दिल्ली में शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव, DBSE होगा बंद, शुरू होंगे CM श्री स्कूल, नए विषय पढ़ाए जाएंगे। पढ़ें शिक्षा मंत्री आशीष सूद का पूरा इंटरव्यू।
दिल्ली में शिक्षा का कायाकल्प: शिक्षा मंत्री आशीष सूद की बड़ी घोषणाएं
दिल्ली सरकार ने अपने पहले 100 दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों की शुरुआत की है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने ‘द हिन्दू’ को दिए एक विशेष इंटरव्यू में राजधानी में चल रहे और प्रस्तावित शिक्षा सुधारों की जानकारी दी। इस बातचीत में उन्होंने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) को धीरे-धीरे बंद करने की योजना, नए “CM श्री स्कूलों” की स्थापना, स्कूलों में ‘राष्ट्रनीति’ और ‘साइंस ऑफ लिविंग’ जैसे नए विषयों की शुरुआत, प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण कानून, और स्कूलों की रैंकिंग प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
DBSE की विदाई तय, CBSE रहेगा मुख्य बोर्ड
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में अब दो स्कूल बोर्ड रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए DBSE को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष DBSE के तहत कोई नया एडमिशन नहीं लिया गया है। सूद ने DBSE की स्थापना को पिछली सरकार का “कंफ्यूजन पैदा करने वाला कदम” करार दिया और कहा कि CBSE पहले से एक मजबूत और मान्य बोर्ड है, इसलिए उसी को आगे बढ़ाया जाएगा।
CM श्री स्कूल: सरकारी स्कूलों को मिलेगा प्राइवेट स्कूल जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर
दिल्ली सरकार अब CM श्री स्कूलों की श्रृंखला शुरू कर रही है, जो सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के स्तर तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, AI-सहायता प्राप्त टीचिंग टूल्स, लैंग्वेज लैब्स और बेहतर आधारभूत सुविधाएं होंगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि इन स्कूलों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के सभी पहलुओं के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
शुरुआती चरण में पूरी तरह नए भवनों के निर्माण की बजाय मौजूदा स्कूलों को ही अपग्रेड किया जा रहा है। जैसे पहले प्रतिभा विद्यालयों को डॉ. भीमराव अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (SOSE) में बदला गया था, वैसे ही कुछ स्कूलों को CM श्री स्कूलों में रूपांतरित किया जाएगा।

प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगेगा लगाम, नया कानून लाया गया
प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से बढ़ाई जा रही फीस पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने नया कानून पेश किया है। मंत्री सूद के अनुसार, यह कानून आम जनता को आर्थिक शोषण से राहत देगा और स्कूलों की जवाबदेही तय करेगा। DPS द्वारका जैसे मामलों में जहां अभिभावकों को अदालत से न्याय मिला है, सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच कमिटी भेजकर सक्रिय भूमिका निभाई।
नए विषय: ‘राष्ट्रनीति’ और ‘साइंस ऑफ लिविंग’
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा में वैचारिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दो नए विषयों की शुरुआत की जा रही है — ‘राष्ट्रनीति’ और ‘साइंस ऑफ लिविंग’।
राष्ट्रनीति: यह विषय बच्चों में देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देगा। जैसे यमुना की स्वच्छता, नागरिक दायित्व, और राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दे इसमें शामिल होंगे।
साइंस ऑफ लिविंग: बच्चों की मानसिक और भावनात्मक सेहत के लिए यह विषय तैयार किया गया है। इसमें योग, मेडिटेशन और तनाव प्रबंधन को सिखाया जाएगा। श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव और सद्गुरु जैसे अध्यात्मिक गुरुओं की शिक्षाओं को भी शामिल किया जाएगा।
फीस वापसी और निगरानी प्रणाली
जब तक नया कानून पूरी तरह लागू नहीं होता, सरकार अस्थायी प्रावधानों के जरिए प्राइवेट स्कूलों की निगरानी रख रही है। मंत्री ने कहा कि गैरकानूनी रूप से वसूली गई फीस की वापसी सुनिश्चित की जाएगी और कानून के तहत दोषी संस्थानों पर कार्रवाई होगी।
12 डीयू कॉलेजों की फंडिंग पर भी समाधान
दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों में फंडिंग की समस्या को भी सरकार ने प्राथमिकता दी है। 1 अप्रैल को नए क्वार्टर के लिए ग्रांट-इन-एड जारी कर दी गई है जिससे कर्मचारियों की सैलरी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी समस्याएं हल हो सकें। सरकार अब नए गवर्निंग बॉडीज का गठन भी कानूनी प्रक्रिया के तहत करेगी।
स्कूल रैंकिंग प्रणाली: सरकारी और निजी स्कूलों में होगी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
दिल्ली सरकार अब एक नई स्कूल रैंकिंग प्रणाली लागू करने की योजना पर काम कर रही है, जैसा कि कॉलेजों में होता है। यह रैंकिंग सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के लिए होगी, ताकि दोनों को समान स्तर पर आंका जा सके और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हो सके।
क्या कहता है भविष्य?
शिक्षा मंत्री आशीष सूद का कहना है कि उनका मुख्य लक्ष्य दिल्ली के आम नागरिकों को शिक्षा के नाम पर होने वाले आर्थिक शोषण से बचाना है। इसके लिए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा और शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी व जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक, वैचारिक विषय और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
Whatsapp updates पर अन्य जानकारी पाने के लिए हमारे Whatsapp चैनल को फॉलो करे
ये भी पढ़ें… विदेशी निवेशकों (FPI) की जोरदार वापसी: मई 2025 में ₹ 19,860 करोड़ का निवेश