GST Relief: 12% स्लैब खत्म करने की तैयारी?

India Briefs Team
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GST Relief: आयकर (Income Tax) में इस साल की शुरुआत में दी गई रियायतों के बाद केंद्र सरकार अब जीएसटी (GST) ढांचे में बड़े बदलाव की दिशा में बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय 12 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब को पूरी तरह हटाकर कई उपभोक्ता वस्तुओं को 5 प्रतिशत वाले निचले स्लैब में लाने पर मंथन कर रहा है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो GST Relief से सबसे अधिक फायदा मध्यम (Middle) और निम्न आय वर्ग (Low Income Group) के परिवारों को मिलेगा।

सरकार का संभावित फैसला

सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव में टूथपेस्ट, छाते, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, रसोई बर्तन, इलेक्ट्रिक इस्त्री, गीजर, सीमित क्षमता की वॉशिंग मशीन, साइकिल, ₹1,000 से महंगे रेडीमेड वस्त्र, ₹500–1,000 के जूते, स्टेशनरी, वैक्‍सीन (Vaccine), सिरेमिक टाइलें और कृषि उपकरण जैसी रोज़मर्रा की वस्तुएं शामिल हैं। इन वस्तुओं पर अभी 12% टैक्स लगता है, जिसे सीधे 5% करने से आम उपभोक्ता की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।

किसे मिलेगा सीधा लाभ?

GST Relief का उद्देश्य महंगाई से जूझ रहे परिवारों को राहत देना और उपभोक्ता मांग को मजबूती देना है। विशेषज्ञों के अनुसार, घरेलू बजट का बड़ा हिस्सा उपभोग वस्तुओं पर खर्च होता है। टैक्स दर में कटौती से न केवल खरीदारी सस्ती होगी बल्कि छोटे कारोबारी (Small Business) भी बढ़ती मांग का लाभ उठा सकेंगे।

GST राजस्व का ट्रैक रिकॉर्ड

जीएसटी (GST) व्यवस्था लागू होने के बाद से राजस्व संग्रह लगातार बढ़ रहा है। पहले नौ महीनों (जुलाई 2017 – मार्च 2018) में सकल संग्रह 7.40 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024‑25 में बढ़कर रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया—यानि सालाना 9.4% की दर से वृद्धि। वित्त मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सात वर्षों में राजस्व लगभग तीन गुना हो गया है। इससे सरकार को विश्वास है कि स्लैब तर्कसंगत (Rationalisation) करने के बाद भी आय में बड़ी गिरावट नहीं आएगी।


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आगे की राह

वित्त मंत्रालय के अधिकारी फिलहाल जीएसटी काउंसिल (GST Council) की अगली बैठक का एजेंडा तैयार कर रहे हैं। आम सहमति बनने पर 12% स्लैब समाप्त करने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे न सिर्फ कर ढांचा सरल होगा बल्कि एक समान राष्ट्रीय बाज़ार (National Market) के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी।

यदि 12% स्लैब हटाकर वस्तुओं को 5% श्रेणी में लाया जाता है, तो घरेलू बजट पर पड़ने वाला बोझ तुरंत घटेगा और खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तेज़ी मिल सकती है। अब देखना यह है कि जीएसटी काउंसिल कब तक GST Relief को हरी झंडी देती है।


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