
दिल्ली में एक बार फिर नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। विधानसभा में विधायकों ने दो गांव के नाम बदलने की मांग की है। जिसमें नजफगढ़ और मोहम्मदपुर का नाम शामिल है। इससे पहले भी दिल्ली में नाम बदलने की आवाज उठ चुकी है।
दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को नियम-280 के तहत भाजपा विधायक नीलम पहलवान और अनिल शर्मा ने अपने-अपने क्षेत्र के एक-एक गांव का बदलने की मांग की। विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ करने की मांग की, जबकि आरकेपुरम क्षेत्र के विधायक अनिल शर्मा ने मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधवपुर रखने का आग्रह किया।
‘नजफगढ़ से पहले नाहरगढ़ नाम था’
नीलम ने सदन में कहा कि नजफगढ़ का नाम पहले नाहरगढ़ था, लेकिन औरंगजेब ने इसे बदलकर नजफगढ़ कर दिया था। राजा नाहर सिंह ने वर्ष 1857 की क्रांति में इस क्षेत्र को दिल्ली प्रांत में शामिल करवाया था। उनके योगदान के कारण इस इलाके को नाहरगढ़ नाम से पहचाना जाना चाहिए।
दिल्ली के नजफगढ़ से भाजपा विधायक नीलम पहलवान ने विधानसभा के बाहर कहा कि आज मैंने नजफगढ़ क्षेत्र का मुद्दा उठाया है। नजफगढ़ क्षेत्र का नाम नजफगढ़ से बदलकर ‘नाहरगढ़’ रखा जाए। मैं नजफगढ़ क्षेत्र की उम्मीद बनकर इस मुकाम पर पहुंची हूं तो मेरी प्राथमिकता है वहां के लोगों की आवाज उठाना। आज मुझे पहला मौका मिला तो मैंने अपने राजा नाहर सिंह के नाम पर नजफगढ़ का नाम रखने का मुद्दा सदन में उठाया।
#WATCH | Delhi: On her demadn to change the name of 'Najafgarh' to 'Nahargarh' BJP MLA from Najafgarh, Neelam Pahalwan says, "Najafgarh has fought a lot in the past, and the name of Najafgarh should be changed…The voice of the people of Najafgarh is my voice so I will raise… pic.twitter.com/ZW68kGcY5l
— ANI (@ANI) February 27, 2025
मोहम्मदपुर का बदले नाम
नीलम ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए यह भी कहा कि यह नाम परिवर्तन क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान को भी सम्मानित करेगा। वहीं, अनिल शर्मा ने कहा कि मोहम्मदपुर का नाम अब माधवपुर होना चाहिए। उनका मानना है कि यह बदलाव स्थानीय संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान दिखाएगा। इस संबंध में एमसीडी में भी प्रस्ताव पास हो चुका है।
पहले भी उठ चुकी है नाम बदलने की मांग
विधानसभा में इलाकों के नाम बदलने की यह मांग पहली बार नहीं उठी है। इससे पहले विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी या शिव विहार करने की मांग की थी। ऐसे प्रस्तावों से दिल्ली के स्थानीय मुद्दों और इतिहास को फिर से सहेजने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, इन प्रस्तावों पर अब तक सरकार की तरफ से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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