ऑनलाइन डेटिंग ऐप टिंडर एक बार फिर चर्चा में है और इस बार वजह है उसका नया और विवादित हाइट फ़िल्टर। यह फ़ीचर कुछ प्रीमियम यूज़र्स को उनकी पसंद की लंबाई के आधार पर पार्टनर चुनने की सुविधा देता है। इससे एक तरफ जहां कुछ लोग इसे बेहतर विकल्प मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई यूज़र्स इसे भेदभावपूर्ण और रिश्तों की गहराई को सतही बनाने वाला कदम बता रहे हैं।
जो और एश्ले की कहानी: जब प्यार लंबाई नहीं देखता
जो की लंबाई 5 फ़ुट 6 इंच यानी लगभग 167 सेंटीमीटर है—जो अमेरिका में पुरुषों की औसत लंबाई से थोड़ी कम मानी जाती है। लेकिन जब 24 वर्षीय एश्ले ने उन्हें टिंडर पर देखा, तो उनके लिए लंबाई कोई मायने नहीं रखती थी। एश्ले बताती हैं, “हम अपने जुनून और रुचियों के बारे में बात कर रहे थे, न कि सिर्फ बाहरी चीज़ों पर फोकस कर रहे थे।”
अब जब टिंडर एक नए हाइट फ़िल्टर का ट्रायल कर रहा है, तो एश्ले को चिंता है कि यदि उन्होंने ये फ़िल्टर पहले इस्तेमाल किया होता, तो शायद जो से कभी मुलाकात नहीं होती। वहीँ जो कहते हैं, “यदि हम सिर्फ शारीरिक गुणों पर ध्यान देंगे, तो हम एक सच्चे और गहरे रिश्ते से चूक सकते हैं।”
हाइट फ़िल्टर की हकीकत: कहां और किसके लिए?
टिंडर का यह नया हाइट फ़िल्टर फ़िलहाल केवल उसके दो सबसे महंगे प्रीमियम प्लान्स में उपलब्ध कराया गया है और इसका परीक्षण कुछ चुनिंदा देशों में किया जा रहा है, हालांकि टिंडर ने इन देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। यह फ़ीचर ऐप के एल्गोरिदम को यूज़र की पसंद के अनुसार अनुकूल करता है और उसके हिसाब से संभावित मैच दिखाता है।
सोशल मीडिया पर बहस और मज़ाक
टिंडर के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोग इसे छोटे कद वाले पुरुषों के खिलाफ साजिश बता रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, “टिंडर ने छोटे कद वाले पुरुषों के खिलाफ जंग छेड़ दी है।” जबकि एक अन्य ने मज़ाकिया लहज़े में कहा, “5 फ़ुट 9 इंच से कम वालों को तो अब स्वाइप लेफ्ट ही मिलेगा।”
कुछ यूज़र्स ने इसे समर्थन भी दिया है। उनका मानना है कि यह फ़ीचर उन लोगों को बचने में मदद करेगा जो केवल लंबाई को लेकर निर्णय लेते हैं और इससे छोटे कद के लोगों को फ़ालतू रिजेक्शन से राहत मिल सकती है।
क्या हाइट वाकई मायने रखती है?
मैनचेस्टर के रहने वाले 28 वर्षीय मैट हील, जिनकी लंबाई 5 फ़ुट 9 इंच है, कहते हैं कि उन्हें एप्स पर लंबे पुरुषों की प्राथमिकता के कारण कई बार अस्वीकृति झेलनी पड़ी है। हालांकि, वो मानते हैं कि लोगों की पसंद विविध होती है और फ़िल्टर केवल प्राथमिकता दिखाने का एक माध्यम है।
दूसरी ओर, 31 वर्षीय लंदन की लेखिका और पॉडकास्टर बेथ मैककॉल का मानना है कि हाइट फ़िल्टर से कुछ पुरुषों को सही पार्टनर ढूंढने में मदद मिल सकती है। “इससे वे महिलाएं बाहर हो सकती हैं जो केवल लंबे कद के पुरुषों को डेट करना चाहती हैं,” वे कहती हैं।
क्या यह वाकई नया है?
हाइट फ़िल्टर का आइडिया नया नहीं है। टिंडर की प्रतिस्पर्धी ऐप्स जैसे हिंज, बम्बल और ग्रिंडर पहले से ही हाइट समेत कई अन्य फ़िल्टर प्रदान करती हैं, जैसे कि शिक्षा, धर्म, धूम्रपान, शराब सेवन, ड्रग्स और यहां तक कि राशि चिन्ह भी। परंतु टिंडर की लोकप्रियता के कारण यह फ़ीचर खास महत्व रखता है।
मॉर्डन डेटिंग की उलझन
बेथ मैककॉल कहती हैं कि असली समस्या फ़िल्टर में नहीं, बल्कि ऑनलाइन डेटिंग के स्वरूप में है। “डेटिंग को अब जैसे ऑनलाइन शॉपिंग बना दिया गया है—जहां हम सिर्फ अपने पसंद की चीजें छांटते हैं,” वे कहती हैं। “थोड़ा लंबा होना किसी को बेहतर साथी नहीं बना देता, लेकिन लोग इस भ्रम में जीते हैं।”
एक्सपर्ट्स की राय: क्या कहती हैं मैचमेकिंग कंपनियां?
द मैचमेकर यूके की मैनेजिंग डायरेक्टर लारा बेसब्रोड इस फ़ीचर को लोगों की सतही पसंद को भुनाने की कोशिश मानती हैं। लेकिन वे यह भी कहती हैं कि आकर्षण कोई स्थायी चीज नहीं है और यह समय के साथ विकसित हो सकता है।
लारा कहती हैं, “एक 5 फ़ुट 7 इंच का पुरुष, जो आत्मविश्वासी, संवेदनशील और दयालु है, वह 6 फ़ुट लंबे लेकिन इन गुणों से रहित पुरुष से कहीं बेहतर साबित हो सकता है।”
ये भी पढ़ें… WhatsApp में आ रहा नया Logout फीचर: चैट्स रहेंगी सुरक्षित
टिंडर का पक्ष: सीखने और सुधारने की प्रक्रिया
टिंडर का कहना है कि यह फ़ीचर उनकी एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिससे वे ऐप पर लोगों को बेहतर और प्रासंगिक अनुभव दे सकें। टिंडर के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया, “हर टेस्ट स्थायी फ़ीचर नहीं बनता, लेकिन इससे हमें सीखने में मदद मिलती है।”
लंबाई से आगे भी है कुछ
एश्ले और जो की कहानी यह बताती है कि जब रिश्ता सच्चा हो, तो हाइट जैसी चीजें मायने नहीं रखतीं। हालांकि डिजिटल दुनिया में जहां पहली नज़र में ही निर्णय लिया जाता है, वहां ऐसे फ़िल्टर रिश्तों को और सतही बना सकते हैं।
टिंडर का यह नया हाइट फ़िल्टर लोगों को सुविधा दे सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इससे उन्हें सही पार्टनर भी मिल जाएगा। रिश्ते केवल आंकड़ों और फ़िल्टर पर नहीं, बल्कि समझ, भावनाओं और जुड़ाव पर टिके होते हैं।
हमारे Whatsapp चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें