नाख़ून केवल हाथों और पैरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं होते, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत भी दे सकते हैं। नाख़ून त्वचा की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं और शरीर के विभिन्न पोषण तत्वों और बीमारियों का प्रतिबिंब होते हैं।

नाख़ूनों की संरचना और उनका महत्व
हमारे नाख़ून केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं, जो उंगलियों को चोट से बचाते हैं। नाख़ूनों का निचला भाग, जिसे लुनुला कहा जाता है, नई कोशिकाओं के निर्माण का केंद्र होता है। क्यूटिकल, जो नाख़ून और त्वचा को जोड़ता है, बाहरी संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
डॉक्टर नाख़ूनों की बनावट और रंग देखकर त्वचा संबंधी समस्याओं, किडनी रोगों और ऑटोइम्यून विकारों का पता लगा सकते हैं। इसलिए नाख़ूनों में होने वाले बदलावों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत
क्लबिंग (नाख़ूनों का असामान्य रूप से मुड़ना)
डॉक्टर डैन बाउमगार्ट बताते हैं कि क्लबिंग की समस्या में नाख़ून और उंगलियों के सिरे फूल जाते हैं, जिससे उंगलियां ड्रमस्टिक जैसी दिखने लगती हैं। यह समस्या आमतौर पर निम्नलिखित बीमारियों से जुड़ी होती है:
- फेफड़ों का कैंसर
- हृदय रोग
- सीलिएक रोग
- लीवर सिरोसिस
- फेफड़ों में संक्रमण
अगर नाख़ूनों में क्लबिंग देखी जाए, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
सफेद धब्बे (ल्यूकोनिशिया)
सफेद धब्बों को आमतौर पर कैल्शियम या जिंक की कमी से जोड़ा जाता है, लेकिन अध्ययनों में इस धारणा का समर्थन नहीं मिला है। आमतौर पर यह नाख़ून में चोट लगने के कारण होता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है, जैसे:
- सेलेनियम की कमी
- लीड या आर्सेनिक विषाक्तता
- सोरायसिस (त्वचा की समस्या)
- किडनी या लीवर की बीमारी
- डायबिटीज
यदि सफेद धब्बे लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।
नीले नाख़ून
अगर नाख़ून नीले दिखाई देते हैं, तो यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है। यह हृदय और सांस संबंधी बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना आवश्यक है।
नाख़ून के नीचे काली रेखाएं
नाख़ून के नीचे काली रेखाएं अक्सर चोट के कारण होती हैं, लेकिन यदि यह बिना किसी स्पष्ट कारण के बनी रहती हैं, तो यह सबंगुअल मेलेनोमा (त्वचा कैंसर का एक गंभीर प्रकार) का संकेत हो सकता है। यदि नाख़ूनों के नीचे खून बहता हुआ दिखे और यह ठीक न हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
स्प्लिंटर हेमरेज
अगर नाख़ून के नीचे छोटी लाल धारियां दिखाई दें, तो यह वैस्कुलिटिस (खून की नलिकाओं की सूजन) या हार्ट वाल्व संक्रमण का संकेत हो सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
फंगल संक्रमण और अन्य समस्याएं
नाख़ूनों का रंग बदलना संक्रमण या आंतरिक बीमारी का संकेत हो सकता है।
फंगल संक्रमण
अगर नाख़ून पीले या सफेद हो जाएं, तो यह फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इस स्थिति में संक्रमण को जल्द से जल्द रोकने के लिए एंटी-फंगल क्रीम या दवा का उपयोग करना आवश्यक है। यदि संक्रमण अधिक बढ़ जाए, तो पैरों के विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
कमजोर और मुड़ने वाले नाख़ून
अगर नाख़ून अंदर की ओर मुड़ते हैं और पतले या कमजोर दिखाई देते हैं, तो यह कोइलोनिशिया नामक स्थिति हो सकती है। इसे “स्पून नेल्स” भी कहा जाता है और यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- आयरन की कमी (एनीमिया)
- सीलिएक रोग
- थायरॉइड संबंधी समस्याएं
यदि आपके नाख़ून स्पून-शेप में दिख रहे हैं, तो आयरन की कमी की जांच करवानी चाहिए।
ब्यू लाइन्स (नाख़ूनों पर आड़ी लकीरें)
नाख़ूनों पर गहरी आड़ी लकीरें अक्सर प्रोटीन की कमी या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती हैं, जैसे:
- डायबिटीज
- पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (रक्त संचार की समस्या)
- कुपोषण
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर होगा।
स्वस्थ नाख़ूनों के लिए टिप्स

अगर आप अपने नाख़ूनों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- संतुलित आहार: प्रोटीन, आयरन, जिंक और बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- साफ-सफाई: नाख़ूनों को नियमित रूप से साफ करें और संक्रमण से बचने के लिए उन्हें बहुत अधिक काटने या कुरेदने से बचें।
- फंगल संक्रमण से बचाव: नमी से बचें और पैरों को सूखा रखें।
- बढ़िया गुणवत्ता वाले उत्पाद: नाख़ूनों के लिए हानिकारक रसायन युक्त उत्पादों से बचें।
ऐसी खबरों के लिए हमें फॉलो करें:-https://indiabriefs.com/