हरियाणा ट्रांसफर पॉलिसी 2025: हरियाणा सरकार ने जारी की मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी, जानिए शिक्षकों के लिए क्या होंगे बड़े बदलाव
हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का ऐलान किया है, जो पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और मेरिट-बेस्ड होगी। यह पॉलिसी उन सभी कैडर पर लागू होगी जहां स्वीकृत पदों की संख्या 50 या उससे अधिक है। यह फैसला प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने और कर्मचारियों की संतुष्टि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
शिक्षकों के लिए क्यों है यह पॉलिसी खास?
- ट्रांसफर अब मेरिट प्वाइंट्स पर आधारित होंगे:
शिक्षक की आयु, लिंग, विकलांगता, बीमारियां, दंपत्ति के साथ पोस्टिंग जैसी स्थितियों के आधार पर अधिकतम 80 अंक निर्धारित किए गए हैं। - ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी तरह से OTP आधारित:
डेटा वेरिफिकेशन से लेकर चॉइस फिलिंग और फाइनल ऑर्डर तक हर स्टेप ऑनलाइन और सुरक्षित प्रणाली से किया जाएगा। - स्वेच्छा से ट्रांसफर का विकल्प:
जिन शिक्षकों ने न्यूनतम कार्यकाल पूरा कर लिया है, वे स्वेच्छा से ट्रांसफर ड्राइव में भाग ले सकते हैं, भले ही उन्होंने पूरा निर्धारित कार्यकाल न पूरा किया हो। - महिलाओं को मिलेगा प्राथमिकता:
सभी महिला कर्मचारियों को 10 अंक अतिरिक्त मिलेंगे। विधवा, तलाकशुदा या 40 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित महिलाओं को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। - सुरक्षित श्रेणी के शिक्षकों को विशेष सुविधा:
जैसे कैंसर, डायलिसिस, बायपास सर्जरी या 70% से अधिक विकलांगता वाले शिक्षक ट्रांसफर से सुरक्षित माने जाएंगे।
ट्रांसफर प्रक्रिया की मुख्य टाइमलाइन:
- डेटा सत्यापन: 7 दिन के अंदर कर्मचारियों को डेटा चेक करना होगा।
- स्वैच्छिक भागीदारी: 3 से 7 दिन के भीतर ओटीपी आधारित विकल्प भरना होगा।
- पसंद भरना (Choice Filling): 3–7 दिन का समय मिलेगा।
- फाइनल अलॉटमेंट: मेरिट स्कोर के आधार पर यूनिट का आवंटन किया जाएगा।
क्या कहती है सरकार?
हरियाणा सरकार द्वारा प्रकाशित राज-पत्र के अनुसार, यह पॉलिसी हर विभाग के लिए बाध्यकारी होगी और एक साल में कम से कम एक बार यह ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव चलाई जाएगी। कोई भी मैनुअल हस्तक्षेप नहीं होगा, जिससे ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहेगी।
जरूरी बातें जो शिक्षकों को जाननी चाहिए:
- कोई भी व्यक्तिगत सिफारिश या दबाव अब मान्य नहीं होगा।
- यदि कोई कर्मचारी गलत जानकारी देता है, तो उसे राज्य में कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
- हर कर्मचारी को अपने HRMS डेटा को अपडेट रखना होगा, यही डेटा ट्रांसफर के समय आधार बनेगा।
अगर शिकायत है तो क्या करें?
यदि किसी शिक्षक को ट्रांसफर में कोई आपत्ति है, तो वह आदेश जारी होने के 15 दिन के भीतर intraharyana.nic.in के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे, पहले नई जगह पर जॉइन करना अनिवार्य होगा।
हरियाणा ट्रांसफर पॉलिसी 2025: सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले 10 सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: हरियाणा ट्रांसफर पॉलिसी 2025 किन कर्मचारियों पर लागू होती है?
उत्तर: यह पॉलिसी उन सभी कैडर पर लागू होती है जिनके स्वीकृत पदों की संख्या 50 या उससे अधिक है। इसमें सभी नियमित सरकारी कर्मचारी आते हैं, लेकिन All India Services, HCS (Executive) और अन्य कुछ कैटेगरी इससे बाहर रखी गई हैं।
प्रश्न 2: क्या यह नई पॉलिसी शिक्षकों पर भी लागू होती है?
उत्तर: हाँ, यह पॉलिसी शिक्षण/प्रशिक्षण से जुड़े पदों पर भी लागू होती है, जब तक कि कैडर की स्वीकृत संख्या 50 या उससे अधिक हो और उन्हें अपवाद स्वरूप बाहर न रखा गया हो।
प्रश्न 3: ट्रांसफर के लिए मेरिट स्कोर कैसे निर्धारित किया जाएगा?
उत्तर: कुल 80 अंकों का मेरिट स्कोर होता है — 60 अंक उम्र के आधार पर और 20 अंक विशेष श्रेणी जैसे महिला, विकलांगता, गंभीर बीमारी, कपल केस आदि के आधार पर दिए जाते हैं।
प्रश्न 4: Protected Employee किसे माना जाएगा?
उत्तर: वे कर्मचारी जो अगले 12 महीनों में रिटायर हो रहे हैं, गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, 70% से अधिक विकलांग हैं, या विधवा महिला हैं जिनके बच्चे 10 वर्ष से छोटे हैं — उन्हें Protected Employee कहा जाएगा।
प्रश्न 5: क्या ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है?
उत्तर: हाँ, पूरी ट्रांसफर प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसमें OTP आधारित डेटा वेरिफिकेशन, स्वैच्छिक भागीदारी, चॉइस फिलिंग और ट्रांसफर आदेश शामिल हैं।
प्रश्न 6: स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए कौन पात्र है?
उत्तर: जिन कर्मचारियों ने न्यूनतम कार्यकाल पूरा कर लिया है, वे ट्रांसफर ड्राइव में स्वेच्छा से भाग ले सकते हैं, भले ही निर्धारित अधिकतम कार्यकाल पूरा न हुआ हो।
प्रश्न 7: ट्रांसफर प्रक्रिया की प्रमुख टाइमलाइन क्या है?
उत्तर:
- डेटा सत्यापन: 7 दिन
- स्वैच्छिक भागीदारी: 3–7 दिन
- चॉइस फिलिंग: 3–7 दिन
- यूनिट अलॉटमेंट: 5 दिन
- आदेश क्रियान्वयन: 10 दिन
प्रश्न 8: अगर कोई कर्मचारी गलत जानकारी देता है तो क्या परिणाम होंगे?
उत्तर: अगर कोई कर्मचारी जानबूझकर गलत जानकारी देता है, तो उसे ट्रांसफर ड्राइव से बाहर कर कहीं भी राज्य में पोस्ट किया जा सकता है।
प्रश्न 9: क्या ट्रांसफर आदेश के बाद शिकायत की जा सकती है?
उत्तर: हाँ, कर्मचारी आदेश लागू होने के 15 दिन के भीतर IntraHaryana पोर्टल पर शिकायत कर सकता है। लेकिन इसके लिए नई पोस्टिंग पर जॉइन करना अनिवार्य है।
प्रश्न 10: महिला कर्मचारियों को क्या विशेष लाभ मिलते हैं?
उत्तर: महिला कर्मचारियों को 10 अतिरिक्त अंक मिलते हैं। विधवा, तलाकशुदा या 40 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को विशेष श्रेणी में और अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं।
निष्कर्ष:
हरियाणा की यह नई ट्रांसफर नीति शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी पहल है जो पारदर्शिता, सुविधा और मेरिट आधारित प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। अब बदलाव का समय है, और यह बदलाव डिजिटल है।
Disclaimer : यह लेख 23 मई 2025 को जारी हरियाणा सरकार के राजपत्र अधिसूचना का सरल एवं खबर के रूप में सारांश है। आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया हरियाणा मानव संसाधन विभाग द्वारा जारी पूर्ण अधिसूचना का अध्ययन अवश्य करें।
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