भोपाल – MP पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाला : मध्य प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है जिसने न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आधार आधारित पहचान प्रणाली की खामियों को भी उजागर कर दिया है। अब तक इस मामले में 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें 18 अभ्यर्थी, 2 आधार सेवा वेंडर, और 4 सॉल्वर शामिल हैं। वहीं, राज्य भर में कुल 21 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
परीक्षा में बायोमेट्रिक डेटा के साथ छेड़छाड़
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि कई उम्मीदवारों ने अपना आधार बायोमेट्रिक डेटा बदलवाकर परीक्षा में प्रॉक्सी कैंडिडेट भेजे। ये बायोमेट्रिक बदलाव बिना किसी वैध फिजिकल वेरिफिकेशन के करवाए गए, जिससे असली उम्मीदवार परीक्षा स्थल पर मौजूद हुए बिना भी लिखित परीक्षा पास करने में कामयाब हो गए।
जांच के दौरान जिन पाँच उम्मीदवारों ने नवंबर 2024 में आयोजित फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) में हिस्सा लिया था, वे असल में परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। उनके स्थान पर किसी और ने लिखित परीक्षा दी थी। GPS लोकेशन ट्रैकिंग और हैंडराइटिंग व फिंगरप्रिंट मिलान से इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।
तकनीकी जांच और फॉरेंसिक प्रक्रिया शुरू
आईजी लॉ एंड ऑर्डर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि इस पूरे घोटाले की उच्च तकनीकी और फॉरेंसिक जांच की जा रही है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है जो DGP (पुलिस महानिदेशक) की निगरानी में कार्य कर रही है।
इसके अतिरिक्त, सभी चयनित उम्मीदवारों का दोबारा बायोमेट्रिक सत्यापन, आधार लॉग इतिहास की समीक्षा और चरित्र सत्यापन की प्रक्रिया भी तेज़ी से की जा रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
आधार सेवा वेंडर की भूमिका संदिग्ध
जांच में पाया गया कि कुछ आधार सेवा प्रदाताओं (वेंडर) ने लालच के चलते बिना किसी उचित फिजिकल चेक के बायोमेट्रिक डेटा अपडेट कर दिए, जिससे फर्जी कैंडिडेट्स को परीक्षा देने का रास्ता मिल गया। यह मामला केवल परीक्षा घोटाले तक सीमित नहीं, बल्कि यह आधुनिक डिजिटल पहचान प्रणाली की कमजोरियों को भी सामने लाता है।
अब तक कहां-कहां दर्ज हुई FIR
अब तक दर्ज 21 FIR में सबसे अधिक मुरैना में 7, शिवपुरी में 6, श्योपुर में 2, जबकि इंदौर, ग्वालियर, दतिया, अलीराजपुर, राजगढ़ और शहडोल में एक-एक मामला सामने आया है।
सीबीआई जांच की नहीं है जरूरत: पुलिस
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी, तो IG लॉ एंड ऑर्डर ने साफ कहा कि राज्य पुलिस पूरी तरह सक्षम है और जांच तेज़ गति से जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस प्रकरण में शामिल हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
MP पुलिस कांस्टेबल भर्ती में सामने आया यह घोटाला सिर्फ एक भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह हमारे डिजिटल सिस्टम की कमियों और भ्रष्टाचार के नेटवर्क को भी उजागर करता है। यह मामला आने वाले समय में देशभर की भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार और निगरानी के नए मानदंड तय कर सकता है।
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