अमेरिका से 116 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विशेष विमान शनिवार देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत निर्वासित भारतीयों का दूसरा जत्था है। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि यह विमान रात 10 बजे आने वाला था, लेकिन लगभग 11:30 बजे हवाई अड्डे पर उतरा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़कर लाया गया या नहीं।

116 भारतीयों की वापसी, पंजाब से सबसे अधिक प्रवासी
इससे पहले, 5 फरवरी को अमेरिका से अवैध प्रवासियों का पहला जत्था भारत भेजा गया था। इस बार भी अधिकांश निर्वासित पंजाब से हैं, जिन्होंने अमेरिका में बेहतर भविष्य के सपने देखे थे लेकिन उन्हें वहां की सीमा सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया और वापस भेज दिया। पहले ऐसी खबरें थीं कि इस विमान में 119 प्रवासी होंगे, लेकिन अंतिम सूची के अनुसार कुल 116 भारतीयों को वापस भेजा गया।
पंजाब से 65, हरियाणा से 33 लोग शामिल
सूत्रों के मुताबिक, इस जत्थे में सबसे अधिक 65 लोग पंजाब से हैं, जबकि 33 हरियाणा से, 8 गुजरात से, 2-2 उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से तथा 1-1 हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं। इनमें से अधिकतर की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच बताई जा रही है। कई निर्वासितों के परिवारजन उन्हें लेने के लिए अमृतसर हवाई अड्डे पहुंचे।
35 घंटे की लंबी यात्रा के बाद अमृतसर पहुंचे प्रवासी
सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी सेना के विमान ने भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे उड़ान भरी और लगभग 35 घंटे की यात्रा के बाद शनिवार रात 12 बजे अमृतसर पहुंचा। हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि इस बार भी अमेरिकी प्रशासन ने सभी निर्वासितों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर ही भेजा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा- सभी का सम्मानपूर्वक स्वागत किया जाएगा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन निर्वासित भारतीयों के प्रति सहानुभूति जताई और कहा कि ये सभी अपने लोग हैं। भले ही वे किसी भी तरीके से विदेशी धरती पर गए हों, लेकिन अब वे अपने देश लौट आए हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि लौटने वाले युवाओं को उनकी काबिलियत के अनुसार रोजगार दिया जाएगा ताकि वे अपने देश में ही सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
पहले जत्थे में आए थे 104 भारतीय
5 फरवरी को अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। इनमें से 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से थे, जबकि 30 लोग पंजाब से थे। निर्वासित प्रवासियों के परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को विदेश भेजने के लिए कृषि भूमि और मवेशियों तक को गिरवी रखकर धन जुटाया था, लेकिन उनके सारे सपने चकनाचूर हो गए।
157 भारतीयों को लेकर रविवार को आएगा तीसरा विमान
अमेरिका से अवैध प्रवासियों को भेजने की प्रक्रिया जारी है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि 16 फरवरी को 157 भारतीयों को लेकर एक और विमान अमृतसर पहुंचेगा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह विमान किस समय पहुंचेगा।
अमेरिका में बढ़ती सख्ती और प्रवासियों के सपनों का अंत
अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान तेज हो गया है, जिससे हजारों भारतीयों के सपने अधूरे रह गए हैं। अधिकतर भारतीय अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने और बेहतर जीवन की उम्मीद में अमेरिका जाते हैं, लेकिन कानूनी दिक्कतों और सख्त इमिग्रेशन नीतियों के कारण उन्हें निर्वासित होना पड़ रहा है। अमेरिका की सीमा सुरक्षा एजेंसियां अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले प्रवासियों को तुरंत गिरफ्तार कर लेती हैं और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं के बाद उन्हें उनके देश भेज दिया जाता है।
भारत लौटे प्रवासियों का भविष्य अनिश्चित
इन निर्वासित भारतीयों के लिए सबसे बड़ी चिंता अब उनके भविष्य को लेकर है। वे जिन मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करके अमेरिका पहुंचे थे, उनकी सारी मेहनत व्यर्थ हो गई। अब वे फिर से अपनी आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए संघर्ष करेंगे। कई प्रवासी अब नए अवसरों की तलाश में हैं, जबकि कुछ ने फिर से विदेश जाने की योजना बनानी शुरू कर दी है।
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