भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है, जिससे KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक आसान और पारदर्शी हो सकती है। इस प्रस्ताव के लागू होने से निवेशकों को सीधे लाभ मिलेगा और वित्तीय लेन-देन के लिए जरूरी केवाईसी प्रक्रिया ज्यादा सहज हो जाएगी।
KYC एजेंसियों को मान्यता देने का प्रस्ताव
SEBI KYC एजेंसी मान्यता से संबंधित इस प्रस्ताव में, बाजार नियामक ने कहा है कि अब KYC पंजीकरण एजेंसियों (KRA) को भी मान्यता प्राप्त एजेंसी के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है। अभी तक यह सुविधा केवल स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरी की सहायक कंपनियों तक सीमित थी।
सेबी ने इस विषय पर 8 जुलाई तक आम जनता से सुझाव (public comments) मांगे हैं। परामर्श पत्र में सेबी ने संकेत दिया है कि वह मान्यता एजेंसियों के लिए पात्रता मानदंडों का विस्तार करने के पक्ष में है, ताकि सभी केआरए को मान्यता मिल सके।
अभी कितनी एजेंसियों को है SEBI मान्यता?
वर्तमान में सिर्फ दो एजेंसियां सेबी से मान्यता प्राप्त हैं:
- CDSL Ventures Ltd., जो CDSL की सहायक कंपनी है
- NSDL Data Management Ltd., जो NSDL की एक शाखा है
जबकि बाजार में कुल पांच KRA पंजीकृत हैं, लेकिन मान्यता केवल दो को ही मिली है। सेबी का मानना है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से मान्यता प्राप्त एजेंसियों की संख्या बढ़ेगी और इससे प्रतिस्पर्धा (competition) को बल मिलेगा, जिससे अंततः निवेशकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
निवेशकों को कैसे होगा फायदा?
अगर SEBI KYC एजेंसी मान्यता वाला प्रस्ताव लागू होता है, तो निवेशकों के लिए केवाईसी प्रक्रिया:
- तेज़ और सरल हो जाएगी
- एक ही जगह KYC होने के बाद, बार-बार प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा
- वित्तीय संस्थानों में दस्तावेजों की पुनः जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी
ये भी पढ़ें… भारत में बने खिलौनों की वैश्विक मांग: Chhota Bheem से लेकर Motlu Patlu तक छाए विदेशी बाजार में
वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIF) की प्रक्रिया भी होगी आसान
सेबी ने वैकल्पिक निवेश फंड (Alternative Investment Funds – AIF) में निवेश को लेकर भी प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत:
- फंड मैनेजर प्रारंभिक जांच (preliminary verification) के आधार पर निवेशक को अस्थायी रूप से ऑनबोर्ड कर सकता है।
- जब तक निवेशक को मान्यता प्रमाण पत्र (accreditation certificate) नहीं मिल जाता, तब तक उससे निवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- अगर अंतिम निवेश तिथि (final close) तक प्रमाण पत्र नहीं मिलता, तो उस निवेश का अनुबंध अमान्य मान लिया जाएगा।
SEBI KYC एजेंसी मान्यता से जुड़ा यह प्रस्ताव निवेशकों और बाजार दोनों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है। इससे पारदर्शिता, सुविधा और विकल्पों में वृद्धि होगी। निवेशकों को अब इंतजार है कि 8 जुलाई के बाद सेबी इस प्रस्ताव को किस तरह से अंतिम रूप देती है।
चैनल से जुड़ने के लिए क्लिक करें |