
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान अत्याधुनिक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जिसे दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में गिना जाता है। हादसे के बाद केवल एक यात्री बच सका, जबकि शेष 241 लोग मारे गए। इस दिल दहला देने वाले हादसे ने एविएशन से जुड़े सभी विशेषज्ञों और यात्रियों को झकझोर कर रख दिया है। आइए जानते हैं इस विमान हादसे के पीछे मानी जा रही 7 प्रमुख थ्योरी और उन पर विशेषज्ञों का विश्लेषण।
1. क्या विमान ने ऊंचाई नहीं पकड़ी? टेकऑफ में थ्रस्ट की कमी?
हादसे के दौरान पायलट्स ने “मेडे” कॉल दी थी लेकिन उसके बाद कोई जवाब नहीं आया। DGCA की प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि विमान सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया और फिर नीचे गिर गया। जीवित बचे इकलौते यात्री ने बताया कि टेकऑफ के बाद विमान थरथरा रहा था और फिर एक बड़ा धमाका हुआ।
विशेषज्ञ राय: एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, टेकऑफ के दौरान थ्रस्ट की कमी विमान को पर्याप्त लिफ्ट नहीं दे पाई, जिससे यह हादसा हुआ।
2. क्या दोनों इंजन अचानक फेल हो गए थे?
बोइंग 787 के दो स्वतंत्र इंजन होते हैं। आमतौर पर एक इंजन फेल हो जाए तो दूसरा विमान को संभाल लेता है। लेकिन अगर दोनों इंजन एकसाथ फेल हो जाएं, तो विमान का नियंत्रण लगभग असंभव हो जाता है।
विशेषज्ञ राय: लंदन यूनिवर्सिटी के प्रो. रिचर्ड कुरेन के अनुसार, यह दुर्लभ परंतु संभव स्थिति है। यॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैक्डर्मिड और इंजीनियर बुसनैना इसे टेकऑफ के समय सबसे संवेदनशील क्षण बताते हैं।
3. क्या मौसम भी एक कारण था?
कुछ रिपोर्ट्स में अहमदाबाद की तेज गर्मी (40°C) को संभावित कारण बताया गया, जो इंजन ओवरहीटिंग की वजह बन सकती है। लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते।
विशेषज्ञ राय: यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के प्रो. पॉल विलियम्स कहते हैं कि मौसम सामान्य था और बोइंग इंजन 2000°C तापमान झेल सकते हैं।
4. लैंडिंग गियर क्यों नहीं हुआ बंद?
फ्लाइट के टेकऑफ के बाद भी लैंडिंग गियर खुले थे, जिससे तकनीकी खराबी का अंदेशा जताया गया।
विशेषज्ञ राय: US एविएशन एक्सपर्ट एंथनी ब्रिकहाउस के अनुसार, पायलट रनवे पर लौटने की कोशिश कर रहे थे। वहीं इंजीनियर बुसनैना मानते हैं कि शुरुआती ऊंचाई पर गियर खुले रहना सामान्य है।
5. क्या ईंधन आपूर्ति में कोई बाधा थी?
एक पूर्व पायलट ने आशंका जताई कि खराब ईंधन, ब्लॉकेज या जमे हुए कणों के चलते फ्यूल मीटरिंग सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है।
विशेषज्ञ राय: यदि ईंधन की आपूर्ति बाधित हो, तो इंजन थ्रस्ट में सीधा असर पड़ता है, जो टेकऑफ को असफल बना सकता है।
6. क्या हुआ था बर्ड स्ट्राइक?
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पिछले 5 सालों में 462 बर्ड हिट की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। ऐसे में यह भी एक संभावित कारण हो सकता है।
विशेषज्ञ राय: भारी बर्ड हिट से इंजन बंद हो सकता है, लेकिन प्रशिक्षित पायलट इसे हैंडल कर सकते हैं। अगर हल्का टकराव हुआ हो, तो इसका प्रभाव सीमित रहता है।
7. फ्लैप्स न खुलना और ओवरलोड एक साथ?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के दौरान फ्लैप्स पूरी तरह नहीं खुले थे, जिससे विमान को जरूरी लिफ्ट नहीं मिल पाई। इसके साथ ही यात्रियों और कार्गो की अधिकता से वजन भी ज्यादा हो सकता है।
विश्लेषण: फ्लैप्स टेकऑफ के समय लिफ्ट बढ़ाते हैं, और गर्म इलाकों में उनकी कार्यक्षमता बेहद अहम होती है। बोइंग 787 में फ्लैप्स फेलियर वॉर्निंग सिस्टम होता है, लेकिन फिर भी मानवीय भूल से इसे अनदेखा किया जा सकता है।
एक नहीं, कई कारण हो सकते हैं जिम्मेदार
फ्लाइट AI-171 के क्रैश की जांच अब ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) के विश्लेषण के बाद ही अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचेगी। फिलहाल, एक्सपर्ट्स इन 7 प्रमुख थ्योरीज के जरिए यह संकेत दे रहे हैं कि यह हादसा किसी एक कारण से नहीं, बल्कि कई तकनीकी खराबियों, संभावित मानवीय भूल और पर्यावरणीय कारकों के संयुक्त प्रभाव से हुआ हो सकता है।
यह हादसा न केवल एयर इंडिया के लिए, बल्कि वैश्विक उड्डयन सुरक्षा मानकों के लिए भी एक चेतावनी है। आने वाले दिनों में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट्स और तथ्य सामने आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि इस भीषण हादसे का असली कारण क्या था।
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