भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों के लिए एक बेहद अहम और परिवर्तनकारी फैसला लिया है। अब छात्र एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम (Academic Programmes) कर सकेंगे। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की सोच के अनुरूप है, जो बहु-विषयक और लचीले शिक्षण की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
इस निर्णय से न केवल छात्रों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे, बल्कि उनकी शैक्षणिक यात्रा भी अधिक प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण बन सकेगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह नया नियम क्या है, कैसे काम करेगा, और किन बातों का ध्यान रखना होगा।
क्या है UGC का नया नियम 2025?
यूजीसी के 589वें बैठक (3 अप्रैल 2025) में यह निर्णय लिया गया कि छात्र अब दो शैक्षणिक प्रोग्राम एक साथ कर सकते हैं। इसके लिए आयोग ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनके अंतर्गत ये प्रमुख बातें शामिल हैं:
दो कोर्स एक साथ करने के मान्य तरीके
1. दोनों रेगुलर कोर्स (फिजिकल मोड में)
छात्र एक साथ दो फुल-टाइम रेगुलर कोर्स कर सकते हैं, बशर्ते दोनों कोर्स की कक्षाएं अलग-अलग समय पर चलें।
📍 उदाहरण:
रवि सुबह 8 से 12 बजे तक BA (इतिहास) की क्लास करता है और दोपहर 2 से 5 बजे तक कंप्यूटर डिप्लोमा की क्लास अटेंड करता है।
👉 यह मान्य है, क्योंकि दोनों क्लास टाइमिंग अलग-अलग हैं।
2. एक रेगुलर + एक ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) या ऑनलाइन कोर्स
यह सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका है।
आप कॉलेज जाकर एक रेगुलर कोर्स कर सकते हैं और दूसरा कोर्स घर बैठे ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड से।
📍 उदाहरण:
सुषमा B.Com रेगुलर कर रही हैं और साथ ही IGNOU से ऑनलाइन MBA भी कर रही हैं।
👉 यह तरीका UGC द्वारा पूर्णतः मान्यता प्राप्त है।
3. दोनों कोर्स ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड से
यदि कोई छात्र चाहे तो दोनों कोर्स ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड से कर सकता है, बशर्ते दोनों कोर्स UGC या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से संचालित हो रहे हों।
किन संस्थानों से कोर्स करना मान्य है?
UGC ने साफ किया है कि:
- दोनों कोर्स केवल उन्हीं संस्थानों से होने चाहिए जो UGC, AICTE या अन्य वैधानिक निकायों से मान्यता प्राप्त हों।
- ओपन/ऑनलाइन कोर्स UGC की Distance Education Bureau या अन्य संबंधित परिषद से स्वीकृत होने चाहिए।
किन छात्रों पर ये नियम लागू नहीं होंगे?
यह दिशानिर्देश Ph.D. प्रोग्राम पर लागू नहीं होते।
यदि कोई छात्र पहले से दो कोर्स एक साथ कर चुका है, तो वो केवल तभी मान्य होगा जब वह पुराने UGC नियमों और विश्वविद्यालय की नीति के अनुसार किया गया हो।
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इस कदम का उद्देश्य क्या है?
NEP 2020 की भावना को आगे बढ़ाते हुए, UGC का यह कदम छात्रों की बहु-विषयक क्षमता को निखारने की दिशा में है:
- छात्रों को अपनी पसंद के विषयों में रुचि और विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
- कला, विज्ञान, वाणिज्य, तकनीकी, व्यावसायिक, और खेल – सभी क्षेत्रों में अध्ययन को लचीला और एकीकृत बनाया गया है।
- करियर के नए विकल्प खुलेंगे, साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में भी सहायता मिलेगी।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- समय प्रबंधन करें: दो कोर्स करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए एक अच्छा टाइमटेबल बनाएं।
- विश्वविद्यालय से पुष्टि करें: दोनों कोर्स आपके यूनिवर्सिटी द्वारा मान्य हैं या नहीं, इसकी पुष्टि करें।
- UGC की वेबसाइट देखें: नवीनतम अपडेट और वैध संस्थानों की सूची के लिए UGC की वेबसाइट नियमित रूप से चेक करें।
UGC का यह नया नियम छात्रों को पढ़ाई में लचीलापन, बहु-विषयक शिक्षा और करियर विकल्पों में वृद्धि का अवसर प्रदान करता है। अगर इसे सही तरह से अपनाया जाए, तो यह भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
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