथि: 6 जून 2025
- आवेदन की अंतिम तिथि: 13 जून 2025 (रात 10 बजे तक)
- परीक्षा और परिणाम: विभाग द्वारा समयानुसार सूचित किया जाएगा।
तैनाती की प्रक्रिया: ऑनलाइन और चरणबद्ध तरीका
- ऑनलाइन आवेदन: इच्छुक शिक्षक 6 जून 2025 से 13 जून 2025 रात 10 बजे तक MIS पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
- चरणबद्ध तैनाती प्रक्रिया:
- सभी शिक्षकों को स्क्रीनिंग टेस्ट देना होगा।
- पात्र शिक्षकों की सूची अलग-अलग (नियमित और अतिथि) बनाई जाएगी।
- पहले चरण में नियमित शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। चयन मेरिट और प्राथमिकता के आधार पर होगा।
- उसके बाद अतिथि शिक्षकों को उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर तैनात किया जाएगा।
- शेष रिक्तियों पर तीसरे चरण में अन्य पात्र शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

ये भी पढ़ें… Haryana Home Stay योजना: अब घर बैठे कमाएं 10 हजार रोज, सरकार देगी फ्री
अनिवार्य नियम और शर्ते
1. न्यूनतम सेवा अवधि: तीन वर्ष की अनिवार्य तैनाती
जो भी शिक्षक GMS या PMS स्कूलों में तैनात होंगे, उन्हें न्यूनतम तीन वर्षों तक लगातार सेवा करना अनिवार्य होगा। यह सेवा एक या एक से अधिक मॉडल संस्कृत/पीएम श्री स्कूलों में दी जा सकती है।
2. आवेदन के लिए आयु सीमा
किसी भी शिक्षक की अधिकतम आयु 55 वर्ष होनी चाहिए, ताकि वह तीन वर्षों की अनिवार्य सेवा पूरी कर सके। यह आयु सीमा उस तारीख के आधार पर तय होगी जो स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए आवेदन की अंतिम तिथि होगी।
3. एक से दूसरे GMS/PMS स्कूल में तैनाती का विकल्प
यदि कोई शिक्षक पहले से किसी GMS/PMS स्कूल में कार्यरत है, तो वह अपनी इच्छा से किसी अन्य GMS/PMS स्कूल में तैनाती के लिए आवेदन कर सकता है, भले ही उसने पहले स्कूल में तीन वर्ष पूरे नहीं किए हों।
4. एक ही स्कूल में सेवा की अवधि और पुनः तैनाती
एक शिक्षक लगातार निर्धारित कार्यकाल तक एक ही GMS/PMS स्कूल में कार्यरत रह सकता है। इसके बाद, वह अगले तैनाती अभियान में किसी अन्य स्कूल के लिए पात्र होगा। साथ ही, यदि वह तीन वर्षों की सेवा पूरी कर चुका है, तो वह पूर्ववर्ती स्कूल में पुनः तैनाती का विकल्प भी चुन सकता है।
5. स्वेच्छा से इस्तीफा देने का प्रभाव
यदि कोई शिक्षक स्वेच्छा से GMS या PMS स्कूल से बाहर आता है, तो उसे पुनः तैनाती के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट फिर से पास करना अनिवार्य होगा। पूर्व में प्राप्त पात्रता स्वतः रद्द मानी जाएगी।
6. रेशनलाइजेशन का प्रभाव
यदि किसी शिक्षक को संविधानिक पुनर्संरचना (rationalization) के कारण GMS/PMS स्कूल से बाहर कर दिया जाता है, तो वह अपनी पसंद और योग्यता के आधार पर किसी अन्य रिक्त पद पर तैनात हो सकता है।
7. पदोन्नति का प्रभाव
यदि कोई शिक्षक या प्रधानाचार्य, जो GMS/PMS स्कूल में तैनात है, पदोन्नत हो जाता है, तो वह उसी स्कूल में कार्य जारी नहीं रख सकता। पुनः उसी श्रेणी के स्कूल में तैनाती के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया से दोबारा गुजरना होगा, और पिछली स्क्रीनिंग की पात्रता निरस्त मानी जाएगी।
8. मेवात बनाम रोह (Rest of Haryana) कैडर का निर्धारण
- मेवात कैडर से संबंधित शिक्षक हरियाणा के अन्य जिलों (RoH) में स्थित स्कूलों में तैनात नहीं किए जाएंगे।
- RoH के शिक्षक, यदि वे स्वयं इच्छुक हों, तो मेवात क्षेत्र के GMS/PMS स्कूलों में तैनात हो सकते हैं।
- हालांकि, प्राथमिकता हमेशा मेवात कैडर के शिक्षकों को दी जाएगी।
9. विशेष लाभ केवल स्क्रीनिंग से चयनित शिक्षकों को
केवल वही शिक्षक, जो स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरकर GMS/PMS स्कूलों में तैनात होंगे, निम्नलिखित लाभों के पात्र होंगे। जो शिक्षक बिना स्क्रीनिंग के तैनात हैं, वे इन लाभों के लिए पात्र नहीं होंगे:
a. राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण में प्राथमिकता
स्कूल शिक्षा विभाग समय-समय पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन यात्राएं, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएं आयोजित करता है। इन कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए प्राथमिकता उन्हीं शिक्षकों को दी जाएगी जो स्क्रीनिंग के माध्यम से GMS/PMS स्कूलों में तैनात हैं।
b. ब्लॉक में 15 वर्षों की सेवा सीमा में छूट
जो शिक्षक किसी सामान्य स्कूल में एक ही ब्लॉक में 15 वर्ष कार्य कर चुके हैं, उन्हें GMS/PMS स्कूल में तैनाती के लिए इस सीमा से छूट मिलेगी, बशर्ते वे स्क्रीनिंग टेस्ट उत्तीर्ण करें।
किन पदों को माना जाएगा ‘रिक्त’?
1. तीन साल की सेवा पूरी करने वाले स्क्रीनिंग-पास शिक्षकों का पद
अगर कोई शिक्षक, जिसने स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरकर GMS या PMS स्कूल में तैनाती पाई है, और तीन वर्षों की अनिवार्य सेवा पूरी कर चुका है, और
- वह आगामी तैनाती ड्राइव में भाग लेने का विकल्प चुनता है, या
- वह अन्य किसी GMS/PMS स्कूल में आगे सेवा देने की इच्छा नहीं रखता,
तो उसका वर्तमान पद ‘रिक्त’ माना जाएगा और उस पर नया चयन किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें… 8वां वेतन आयोग 2026: जानें सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी
2. एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक का पद
यदि किसी शिक्षक की सेवानिवृत्ति अगले एक वर्ष के भीतर होने वाली है, तो उसका पद ‘मानी गई रिक्ति’ (Deemed Vacancy) माना जाएगा।
यह नियम उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया है और उनकी VRS की तिथि अगले एक वर्ष के अंदर की है।
3. बिना स्क्रीनिंग प्रक्रिया वाले शिक्षकों के पद
जो शिक्षक बिना स्क्रीनिंग प्रक्रिया के GMS/PMS स्कूल में कार्यरत हैं और उन्होंने नियत कार्यकाल यानी 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है,
उनका पद भी रिक्त माना जाएगा।
4. ऐसे शिक्षक जो सामान्य स्कूल से GMS/PMS स्कूल में स्थानांतरित हुए
यदि कोई शिक्षक पहले सामान्य स्कूल (General School) में कार्यरत था और बाद में वह स्कूल GMS या PMS में बदल गया,
और शिक्षक ने GMS/PMS के रूप में भी पूरा कार्यकाल पूरा कर लिया है, तो
ऐसे पद को भी ‘रिक्त’ की श्रेणी में रखा जाएगा।
5. अस्थायी तैनाती या प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण वाले पद
वे पद, जिन पर शिक्षक:
- नवीन नियुक्ति (Fresh Appointment) के बाद अस्थायी रूप से तैनात किए गए हैं,
- या प्रमोशन के उपरांत अस्थायी रूप से तैनात हुए हैं,
- या उन्हें प्रशासनिक कारणों से GMS/PMS स्कूल में स्थानांतरित किया गया है,
इन सभी स्थितियों में भी पद को ‘रिक्त’ माना जाएगा और उस पर नियमित प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाएगा।
विशेष परिस्थितियों में शिक्षकों को मिलेगा ऑफलाइन स्वैच्छिक ट्रांसफर का अवसर
1. विवाह, तलाक या पारिवारिक विछोह पर मिलेगा ट्रांसफर का लाभ
यदि किसी शिक्षक की शादी हो जाती है या वह विधवा/विधुर/तलाकशुदा/न्यायिक रूप से अलग हो जाता है, और यह स्थिति दो तैनाती ड्राइव के बीच में घटित होती है (यानी एक ड्राइव पूरी होने के बाद और अगली ड्राइव शुरू होने से पहले), तो:
- उसे मैन्युअल रूप से वरीयता के आधार पर ट्रांसफर की सुविधा दी जा सकती है, बशर्ते संबंधित स्कूल में पद रिक्त हो।
- ट्रांसफर GMS, PM Shri या सामान्य स्कूल में किया जा सकता है।
- ऐसे शिक्षक को अगली जनरल ट्रांसफर ड्राइव या डिप्लॉयमेंट ड्राइव में भाग लेना अनिवार्य होगा।
- एक बार के लिए 80 अंक Protected Category के तहत दिए जाएंगे।
- इस स्थिति में 3 वर्षों के न्यूनतम सेवा की बाध्यता से छूट भी दी जाएगी।
2. इन आधारों पर हो सकता है अस्थायी मुख्यालय स्थानांतरण
जब ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव चलन में नहीं है, उस दौरान शिक्षक विशेष परिस्थितियों में अस्थायी मुख्यालय परिवर्तन (Temporary Shifting of Headquarter) के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं:
i. चिकित्सा आधार (Medical Grounds):
- यदि शिक्षक स्वयं या उनके नज़दीकी पारिवारिक सदस्य (पति/पत्नी या बच्चे) किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, और
- AIIMS, PGI चंडीगढ़, PGI रोहतक या हरियाणा/दिल्ली/चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र प्राप्त है,
तो उस आधार पर अस्थायी ट्रांसफर की अनुमति मांगी जा सकती है।
ii. परिवार में मृत्यु के आधार पर (Death of Family Member):
- यदि शिक्षक के किसी निकटतम पारिवारिक सदस्य (पति/पत्नी या बच्चे) का निधन हो जाता है, तो भी अस्थायी ट्रांसफर के लिए अनुरोध किया जा सकता है।
iii. सेवानिवृत्ति से पहले एक वर्ष से कम सेवा अवधि शेष होने पर:
- यदि किसी शिक्षक की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम समय बचा है, तो वे भी इस प्रावधान के तहत ट्रांसफर की मांग कर सकते हैं।
3. मुख्यमंत्री स्तर पर होगा अंतिम निर्णय
उपरोक्त किसी भी स्थिति में, शिक्षक को अपने दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करना होगा। विभागीय प्रमुख (Head of Department) आवेदन की प्रामाणिकता की जांच करेंगे और अपनी स्पष्ट सिफारिश के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार शिक्षक को ट्रांसफर की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सूचना विभाग द्वारा दी जाएगी।
पदोन्नति, क्षेत्रीय प्राथमिकता और रूलिंग पॉइंट्स
- पदोन्नति पर प्रभाव: यदि कोई शिक्षक GMS/PMS में पदोन्नत होता है, तो वह उसी स्कूल में नहीं रह सकता। पुनः स्क्रीनिंग से गुजरना अनिवार्य होगा।
- मेवात बनाम ROH: मेवात क्षेत्र के शिक्षक ROH (हरियाणा के अन्य भाग) में नहीं तैनात किए जाएंगे। लेकिन ROH के शिक्षक मेवात में अपनी इच्छा से तैनात हो सकते हैं।
- पिछली नीति को निष्प्रभावी बनाना: इस नीति के लागू होते ही इससे पूर्व की सभी संबंधित नीतियों के विरोधाभासी प्रावधान स्वतः ही रद्द माने जाएंगे।
ये भी पढ़ें… हरियाणा: शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राइव को CMO की मंजूरी, जेबिटी शिक्षकों को करना होगा इंतजार
शिकायत निवारण प्रणाली
अगर किसी शिक्षक को तैनाती आदेश से कोई आपत्ति हो, तो वह 15 दिनों के भीतर “सुगम सम्पर्क पोर्टल” पर शिकायत दर्ज कर सकता है। विभाग द्वारा 15 दिनों में निर्णय लेकर उत्तर दिया जाएगा।
क्यों है यह नीति महत्वपूर्ण?
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई यह शिक्षक तैनाती नीति GMS और PMS स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे न केवल योग्य और प्रतिबद्ध शिक्षकों की पहचान होगी बल्कि छात्रों को बेहतर शिक्षा का अवसर भी मिलेगा। पारदर्शी प्रणाली से विभाग की साख भी बढ़ेगी और योग्य शिक्षकों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
(Disclaimer: उपरोक्त जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। आवेदन पत्र भरने से पहले या किसी भी निर्णय से पूर्व संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट अवश्य देखें।)
Whatsapp updates पर अन्य जानकारी पाने के लिए हमारे Whatsapp चैनल को फॉलो करे