निप्पॉन इंडिया इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FoF: कम रिस्क में टैक्स-एफिशिएंट रिटर्न पाने का अवसर

India Briefs Team
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Nippon India New Fund Offer : निप्पॉन इंडिया इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FoF में सब्सक्रिप्शन 11 जून तक खुला है. (Image : Pixabay)

नए निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं? अगर आपका लक्ष्य है कम जोखिम में स्थिर रिटर्न और टैक्स की बचत, तो निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की नई स्कीम इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव फंड ऑफ फंड (FoF) एक स्मार्ट विकल्प हो सकता है।

यह स्कीम NFO (New Fund Offer) के रूप में 2 जून 2025 को लॉन्च हो चुकी है और 11 जून 2025 तक निवेश के लिए खुली रहेगी। यह एक हाइब्रिड फंड ऑफ फंड है, जो सीधे स्टॉक्स में नहीं बल्कि दूसरे म्यूचुअल फंड्स (Arbitrage और Debt Funds) में निवेश करती है। इसका उद्देश्य बाजार की अस्थिरता के बीच भी स्थिर और टैक्स-एफिशिएंट रिटर्न देना है।


निवेश रणनीति: बैलेंस और सेफ्टी का मिश्रण

निप्पॉन इंडिया इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FoF की पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी 2 प्रकार के फंड्स में निवेश पर आधारित है:

  • आर्बिट्राज फंड्स (Arbitrage Funds) – 35% से अधिक हिस्सा
  • डेट फंड्स (Debt Funds) – 65% से कम हिस्सा

इस तरह, स्कीम pure equity funds से ज्यादा स्थिर और pure debt funds से ज्यादा रिटर्न देने की संभावना रखती है। हालांकि यह स्कीम नई है, लेकिन इस तरह की थीम पर आधारित दूसरी स्कीमें पिछले एक साल में 5.5% से 11.6% तक का रिटर्न दे चुकी हैं।


आर्बिट्राज फंड्स कैसे काम करते हैं?

आर्बिट्राज फंड्स बाजार में एक ही स्टॉक की अलग-अलग कीमतों (जैसे कैश मार्केट और फ्यूचर्स मार्केट) का लाभ उठाकर मुनाफा कमाते हैं। फंड मैनेजर लगातार इन अंतर को मॉनिटर करते हैं और उसी के अनुसार एसेट एलोकेशन को एक्टिवली रीबैलेंस करते हैं।

इसमें:

  • ब्याज दरों का ट्रेंड
  • क्रेडिट रिस्क
  • लिक्विडिटी

का गहन विश्लेषण होता है। इस स्कीम की खासियत है कि यह सीधे स्टॉक्स में निवेश नहीं करती, बल्कि अलग-अलग स्कीम्स में निवेश करके डायवर्सिफिकेशन और रिस्क मैनेजमेंट को बैलेंस करती है।


एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी का सारांश

एसेट कैटेगरीमिनिमम इन्वेस्टमेंटमैक्सिमम इन्वेस्टमेंटरिस्क प्रोफाइल
आर्बिट्राज और डेट म्यूचुअल फंड्स95%100%Medium to High
डेट एंड मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स0%5%Low to Medium

टैक्सेशन: पोस्ट टैक्स रिटर्न में बेहतरी

यह स्कीम टैक्स के नजरिए से बेहद आकर्षक है। यदि निवेशक कम से कम 2 साल तक निवेश को होल्ड करते हैं, तो उन पर केवल 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लागू होता है। जबकि डेट फंड्स में यह लाभ नहीं होता और वहां गेन आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है।

इस वजह से:

  • हाई टैक्स ब्रैकेट वाले निवेशकों को अधिक लाभ
  • 2-3 साल के होराइजन वाले निवेशकों के लिए आदर्श विकल्प

NFO की महत्वपूर्ण तारीखें

घटनातारीख
NFO ओपनिंग डेट2 जून 2025
NFO क्लोजिंग डेट11 जून 2025
स्कीम दोबारा खुलने की तारीख23 जून 2025

अन्य विशेषताएं

  • न्यूनतम निवेश: ₹500
  • SIP/STP/Auto-switch विकल्प उपलब्ध
  • कोई एग्जिट लोड नहीं – आप जब चाहें पैसा निकाल सकते हैं
  • रिस्क लेवल: Moderate
  • उद्देश्य: स्थिर और टैक्स-एफिशिएंट रिटर्न

क्या यह डेट फंड का विकल्प है?

यह पूरी तरह डेट फंड का विकल्प नहीं है, लेकिन यह उनसे बेहतर पोस्ट टैक्स रिटर्न देने में सक्षम है। हालांकि, फंड ऑफ फंड्स होने के कारण इसका एक्सपेंस रेश्यो थोड़ा अधिक हो सकता है। यह स्कीम पोर्टफोलियो में 5-10% का हिस्सा बना सकती है, खासकर उन निवेशकों के लिए जिनका निवेश समयावधि 2-3 साल है और जो रिस्क कम, रिटर्न स्थिर और टैक्स एफिशिएंसी की तलाश में हैं।


किन निवेशकों के लिए उपयुक्त है यह फंड?

  • कंज़र्वेटिव इन्वेस्टर्स जो सीधे इक्विटी में पैसा लगाने से बचना चाहते हैं
  • हाई टैक्स ब्रैकेट में आने वाले टैक्स सेविंग की तलाश में निवेशक
  • ऐसे निवेशक जो अपने पैसे को 2-3 साल तक होल्ड कर सकते हैं
  • निवेशक जो कम वोलैटिलिटी और मॉडरेट रिस्क पसंद करते हैं

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सोच-समझकर करें निवेश

कुल मिलाकर, निप्पॉन इंडिया इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FoF NFO एक ऐसा विकल्प है जो कम रिस्क, टैक्स सेविंग और स्टेबल रिटर्न की तलाश में लगे निवेशकों के लिए उपयुक्त है। हालांकि किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले यह जरूरी है कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों, निवेश क्षितिज और जोखिम प्रोफाइल का अच्छी तरह से मूल्यांकन करें।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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