महाकुंभ 2025: आस्था और भव्यता के संगम का समापन

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 ने आध्यात्मिकता, संस्कृति और भव्यता के नए आयाम स्थापित किए। 45 दिनों तक चले इस अद्वितीय आयोजन ने 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को संगम तट पर स्नान करने का ऐतिहासिक अवसर दिया। यह न केवल धार्मिक आस्था का पर्व बना, बल्कि सामाजिक समरसता और भारतीय परंपरा की दिव्यता को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस महाकुंभ को विश्वस्तरीय स्वरूप प्रदान किया गया।

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66 करोड़ श्रद्धालुओं ने बनाया ऐतिहासिक रिकॉर्ड

महाकुंभ 2025 में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य स्नान कर इतिहास रच दिया। यह आंकड़ा न केवल भारत की लगभग आधी आबादी के बराबर है, बल्कि यह अब तक किसी भी आयोजन में शामिल हुई सबसे बड़ी जनसंख्या है। जाति, धर्म, ऊंच-नीच की सारी सीमाओं को तोड़ते हुए हर वर्ग के लोगों ने इस महायोजन में हिस्सा लिया।

13 अखाड़ों की परंपरागत भागीदारी

महाकुंभ 2025 में सभी 13 अखाड़ों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने तीनों अमृत स्नानों में हिस्सा लेकर सनातन परंपरा का निर्वहन किया। विशेष रूप से जूना अखाड़े का अनुगामी किन्नर अखाड़ा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना। महामंडलेश्वर पद पर कई नियुक्तियां की गईं, और दीक्षा संस्कारों का भव्य आयोजन किया गया।

महाकुंभ नगरी: 4000 हेक्टेयर में बसी भव्य आध्यात्मिक दुनिया

महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए 4000 हेक्टेयर में फैली कुंभ नगरी बसाई गई। इसमें 25 सेक्टरों में विभाजित मेला क्षेत्र, 12 किलोमीटर में विस्तृत पक्के घाट, 1850 हेक्टेयर में विशाल पार्किंग सुविधा, 31 पांटून पुल, 67,000 स्ट्रीट लाइट्स, 1.5 लाख शौचालय और 25,000 से अधिक पब्लिक एकमोडेशन शामिल थे। योगी सरकार ने इस आयोजन पर 7,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जबकि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रयागराज का कायाकल्प किया गया।

6 प्रमुख स्नान पर्वों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

महाकुंभ के दौरान 6 प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी:

  • पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) – 1.70 करोड़ श्रद्धालु
  • मकर संक्रांति (14 जनवरी) – 3.50 करोड़ श्रद्धालु
  • मौनी अमावस्या (29 जनवरी) – 7.64 करोड़ श्रद्धालु
  • बसंत पंचमी (3 फरवरी) – 2.57 करोड़ श्रद्धालु
  • माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) – 2.04 करोड़ श्रद्धालु
  • महाशिवरात्रि (26 फरवरी) – 1.53 करोड़ श्रद्धालु

इन स्नान पर्वों के अलावा, 15 से 26 फरवरी तक हर दिन संगम में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया।

नेताओं, सितारों और उद्योगपतियों ने भी लगाई आस्था की डुबकी

महाकुंभ 2025 में आम जनता के साथ-साथ कई बड़े राजनेता, बॉलीवुड सितारे और उद्योगपति भी संगम में पुण्य स्नान के लिए पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री यहां पहुंचे।

वहीं, बॉलीवुड से अक्षय कुमार, विक्की कौशल, कटरीना कैफ, पंकज त्रिपाठी, अनुपम खेर, हेमामालिनी, सोनाली बेंद्रे, विवेक ओबेरॉय, रेमो डिसूजा, कैलाश खेर, उदित नारायण जैसी हस्तियों ने भी महाकुंभ में अपनी आस्था प्रकट की।

देश के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, अनिल अंबानी, आनंद पीरामल, लक्ष्मी मित्तल और भाविश अग्रवाल जैसे बड़े कारोबारी भी अपने परिवार सहित संगम में डुबकी लगाने पहुंचे।

विपक्षी नेता भी रहे शामिल

महाकुंभ केवल सत्ता पक्ष तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं ने भी यहां पहुंचकर अपनी आस्था प्रकट की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव शुक्ला सहित कई विपक्षी नेता इस आयोजन में शामिल हुए।

खेल जगत के दिग्गजों की भी मौजूदगी

महाकुंभ 2025 में खेल जगत की हस्तियां भी श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचीं। सुनील गावस्कर, सुरेश रैना, साइना नेहवाल, बाइचुंग भूटिया, अनिल कुंबले, ईशांत शर्मा और ‘द ग्रेट खली’ ने संगम में स्नान कर साधु-संतों का आशीर्वाद लिया।

डिजिटल महाकुंभ बना आधुनिकता का प्रतीक

इस बार महाकुंभ पूरी तरह डिजिटल रूप में भी साकार हुआ। पहली बार महाकुंभ की वेबसाइट और मोबाइल एप लॉन्च किए गए। एआई चैटबॉट्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को जानकारी दी गई, जबकि गूगल नेविगेशन के लिए विशेष समझौता किया गया। डिजिटल खोया-पाया केंद्र के माध्यम से हजारों लोग अपने परिजनों से पुनर्मिलन कर सके।

सीएम योगी ने 10 बार किया महाकुंभ का निरीक्षण

महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं 10 बार महाकुंभ क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अखाड़ों के संतों से मुलाकात कर उनका सम्मान किया और सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की।

समापन: विश्वस्तरीय आयोजन का भव्य समापन

महाकुंभ 2025 का यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का भव्य प्रदर्शन था। योगी सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से इसे ऐतिहासिक रूप दिया गया, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिलीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति और आस्था की शक्ति का संदेश भी प्रसारित हुआ।

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