हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को भारी नुकसान पहुँचाया है। 10 नगर निगमों में से 9 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया, जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। कांग्रेस एक भी सीट पर सफलता हासिल नहीं कर सकी।
मेयर चुनावों में बीजेपी का दबदबा
बीजेपी ने 10 नगर निगमों में से 9 में मेयर पद पर विजय प्राप्त की है। इनमें अंबाला, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, फरीदाबाद, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, और यमुनानगर शामिल हैं। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर इंदरजीत यादव ने जीत दर्ज की।
नगर निगमों में विजयी उम्मीदवारों की सूची:
- रोहतक: बीजेपी के राम अवतार वाल्मीकि
- फरीदाबाद: बीजेपी की प्रवीण बत्रा जोशी
- करनाल: बीजेपी की रेणु बाला गुप्ता
- हिसार: बीजेपी के प्रवीण पोपली
- पानीपत: बीजेपी की कोमल सैनी
- गुरुग्राम: बीजेपी की राज रानी मल्होत्रा
- सोनीपत: बीजेपी के राजीव जैन
- मानेसर: निर्दलीय डॉक्टर इंदरजीत यादव
- यमुनानगर: बीजेपी की सुमन बाहमनी
- अंबाला: बीजेपी की शैलजा सचदेवा
म्युनिसिपल काउंसिल और कमेटियों में भी बीजेपी का प्रदर्शन
म्युनिसिपल काउंसिल और म्युनिसिपल कमेटियों में भी बीजेपी ने अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे राज्य में पार्टी की मजबूती स्पष्ट होती है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की इस बड़ी हार पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले भी इन नगर निगमों में बीजेपी ही जीती थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने इन चुनावों में प्रचार नहीं किया था और इन चुनाव नतीजों से कांग्रेस विधायक दल नेता के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बीजेपी की जीत के कारण
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बीजेपी की इस जीत के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- स्थानीय विकास कार्य: बीजेपी सरकार द्वारा राज्य में किए गए विकास कार्यों ने जनता का विश्वास जीता है।
- संगठनात्मक मजबूती: बीजेपी का मजबूत संगठन और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता ने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कांग्रेस की अंदरूनी कलह: कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान और गुटबाजी ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।
आगे की राह
बीजेपी की इस जीत से राज्य में पार्टी की स्थिति और मजबूत हुई है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों में भी पार्टी को लाभ मिल सकता है। वहीं, कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने और संगठन में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
हरियाणा के निकाय चुनावों में बीजेपी की यह प्रचंड जीत राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। कांग्रेस के लिए यह समय आत्ममंथन का है, जबकि बीजेपी को अपनी नीतियों और विकास कार्यों को जारी रखते हुए जनता का विश्वास बनाए रखना होगा।
ऐसी खबरों के लिए हमें फॉलो करें:-https://indiabriefs.com/