1998 की ICC नॉकआउट ट्रॉफी के बाद साउथ अफ्रीका कोई भी ICC टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है। अब लॉर्ड्स के मैदान पर एक नया इतिहास बनने की कगार पर है टीम — सिर्फ कुछ रन और, और फिर टूट जाएगा 27 साल का सूखा।
साउथ अफ्रीका WTC फाइनल जीत की दहलीज पर है, और इस सफर में दो खिलाड़ी सबसे अहम साबित हुए – एडन मार्कराम और कप्तान टेम्बा बवूमा।
बवूमा का जज्बा और मार्कराम का शतक, इतिहास से कुछ कदम दूर साउथ अफ्रीका
लॉर्ड्स में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में साउथ अफ्रीका ने दमदार वापसी करते हुए जीत की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। कप्तान टेम्बा बवूमा की हैमस्ट्रिंग चोट के बावजूद हिम्मती बल्लेबाज़ी और एडन मार्कराम के शानदार शतक ने टीम को 282 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मज़बूती से खड़ा कर दिया है।
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक साउथ अफ्रीका ने 2 विकेट पर 213 रन बना लिए थे और अब उन्हें जीत के लिए सिर्फ 69 रन और चाहिए।
कैसे बदला मैच का रुख: गेंदबाज़ों की वापसी
पहली पारी में 138 रनों पर ऑलआउट होने के बाद लग रहा था कि प्रोटियाज दबाव में आ चुकी है। लेकिन दूसरी पारी में कगिसो रबाडा और लुंगी एनगिडी की आक्रामक गेंदबाज़ी ने ऑस्ट्रेलिया को 207 रन पर समेट दिया। रबाडा ने मैच में 9 विकेट लिए।
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तीसरे दिन बदली पिच, ऑस्ट्रेलिया से हुई चूक
तीसरे दिन पिच बल्लेबाज़ों के लिए बेहद अनुकूल हो गई थी, लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलिया के सभी प्रमुख बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे। स्टार्क ने ज़रूर अर्धशतक जड़ा, लेकिन उनके और हेज़लवुड के बीच आखिरी विकेट की 59 रनों की साझेदारी ही टीम को 200 पार पहुंचा सकी।
बवूमा और मार्कराम की जुझारू जोड़ी
चौथी पारी में रायन रिकेल्टन और वियान मुल्डर जल्दी आउट हो गए, लेकिन इसके बाद बवूमा और मार्कराम की जोड़ी ने 143 रनों की नाबाद साझेदारी कर मैच को साउथ अफ्रीका के पक्ष में मोड़ दिया।
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- एडन मार्कराम ने 159 गेंदों में नाबाद 102 रन बनाए और ICC फाइनल में शतक लगाने वाले पहले साउथ अफ्रीकी बन गए।
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- बवूमा, जो 65* रन बनाकर नाबाद हैं, हैमस्ट्रिंग की चोट के बावजूद संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अर्धशतक 83 गेंदों में पूरा किया।
स्लिप में गिरा कैच, टूटी स्मिथ की उंगली
बवूमा जब केवल 2 रन पर थे, तब उन्होंने मिचेल स्टार्क की गेंद पर स्लिप में कैच दिया जो स्टीव स्मिथ पकड़ नहीं पाए और उनकी उंगली टूट गई। स्मिथ फाइनल से बाहर हो गए और वेस्ट इंडीज़ दौरे पर भी नहीं खेल पाएंगे।
अब क्या होगा आगे?
चौथे दिन साउथ अफ्रीका अगर 69 रन और बना लेता है तो यह उनकी पहली ICC ट्रॉफी होगी 1998 के बाद। इससे पहले उन्होंने कई बार सेमीफाइनल या नॉकआउट चरण में हार का सामना किया है।
साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ी कोच ऐशवेल प्रिंस ने कहा – इतिहास कहता है कि हम ICC इवेंट्स में सफल नहीं रहे, लेकिन कल सब बदल सकता है।”
ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें ज़िंदा
ऑस्ट्रेलिया हालांकि अभी भी हार मानने को तैयार नहीं। खिलाड़ी बॉ बीवेबस्टर ने कहा – “क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है। हमें सुबह नई ऊर्जा के साथ आना होगा।”
पैट कमिंस टेस्ट रिकॉर्ड: लॉर्ड्स में गेंद की गूंज और इतिहास की दस्तक
क्या इतिहास रचेगा साउथ अफ्रीका?
लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर साउथ अफ्रीका WTC फाइनल जीत कर वह उपलब्धि हासिल कर सकता है जिसे पाने के लिए 27 साल इंतज़ार करना पड़ा है। अगर ऐसा हुआ, तो यह ना सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण होगा। क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाएगा – वो भी उस टीम के नाम, जिसे अक्सर ‘नर्वस नेल्सन’ के नाम से ICC टूर्नामेंट्स में याद किया जाता है।