हरियाणा में लागू हुई एकल तबादला नीति: अब ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा ट्रांसफर, अनुशासनहीनता पर कटेंगे 10 अंक

India Briefs Team
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Online Transfer Policy 2025

हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से “मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी” लागू कर दी है। इस नई नीति के तहत अब हर विभाग और कैडर के कर्मचारियों के तबादले एक तय प्रक्रिया और मेरिट आधारित स्कोरिंग सिस्टम के तहत किए जाएंगे। खास बात यह है कि अब पूरे राज्य में केवल एक ही तबादला नीति लागू रहेगी और अनुशासनहीनता करने वाले कर्मचारियों के 10 अंक काट लिए जाएंगे, जिससे उनके पसंदीदा स्थानों पर तबादला कठिन हो जाएगा।

नई नीति के मुख्य बिंदु:

  1. एकल नीति पूरे राज्य के लिए लागू:
    अब सभी विभागों में एक समान ट्रांसफर पॉलिसी लागू होगी। सभी तबादले ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे, जिससे सिफारिश, दबाव और भेदभाव की गुंजाइश नहीं रहेगी।
  2. ऑनलाइन स्कोर कार्ड सिस्टम:
    प्रत्येक कर्मचारी को उम्र, लिंग, विकलांगता, विवाहित स्थिति, बीमारियों, सेवा अवधि आदि आधारों पर 80 अंकों का मेरिट स्कोर मिलेगा। अनुशासनहीनता पर 10 अंक घटाए जाएंगे, जिससे कम अंक वाले कर्मचारी को कम वरीयता दी जाएगी।
  3. प्रमुख श्रेणियां और अंक:
    • महिला कर्मचारी: 10 अंक
    • विधवा, तलाकशुदा, 40 वर्ष से अधिक अविवाहित महिलाएं: 10 अंक अतिरिक्त
    • विकलांगता (40% से अधिक): अधिकतम 20 अंक
    • गंभीर बीमारियों से ग्रस्त कर्मचारी या उनके परिवारजन: 10 अंक
    • अनुशासनिक कार्यवाही वाले कर्मचारी: 10 अंक की कटौती
  4. सीएम के पास रहेगा विशेष अधिकार:
    मुख्यमंत्री जरूरत पड़ने पर किसी भी कर्मचारी का तबादला कर सकते हैं या उसे छूट दे सकते हैं।

ट्रांसफर प्रक्रिया कैसे चलेगी?

  1. डाटा अपडेट व सत्यापन:
    प्रत्येक विभाग अपने कैडर के कर्मचारियों का डाटा अपडेट करेगा और कर्मचारी अपने विवरण की पुष्टि करेंगे। आपत्तियाँ दर्ज करने की प्रक्रिया भी तय समय में पूर्ण होगी।
  2. स्वैच्छिक भागीदारी और रेशनलाइजेशन:
    जिन कर्मचारियों ने न्यूनतम अवधि पूरी कर ली हो, वे स्वेच्छा से तबादले में भाग ले सकते हैं। साथ ही, आवश्यकता से अधिक कर्मचारी वाले कार्यालयों में तैनात कर्मियों को तबादले में अनिवार्य भागीदारी करनी होगी।
  3. पसंद भरना और स्थान आवंटन:
    कर्मचारी ऑनलाइन यूनिट पसंद भरेंगे। मेरिट स्कोर के आधार पर उन्हें स्थान आवंटित किया जाएगा। यदि कोई विकल्प नहीं भरता तो उसे “राज्य में कहीं भी” नियुक्त किया जा सकता है।
  4. तबादला आदेश और अमल:
    अंतिम आदेश जारी होने के 10 दिनों के भीतर कर्मचारी को नए स्थान पर ज्वाइन करना अनिवार्य होगा। आदेश की अवहेलना करने पर वेतन रोका जा सकता है।

पहली बार इतने व्यापक दायरे में नीति लागू

  • यह नीति उन कैडर पर भी लागू होगी जिनमें 50 या उससे अधिक पद स्वीकृत हैं।
  • जिन कैडर में 50 से कम पद हैं, वहां भी आवश्यकता अनुसार लागू की जा सकेगी।
  • मुख्यालय और क्षेत्रीय पदों को भी ट्रांसफर ड्राइव में सम्मिलित किया गया है।

किसे नहीं होगा तबादला?

  • जो कर्मचारी 12 महीनों के भीतर रिटायर होने वाले हैं, उनका तबादला नहीं किया जाएगा।
  • कैंसर, डायलिसिस, बायपास सर्जरी, 70% से अधिक विकलांगता, विधवा महिला जिनके बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के हों — इन कर्मचारियों को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है।

ग्रेडिंग में अनुशासन का महत्व

यदि कोई कर्मचारी अनुशासन भंग करता है या प्रमुख दंड का दोषी पाया जाता है, तो उसके मेरिट स्कोर में 10 अंक घटा दिए जाएंगे। इससे कर्मचारी को अपनी पसंद के स्थान पर तबादले के मौके सीमित हो जाएंगे। यह प्रावधान सरकारी सेवाओं में अनुशासन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

महिला कर्मचारियों को मिलेगी विशेष प्राथमिकता

  • विवाहित, अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा और न्यायिक रूप से अलग महिला कर्मचारियों को 10 अंकों का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
  • हाल ही में विवाह/विधवा/तलाकशुदा महिला कर्मचारी, यदि तबादला प्रक्रिया नहीं चल रही है, तो मैन्युअल आवेदन देकर पसंदीदा स्थान पर पोस्टिंग प्राप्त कर सकती हैं।

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सीएम की भूमिका और विशेष छूट

  • मुख्यमंत्री को किसी भी कर्मचारी के तबादले की अनुमति देने या उसे तबादले से छूट देने का अधिकार रहेगा।
  • विभाग, प्रशासनिक आवश्यकता या जनहित में मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेज सकते हैं।

डेटा पारदर्शिता और शिकायत निवारण

  • हर कर्मचारी को अपने एचआरएमएस (HRMS) डेटा को अद्यतन रखना अनिवार्य है।
  • तबादला आदेश मिलने के बाद यदि किसी को आपत्ति हो, तो वह intra haryana पोर्टल पर 15 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज कर सकता है। निर्णय 15 दिनों में लिया जाएगा।

हरियाणा की यह नई तबादला नीति न केवल तकनीकी रूप से परिष्कृत है बल्कि इसमें मानवीय पहलुओं का भी समुचित ध्यान रखा गया है। इससे भ्रष्टाचार, सिफारिश और पक्षपात जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी। साथ ही, कर्मचारियों को कार्य संतोष और पारदर्शिता का अनुभव होगा।

इस नीति के माध्यम से हरियाणा सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब शासन व्यवस्था में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की मजबूत स्थापना की जाएगी।

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