हेमकुंड साहिब पुल बहाली पर पीएम मोदी और सीएम धामी की कड़ी नजर: चमोली डीएम

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Mpd 1949: The Hemkund Sahib’s Gurudwara, a holy shrine of Sikhs situated at the foot of Hemkund Lake at about 4,320 meters, the lake which is about 2 km in circumference. Its clear, still waters mirror images of Saptashringa peaks which are 5,500 meters which surround the lake from all sides, the lake has bits of ice floating on the waters. The rock strewn shores of the lake are covered with moss and flowers in bloom. The Hemkund Sahib marks the place where Guru Gobind Singh, the tenth and last guru, unified with God after prolonged meditation in his previous birth. According to Hindu, mythology, Hemkund or Lokpal is also known where Lakshman, the brother of King Rama in Ramayana, had done his penance. Hemkund is a 15 km trek from Govindghat, which is gateway to Bhvundar or Lakshman Ganga valley, in Uttarakhand, India. The trek from Govindghat to Hemkund takes through forests of pine, rhododendron where wild roses, ferns and alpine flowers bloom. The surging water of the Lakshman Ganga is also visible. The Hemkund Sahib is open from July to October for rest of the year due to cold weathers and snow it is closed.

उत्तराखंड के चमोली जिले में भूस्खलन से ध्वस्त हुए गोविंद घाट पुल के पुनर्निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार निगरानी रख रहे हैं। चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि प्रशासन पूरी तत्परता से काम कर रहा है, ताकि हेमकुंड साहिब यात्रा से पहले पुल को बहाल किया जा सके। लोक निर्माण विभाग (PWD) और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्रास्ट्रक्चर बहाली के कार्य में तेजी लाएं।

PM Modi, CM Dhami closely monitoring Hemkund bridge restoration: Chamoli DM

डीएम तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और राज्य सरकार पुल निर्माण की प्रगति पर लगातार अपडेट ले रहे हैं। यदि तय समय में पुल नहीं बन पाता, तो वैकल्पिक मार्ग तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो।

गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी यात्रा के लिए गोविंद घाट पुल एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इसके ध्वस्त होने से न केवल तीर्थयात्रियों को कठिनाई हो रही है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों की आजीविका पर भी असर पड़ सकता है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि सभी संसाधनों को झोंककर पुल को जल्द से जल्द तैयार किया जाएगा, ताकि यात्रा सुचारू रूप से शुरू हो सके।

स्थानीय व्यापारियों और श्रद्धालुओं पर असर

गोविंद घाट पुल केवल तीर्थयात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। यात्रा सीजन में हजारों श्रद्धालु इस मार्ग से गुजरते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। यदि पुल का निर्माण समय पर नहीं होता, तो इसका सीधा असर होटल, ढाबों, दुकानों और परिवहन सेवाओं पर पड़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

चारधाम यात्रा पर भी पड़ेगा प्रभाव

गोविंद घाट पुल बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है और इसका सीधा संबंध चारधाम यात्रा से भी है। यदि यह मार्ग बाधित रहता है, तो इसका असर सिर्फ हेमकुंड साहिब यात्रा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बद्रीनाथ धाम यात्रा भी प्रभावित हो सकती है। प्रशासन इसको लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है, ताकि अन्य धार्मिक यात्राओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

सरकार का आश्वासन – तय समय में होगा पुल निर्माण

राज्य सरकार और प्रशासन ने श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया है कि हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू होने से पहले नया पुल तैयार करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इंजीनियरों की विशेष टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, और यदि कोई देरी होती है, तो अस्थायी पुल या वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाएगी।

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