शुक्र गोचर 2025: वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, भौतिक सुख-सुविधाओं, वैवाहिक जीवन, और ऐश्वर्य का कारक माना जाता है। 31 मई 2025 को सुबह 11:17 बजे शुक्र देव ने मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश किया है और वे यहाँ आगामी 23 दिनों तक रहेंगे। मेष राशि के स्वामी मंगल हैं, जिनके साथ शुक्र का संबंध तटस्थ माना जाता है। इससे कुछ राशियों को लाभ होगा, जबकि कुछ को सतर्क रहना पड़ेगा। आइए जानते हैं सभी 12 राशियों पर इसका असर और उपाय।
मेष राशि:
शुक्र के लग्न भाव में गोचर से खर्चों में वृद्धि और बचत में कमी संभव है। करियर में तनाव, वरिष्ठों से अनबन और व्यापार में कम लाभ की आशंका है। प्रेम संबंधों में दूरी और स्वास्थ्य में थकान और आंखों की समस्या हो सकती है।
उपाय: रोज़ 41 बार “ॐ बुधाय नमः” का जाप करें।
वृषभ राशि:
शुक्र के बारहवें भाव में आने से आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी। यात्रा और काम का दबाव संभव है। व्यापार में लाभ में कमी और जीवनसाथी से दूरी रह सकती है। स्वास्थ्य में पैरों व जांघों में दर्द हो सकता है।
उपाय: बृहस्पतिवार को यज्ञ-हवन करें।
मिथुन राशि:
ग्यारहवें भाव में शुक्र से आय के नए स्रोत बनेंगे और करियर में मौके मिलेंगे। विदेश से लाभ और प्रेम जीवन में सुखद समय की संभावना है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
उपाय: मंगलवार को “ॐ केतवे नमः” का जाप करें।
कर्क राशि:
दसवें भाव में शुक्र के प्रभाव से करियर में उतार-चढ़ाव और नौकरी बदलने की संभावना है। व्यापार में लाभ में कमी और पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। स्वास्थ्य में सिरदर्द या उच्च रक्तचाप की समस्या संभव है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र पढ़ें।
सिंह राशि:
नवम भाव में शुक्र से धार्मिक यात्रा और करियर में नए अवसर मिल सकते हैं। व्यापार में लाभ और जीवनसाथी से मधुर संबंध बनेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ भास्कराय नमः” मंत्र का जाप करें।
कन्या राशि:
आठवें भाव में शुक्र के कारण मानसिक असुरक्षा, व्यापार में नुकसान और पारिवारिक कलह की संभावना है। आंखों में जलन या दर्द हो सकता है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ नमो नारायण” का जाप करें।
तुला राशि:
सप्तम भाव में शुक्र से नए मित्र बन सकते हैं लेकिन पुराने संबंधों में चुनौती आ सकती है। करियर में दबाव रहेगा, पर उच्चाधिकारियों से संबंध सुधरेंगे। स्वास्थ्य में हल्की सर्दी-खांसी की समस्या संभव है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र पढ़ें।
वृश्चिक राशि:
छठे भाव में शुक्र से रिश्तों में दरार, काम का बोझ और व्यापार में प्रतिस्पर्धा से तनाव संभव है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च की संभावना है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ भौमाय नमः” मंत्र पढ़ें।
धनु राशि:
पंचम भाव में शुक्र से करियर में असंतोष और व्यापार में हानि हो सकती है। जीवनसाथी से मतभेद और बच्चों की सेहत पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र पढ़ें।
मकर राशि:
चौथे भाव में शुक्र से पारिवारिक तनाव और कार्यस्थल पर सहयोगियों से संबंध बिगड़ सकते हैं। व्यापार में औसत लाभ और पैरों व जांघों में दर्द की आशंका है।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ वायुपुत्राय नमः” मंत्र पढ़ें।
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कुंभ राशि:
तीसरे भाव में शुक्र से किस्मत का साथ मिलेगा और करियर में नई संभावनाएं बनेंगी। व्यापार में मुनाफा और निजी जीवन में मधुर संबंध संभव हैं।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ मंदाय नमः” मंत्र पढ़ें।
मीन राशि:
दूसरे भाव में शुक्र से आत्मविश्वास में कमी, आर्थिक अस्थिरता और करियर में असंतोष संभव है। व्यापार में हानि और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय: रोज़ 11 बार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
Disclaimer: यह ज्योतिषीय विश्लेषण वैदिक ज्योतिष और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। यह व्यक्तिगत कुंडली के बिना सामान्य भविष्यफल है। सटीक परिणाम हेतु विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लें।
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