अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। कई बार निवेशक अपने पुराने निवेशों को भूल जाते हैं या मिलने वाले डिविडेंड पर ध्यान नहीं देते। ऐसे में आपके शेयर पर संकट खड़ा हो सकता है। सरकार ने Investor Education and Protection Fund की व्यवस्था की है, जो ऐसे अनक्लेम्ड डिविडेंड और उससे जुड़े शेयरों को अपने अधीन ले लेता है।
IEPF क्या है?
Investor Education and Protection Fund की स्थापना Ministry of Corporate Affairs (MCA) ने की थी। इसका उद्देश्य उन निवेशकों की सुरक्षा करना है, जिनके लाभांश (डिविडेंड), बोनस, रिफंड या शेयर लंबे समय तक बिना क्लेम किए रह जाते हैं।
IEPF में ट्रांसफर की गई संपत्तियों को सरकार एकत्र करती है और निवेशक को सही प्रक्रिया से वह संपत्ति वापस लेने का अधिकार देती है।
Investor Education and Protection Fund नियम क्या कहता है?
अगर कोई निवेशक लगातार 7 वर्षों तक किसी शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड को क्लेम नहीं करता यानी डिविडेंड की राशि उसके बैंक खाते में नहीं पहुंचती, तो उस स्थिति में कंपनी ऐसे शेयरों को IEPF के खाते में ट्रांसफर कर सकती है।
इससे पहले कंपनी निवेशक को नोटिस भेजती है। यदि इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती, तो शेयर IEPF खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं।
कैसे पहचानें कि आपके शेयर IEPF में ट्रांसफर हो चुके हैं?
- अगर आपके डिमैट अकाउंट से अचानक कोई शेयर गायब हो जाए या संख्या कम हो जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि शेयर IEPF में ट्रांसफर हो गए हैं।
- आप Investor Education and Protection Fund की वेबसाइट या संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर जाकर भी जांच सकते हैं।
- अपने स्टॉक ब्रोकर या DP (Depository Participant) से तत्काल संपर्क करें।
कैसे बचाएं अपने शेयर IEPF में ट्रांसफर होने से?
निवेशकों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उनका निवेश सुरक्षित रहे:
- डिविडेंड ट्रैक करें: समय-समय पर अपने बैंक खाते में चेक करते रहें कि डिविडेंड जमा हो रहा है या नहीं।
- बैंक डिटेल्स अपडेट रखें: अगर आपका पुराना खाता बंद हो गया है या NACH फेल हो रहा है, तो अपने डिमैट खाते में नई बैंक जानकारी अपडेट कराएं।
- डिमैट अकाउंट सक्रिय रखें: लंबे समय तक डिमैट खाता इनएक्टिव रहने से जोखिम बढ़ता है।
- कंपनी और RTA से जुड़े रहें: हर साल कंपनी से कॉर्पोरेट ऐक्शन (Corporate Action) की जानकारी लेते रहें और समय पर प्रतिक्रिया दें।
- ईमेल और मोबाइल नंबर अपडेट रखें: ताकि कंपनी की ओर से भेजे जाने वाले नोटिस और अलर्ट आपको मिल सकें।
अगर शेयर IEPF में ट्रांसफर हो गए हों तो कैसे वापस पाएं?
IEPF में चले गए शेयर वापस लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और MCA द्वारा संचालित होती है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:
- IEPF की आधिकारिक वेबसाइट iepf.gov.in पर जाएं।
- फॉर्म IEPF-5 भरें। इसमें PAN, डिमैट डिटेल्स, बैंक अकाउंट और शेयर की जानकारी देनी होती है।
- जरूरी दस्तावेज जैसे ID प्रूफ, PAN कार्ड, शेयर सर्टिफिकेट/स्टेटमेंट, क्लेम लेटर स्कैन करके अपलोड करें।
- फॉर्म को संबंधित कंपनी और उसके RTA (Registrar and Transfer Agent) को भिजवाएं।
- कंपनी और RTA दस्तावेजों की जांच करके मंत्रालय को रिपोर्ट भेजते हैं।
- अगर सब सही होता है, तो Ministry of Corporate Affairs (MCA) आपके शेयर दोबारा आपके डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर देती है।
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मदद की ज़रूरत हो तो…
- IEPF हेल्पलाइन: 1800 114 667
- ईमेल: iepfhelpdesk@mca.gov.in
- IEPF पोर्टल: www.iepf.gov.in
जरूरी सलाह
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें। अगर आपके पास कई साल पुराने निवेश हैं, तो उन्हें तुरंत चेक करें — कहीं देर ना हो जाए।
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