
शक्तिकांत दास को सौंपी गई नई जिम्मेदारी
पूर्व रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) के मुताबिक, वह अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे। शक्तिकांत दास इससे पहले 2018 से 2023 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्य कर चुके हैं और दिसंबर 2024 में उन्होंने अपनी सेवा से रिटायरमेंट लिया था।
इस महत्वपूर्ण नियुक्ति से स्पष्ट है कि सरकार अपने वित्तीय प्रशासन और आर्थिक नीतियों को मजबूत करने के लिए अनुभवी और सक्षम अधिकारियों पर भरोसा कर रही है। शक्तिकांत दास की नियुक्ति को सरकार के आर्थिक सुधार एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रधान सचिव-2 के रूप में क्या होगी शक्तिकांत दास की भूमिका?
प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास वित्तीय और आर्थिक मामलों पर सरकार को रणनीतिक सलाह देंगे और नीति निर्माण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएंगे। उनका कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से निम्नलिखित होगा:
- आर्थिक सुधार और नीतिगत फैसलों पर सलाह देना
- वित्तीय प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाना
- महंगाई, टैक्सेशन, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर सरकार का मार्गदर्शन करना
- केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में मदद करना
RBI गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास का कार्यकाल
शक्तिकांत दास ने 2018 से 2023 तक भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में कार्य किया था। उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों से भरा रहा, जिनमें प्रमुख थे:
- कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखना
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीतियों का संचालन
- डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देना
- बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए नीतिगत फैसले
2021 में, केंद्र सरकार ने शक्तिकांत दास के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ा दिया था, जिससे उनकी नीतिगत क्षमताओं पर सरकार के विश्वास का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सरकारी प्रशासन में शक्तिकांत दास का योगदान
शक्तिकांत दास ओडिशा के भुवनेश्वर के रहने वाले हैं और तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। अपने चार दशक लंबे करियर में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
- आर्थिक मामलों के सचिव (वित्त मंत्रालय)
- राजस्व सचिव (वित्त मंत्रालय)
- उर्वरक सचिव
इसके अलावा, शक्तिकांत दास विभिन्न आर्थिक सुधार नीतियों और जीएसटी (GST) के कार्यान्वयन में भी शामिल रहे हैं। उनकी व्यापक प्रशासनिक क्षमताओं और अर्थशास्त्र में गहरी समझ के कारण उन्हें यह नई जिम्मेदारी दी गई है।
पीएम मोदी के प्रधान सचिव के रूप में पी.के. मिश्रा के साथ कार्य करेंगे
गौरतलब है कि पी.के. मिश्रा 11 सितंबर 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। अब शक्तिकांत दास प्रधान सचिव-2 के रूप में उनके साथ मिलकर कार्य करेंगे और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की प्रशासनिक और वित्तीय कार्यक्षमता को और सशक्त बनाएंगे।
सरकार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह नियुक्ति?
भारत सरकार वर्तमान में आर्थिक स्थिरता, वित्तीय सुधार और औद्योगिक विकास पर केंद्रित है। ऐसे में, शक्तिकांत दास का अनुभव सरकार के वित्तीय प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ बनाएगा।
- बजट 2025-26 की तैयारियों में उनकी अहम भूमिका होगी
- आर्थिक नीतियों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में योगदान देंगे
- भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में सहायता करेंगे
क्या कहती है यह नियुक्ति?
शक्तिकांत दास की प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्ति यह दर्शाती है कि सरकार अनुभवी और नीतिगत विशेषज्ञों को प्रशासन में शामिल कर रही है। यह नियुक्ति सरकार की आर्थिक स्थिरता, नीति सुधार और सुशासन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शक्तिकांत दास इस नई जिम्मेदारी में कैसे योगदान देते हैं और भारत की आर्थिक नीतियों को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
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