केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरह सेवानिवृत्ति (Retirement) और मृत्यु (Death) 25 लाख रुपये तक की Gratuity का लाभ मिलेगा। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए राहत और समानता का संदेश लेकर आया है।केंद्र सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह घोषणा खुद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की है, जो कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग की देखरेख करते हैं।
क्या है नया Gratuity आदेश?
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक, अब NPS या UPS (Unified Pension System) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट, मृत्यु, विकलांगता या सेवा से बर्खास्तगी की स्थिति में OPS जैसी Gratuity सुविधा चुन सकते हैं। इसका मतलब है कि कर्मचारियों या उनके परिवारों को यह विकल्प मिलेगा कि वे किस पेंशन स्कीम के तहत लाभ लेना चाहते हैं।
सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर मिलेगा लाभ
सरकार के अनुसार, अगर किसी NPS कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, या वो किसी गंभीर अक्षमता या विकलांगता का शिकार होता है, तो ऐसे मामलों में उन्हें या उनके परिवार को OPS की तर्ज पर Gratuity का लाभ मिलेगा।
कर्मचारियों को मिलेगा विकल्प
कार्मिक मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि NPS कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि सेवा के दौरान मौत की स्थिति में उन्हें OPS के तहत लाया जाए। यह आदेश न सिर्फ पारदर्शिता लाता है, बल्कि यह कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को भी मजबूत करता है।
UPS क्या है और यह NPS से कैसे अलग है?
सरकार ने 24 जनवरी 2024 को एक अधिसूचना के जरिए UPS की शुरुआत की थी, जिसके तहत 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में नियुक्त नए कर्मचारियों को NPS के साथ-साथ UPS चुनने का भी विकल्प दिया जाएगा।
- NPS एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है, जिसमें रिटर्न शेयर मार्केट पर निर्भर करता है।
- OPS एक निश्चित लाभ योजना है, जिसमें रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन मिलती है।
- UPS इन दोनों स्कीमों के अच्छे पहलुओं को मिलाकर बनाई गई है, ताकि कर्मचारियों को सुरक्षित पेंशन और Gratuity का भरोसा मिल सके।
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कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक फैसला
अखिल भारतीय NPS कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने इस फैसले को “ऐतिहासिक और बेहद जरूरी” बताया है। उनका कहना है कि इससे कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही Gratuity मांग पूरी हो गई है और अब सरकारी सेवा में आने वाले लोगों को ज्यादा संतोष और सुरक्षा महसूस होगी।
क्या कहता है मंत्रालय?
DOPPW के सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि यह निर्णय कर्मचारियों से प्राप्त स्पष्टीकरणों के आधार पर लिया गया है और इसका उद्देश्य कर्मचारियों को अधिकतम सुरक्षा देना है। यह आदेश प्रगतिशील प्रकृति का है और सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
यह फैसला केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को दी गई सामाजिक सुरक्षा (Social Security) की गारंटी है। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों को भरोसा मिलेगा, बल्कि कार्यस्थल पर मनोबल भी बढ़ेगा।
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल लाखों कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करता है बल्कि NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों की असुरक्षा की भावना को भी दूर करता है। UPS एक मध्य मार्ग के रूप में उभरकर सामने आया है, जो न केवल पुरानी पेंशन की सुरक्षा देता है बल्कि आधुनिक आर्थिक ढांचे की पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है। इससे कर्मचारियों में विश्वास बढ़ेगा और सरकारी सेवाओं की ओर आकर्षण भी।
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