भारत में तेजी से बढ़ती बच्चों में मोटापा (Child Obesity) की समस्या माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गई है। पहले जहां यह समस्या सिर्फ वयस्कों तक सीमित मानी जाती थी, वहीं अब कम उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 5 से 19 वर्ष की उम्र के लगभग 124 मिलियन बच्चे मोटापे (Obesity) से पीड़ित हैं। भारत के शहरी क्षेत्रों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि माता-पिता समय रहते सतर्क हो जाएं और कुछ जरूरी बदलाव करें।
बच्चों में मोटापा क्यों हो रहा है?
बच्चों में मोटापा का मुख्य कारण असंतुलित जीवनशैली है। खानपान में जंक फूड (Junk Food), अत्यधिक स्क्रीन टाइम (Screen Time), शारीरिक गतिविधि की कमी और अनियमित दिनचर्या इसकी सबसे बड़ी वजह बन रही हैं। इसके चलते न केवल बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि यह भविष्य में डायबिटीज (Type-2 Diabetes), हृदय रोग (Heart Disease) और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
बच्चों में मोटापा को कम करने के लिए पेरेंट्स को इन चार बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान:
1. बच्चों के आहार को बनाएं संतुलित और पोषणयुक्त
बच्चों की डाइट में पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी बेहद जरूरी है। उन्हें जंक फूड, शुगर से भरपूर ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड से दूर रखें। इनके बजाय—
- मौसमी फल और हरी सब्जियां
- साबुत अनाज जैसे दलिया, ब्राउन राइस
- दालें, अंडे और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स
को उनकी थाली में नियमित रूप से शामिल करें। इससे बच्चों को आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स मिलते हैं जो न केवल वजन कंट्रोल करते हैं बल्कि संपूर्ण विकास में मदद करते हैं।
2. बच्चों को प्रोत्साहित करें नियमित शारीरिक गतिविधि के लिए
बच्चों में मोटापा बढ़ने का एक बड़ा कारण फिजिकल एक्टिविटी की कमी है। अमेरिका के CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, 6 से 17 साल के बच्चों को प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट की मध्यम से तेज गति वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। इसके लिए:
- खेलकूद, साइकिलिंग, डांस जैसे एक्टिविटी को बढ़ावा दें
- फैमिली वॉक या आउटडोर गेम्स का हिस्सा बनें
इससे बच्चों की ऊर्जा खर्च होती है और शरीर सक्रिय रहता है।
3. स्क्रीन टाइम रखें नियंत्रित
मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम्स में ज्यादा समय बिताना बच्चों की शारीरिक गतिविधि को कम करता है। स्क्रीन टाइम जितना ज्यादा, उतना ही मोटापे का खतरा। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (American Academy of Pediatrics) के अनुसार:
- 2-5 साल के बच्चों के लिए 1 घंटे से अधिक स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए
- बड़े बच्चों को भी स्क्रीन टाइम के लिए टाइम टेबल बनाना चाहिए
स्क्रीन से समय निकाल कर बच्चों को रचनात्मक कार्यों या खेलों की ओर मोड़ना जरूरी है।
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4. पर्याप्त नींद है बेहद जरूरी
नींद की कमी बच्चों के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ती है, जिससे भूख बढ़ती है और बच्चे ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाने लगते हैं। बच्चों को रोजाना पर्याप्त नींद (Sleep) मिलनी चाहिए, जो उनकी उम्र के अनुसार होनी चाहिए।
- 3-5 साल: 10-13 घंटे
- 6-12 साल: 9-12 घंटे
- 13-18 साल: 8-10 घंटे
नींद से 1-2 घंटे पहले स्क्रीन को बंद करें और सोने की दिनचर्या तय करें।
बच्चों में मोटापा एक बढ़ती हुई लेकिन कंट्रोल की जा सकने वाली समस्या है। माता-पिता यदि समय पर सजग हो जाएं और बच्चों की जीवनशैली में थोड़े-थोड़े बदलाव लाएं, तो वे न केवल उनके शारीरिक विकास को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि उन्हें कई गंभीर बीमारियों से भी बचा सकते हैं।
नोट: यह लेख विभिन्न मेडिकल रिपोर्ट्स और विशेषज्ञ सलाह पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल जानकारी और जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी निर्णय के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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