नई दिल्ली।
देश में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लागू सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत आवेदन प्रक्रिया को अब और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 16 जून 2025 से RTI ऑनलाइन पोर्टल (www.rtionline.gov.in) पर आवेदन करते समय ई-मेल OTP वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है।
इस कदम का उद्देश्य न केवल डेटा सुरक्षा को बढ़ाना है, बल्कि डिजिटल पारदर्शिता और साइबर सुरक्षा को मजबूत करना भी है।
क्यों जरूरी है ई-मेल OTP वेरिफिकेशन?
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) देश के नागरिकों को सरकारी विभागों से जानकारी प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्रदान करता है। लेकिन समय के साथ बढ़ते साइबर खतरों और डेटा लीक की घटनाओं ने सरकार को तकनीकी सुधारों की ओर बढ़ने को मजबूर किया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, अब कोई भी नागरिक RTI आवेदन तभी सबमिट कर पाएगा, जब वह अपनी पंजीकृत ई-मेल आईडी पर प्राप्त OTP के माध्यम से खुद को वेरिफाई करेगा।
RTI पोर्टल पर OTP वेरिफिकेशन कैसे करेगा काम?
RTI पोर्टल पर ई-मेल OTP वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी तरह सरल और यूज़र-फ्रेंडली रखी गई है। इसकी स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया इस प्रकार है:
- उपयोगकर्ता RTI पोर्टल (www.rtionline.gov.in) पर लॉग इन करेगा।
- आवश्यक विवरण भरने के बाद, OTP वेरिफिकेशन के लिए एक प्रोम्प्ट स्क्रीन पर आएगा।
- एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) उस ई-मेल आईडी पर भेजा जाएगा, जिसे आवेदन के समय दर्ज किया गया है।
- OTP दर्ज करने के बाद ही आवेदन को ‘Submitted’ की स्थिति में माना जाएगा।
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि केवल वैध और वास्तविक उपयोगकर्ता ही पोर्टल का उपयोग करें, जिससे फर्जी या बेकार आवेदनों की संख्या में कमी आएगी।
डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का मानना है कि किसी भी नागरिक का व्यक्तिगत डेटा उसकी डिजिटल पहचान का अहम हिस्सा है। इसलिए RTI पोर्टल पर यह नया OTP वेरिफिकेशन फीचर इस दिशा में उठाया गया एक प्रगतिशील कदम है।
DoPT की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है:
“RTI पोर्टल पर नागरिकों की गोपनीयता और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह बदलाव लागू किया जा रहा है, ताकि आवेदन प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित बनी रहे।”
इस व्यवस्था से पोर्टल की साइबर संरचना को भी मजबूती मिलेगी, जिससे संभावित हैकिंग या डेटा चोरी की घटनाओं को प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा।
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RTI पोर्टल की उपयोगिता और बढ़ती पहुँच
RTI पोर्टल केवल एक आवेदन प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह नागरिकों को सरकारी व्यवस्था के करीब लाने वाला एक सशक्त माध्यम है। इसके जरिए नागरिक:
- अपना RTI आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं
- आवेदन की वर्तमान स्थिति जान सकते हैं
- अपील दर्ज कर सकते हैं और उसकी स्थिति ट्रैक कर सकते हैं
- जवाब मिलने के बाद फीडबैक भी प्रदान कर सकते हैं
अब OTP वेरिफिकेशन फीचर के जुड़ने से इन सभी सेवाओं में अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ी जा रही है।
डिजिटल इंडिया और साइबर सुरक्षा की ओर एक और कदम
यह बदलाव डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में एक और मील का पत्थर है। भारत सरकार विभिन्न सरकारी पोर्टलों पर सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव करती रहती है।
ई-मेल वेरिफिकेशन जैसी सुविधाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार तकनीकी विकास को अपनाने और आम नागरिक की जानकारी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
नागरिकों के लिए जरूरी सुझाव
चूंकि 16 जून 2025 के बाद RTI आवेदन करने के लिए ई-मेल वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा, इसलिए नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें:
- हमेशा सक्रिय और सटीक ई-मेल आईडी का ही उपयोग करें
- आवेदन भरने से पहले अपनी ई-मेल आईडी एक्सेस कर सकने की पुष्टि करें
- OTP समय पर दर्ज करें, क्योंकि यह सीमित समय तक ही वैध होगा
- पोर्टल से जुड़ी जानकारी या OTP मेल को किसी से साझा न करें
RTI आवेदन प्रक्रिया में ई-मेल OTP वेरिफिकेशन का अनिवार्य होना एक स्वागतयोग्य और समयानुकूल बदलाव है। इससे जहां एक ओर पोर्टल की विश्वसनीयता और डेटा सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर नागरिकों का सरकारी तंत्र पर विश्वास और भागीदारी भी मजबूत होगी।
RTI अब सिर्फ जानकारी हासिल करने का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आपकी भूमिका निभाने का डिजिटल टूल बन गया है।
इसलिए, अगर आप RTI के माध्यम से पारदर्शिता की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो 16 जून 2025 के बाद से अपनी ई-मेल आईडी के जरिए वेरिफिकेशन को तैयार रहें।
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