चंडीगढ़: हरियाणा में हुए पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा एक्शन लिया है। इस कांड में संलिप्त पाए गए 25 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिनमें 4 डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP), 3 स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और 1 चौकी इंचार्ज शामिल हैं। इसके अलावा, 5 निरीक्षकों (4 सरकारी और 1 निजी) के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं।

कानून व्यवस्था पर सख्ती, कई अधिकारी हुए निलंबित इस मामले में मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि सरकार परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेपर लीक नहीं हुआ था, बल्कि इसे सार्वजनिक कर दिया गया था। इसको लेकर राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नर (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
8 छात्र और 4 बाहरी लोगों पर एफआईआर दर्ज पेपर लीक कांड में शामिल पाए गए 8 छात्रों और 4 बाहरी लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि परीक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के लिए संगठित रूप से साजिश रची गई थी। इस घटना के बाद 2 केंद्र पर्यवेक्षकों को भी निलंबित कर दिया गया है।
सीएम सैनी का कड़ा संदेश मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि परीक्षा प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की अनियमितताओं को अंजाम न दे सके।
राज्य में पेपर लीक पर सख्त रुख हरियाणा सरकार लगातार परीक्षा प्रणाली में सुधार और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इससे पहले भी कई मामलों में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की थी। सरकार का यह रुख दर्शाता है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया इस कड़े कदम पर जनता ने मुख्यमंत्री के फैसले की सराहना की है। छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि इस तरह की सख्ती से ही पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और सरकार से और अधिक पारदर्शिता लाने की अपील की है।
इस घटना के बाद हरियाणा सरकार परिक्षाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नई नीतियों पर विचार कर रही है। प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि भविष्य में कोई भी इस तरह की धोखाधड़ी न कर सके।
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