भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस की दस्तक ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और आम जनता को सतर्क कर दिया है। देश भर में कोविड-19 के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं और स्थिति को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार समेत कई राज्यों ने एडवाइजरी जारी कर दी है।

दिल्ली सरकार की सख्त तैयारी
कोरोना मामलों में अचानक हो रही वृद्धि को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक व्यापक एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि राजधानी में अब तक 23 कोरोना मामले दर्ज किए जा चुके हैं और सभी अस्पतालों को तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
एडवाइजरी के तहत:
- सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवाइयों, वैक्सीन और बेड की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा गया है।
- प्रत्येक कोविड पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने का निर्देश दिया गया है।
- सभी संस्थानों को अपनी कोरोना रिपोर्ट दिल्ली हेल्थ डेटा पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट करनी होगी।
यह एडवाइजरी ऐसे समय पर जारी की गई है, जब पाकिस्तान, चीन, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे पड़ोसी देशों में भी कोरोना मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि यह वैश्विक पुनरुत्थान का संकेत है और भारत को पहले से सतर्क रहना होगा।
अहमदाबाद से गाजियाबाद तक फैला संक्रमण
गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक ही दिन में 20 नए मरीज सामने आए, जिससे राज्य में कुल एक्टिव केस 33 हो गए हैं। अब तक यहां कुल 40 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में भी 4 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है, जिनमें से तीन को होम आइसोलेशन में रखा गया है और एक मरीज अस्पताल में भर्ती है। वहीं हरियाणा में 48 घंटे के अंदर 5 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। इस बात की पुष्टि हुई है कि इन मरीजों की कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है, जिससे सामुदायिक संक्रमण की आशंका और भी बढ़ जाती है।
कर्नाटक के बेंगलुरु शहर से भी एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जहां महज 9 महीने का एक शिशु कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इन सबके बीच, देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 312 तक पहुंच गई है और अब तक दो मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 की दस्तक
इस बार संक्रमण की प्रमुख वजह ओमिक्रोन का नया सब-वैरिएंट JN.1 और इसके दो अन्य सब-वैरिएंट्स LF7 और NB1.8 माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि ये वैरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं, लेकिन यह जरूर स्पष्ट हुआ है कि यह कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर तेजी से असर डाल सकते हैं।
JN.1, ओमिक्रोन के BA.2.86 का ही एक स्ट्रेन है, जिसे सबसे पहले अगस्त 2023 में पहचाना गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिसंबर 2023 में इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। यह वैरिएंट लगभग 30 म्यूटेशन्स के साथ आता है, जो इंसानी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 वैरिएंट अत्यंत संक्रामक है, लेकिन यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं फैलाता। फिर भी यह आज विश्व के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बन चुका है।
JN.1 के लक्षण और लंबा कोविड
JN.1 वैरिएंट के लक्षण हल्के से लेकर मध्यम स्तर तक हो सकते हैं और इनकी अवधि कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकती है। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक लक्षण महसूस होते हैं, तो उसे “लॉन्ग कोविड” की स्थिति हो सकती है, जिसमें वायरस शरीर से बाहर निकलने के बाद भी थकान, सांस लेने में दिक्कत, नींद की गड़बड़ी, मांसपेशियों में दर्द, ब्रेन फॉग जैसी समस्याएं बनी रहती हैं।
हरियाणा सरकार का ऐक्शन प्लान
हरियाणा में नए मरीज मिलने के बाद, रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा PGI में 10 बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। इसके अलावा, सभी सरकारी अस्पतालों को संदिग्ध कोरोना मरीजों की टेस्टिंग और सैंपलिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, विशेष रूप से मास्क पहनें और भीड़भाड़ से बचें।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना की किसी नई लहर का संकेत तो नहीं है, लेकिन मौसम में बदलाव और लोगों की इम्यूनिटी में गिरावट इस संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार चल रहे लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
कैसे करें बचाव?
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें
- बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ हो तो तुरंत जांच करवाएं
- वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने में देर न करें
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
सावधानी ही सुरक्षा
कोरोना एक बार फिर दस्तक दे चुका है और हमें पहले की तरह लापरवाह नहीं होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारें तैयार हैं, लेकिन महामारी से बचाव के लिए नागरिकों की सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। मास्क पहनना, टेस्ट कराना, और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत आइसोलेशन में जाना अब भी बेहद जरूरी है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अफवाहों से बचें और सिर्फ अधिकृत स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें। आने वाले हफ्तों में सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है।