अष्टकवर्ग: कुंडली में छुपा धन का खजाना, जानिए 7 कारण

अष्टकवर्ग: कुंडली में छुपा धन का खजाना, जानिए 7 कारण

कभी सोचा है कि क्यों कुछ लोग जन्म से ही भाग्यशाली लगते हैं? क्यों किसी के लिए पैसा कमाना सहज होता है जबकि दूसरे को संघर्ष करना पड़ता है?
👉 इसका उत्तर मिलता है अष्टकवर्ग में — ज्योतिष का वह गणितीय खजाना, जो ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव को व्यक्तिगत दृष्टिकोण से बताता है।

अष्टकवर्ग कोई रहस्यमयी तंत्र नहीं, बल्कि ज्योतिष का सटीक सूत्र है जो आपके धन, करियर, पारिवारिक सुख, और जीवन के टर्निंग पॉइंट्स को स्पष्ट करता है।

📌 अष्टकवर्ग क्या है?

अष्टकवर्ग का अर्थ है “आठ समूह” – यानी सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और लग्न/लग्नेश। ये सभी ग्रह 12 राशियों को 0 से 8 के बीच बिंदु (points) देते हैं, जो दर्शाते हैं कि ग्रह उस राशि या भाव को कितना समर्थन या विरोध दे रहा है।

🧮 कैसे होती है अष्टकवर्ग की गणना?

1. भिन्न अष्टकवर्ग (Bhinna Ashtakavarga)

प्रत्येक ग्रह दूसरी राशियों को कितने बिंदु दे रहा है, यह इसमें दिखता है।
👉 जैसे शुक्र वृषभ राशि को 5 बिंदु दे रहा है, तो वह आपके सुख-भोग के लिए अनुकूल रहेगा।

2. संपूर्ण अष्टकवर्ग (Samudaya Ashtakavarga)

सभी ग्रहों द्वारा किसी भाव को दिए गए कुल बिंदु।
👉 जैसे द्वितीय भाव में कुल 32 बिंदु हैं, तो वह धन संचित करने के लिए शुभ माना जाएगा।

💸 अष्टकवर्ग और धन: जानिए आपकी इनकम का गणित

धन से जुड़ी भविष्यवाणी के लिए इन 3 भावों को देखना ज़रूरी होता है:

  • 2nd House (धन भाव) – जमा धन, सेविंग्स
  • 11th House (लाभ भाव) – आय, लाभ
  • 10th House (कर्म भाव) – नौकरी, व्यवसाय

यदि इन भावों में 30+ बिंदु हों, तो व्यक्ति धनवान बन सकता है।
👉 25-30 बिंदु = औसत
👉 <24 बिंदु = आर्थिक संघर्ष

✔ गणना का उदाहरण:

आपकी कुंडली में 2nd House में कर्क राशि है:
सूर्य: 4 बिंदु
चंद्र: 5 बिंदु
मंगल: 3
बुध: 4
गुरु: 6
शुक्र: 4
शनि: 4
👉 योग: 30 बिंदु
यह इंगित करता है कि आपके धन भाव में स्थिरता और प्रचुरता के योग हैं।

🔄 गोचर और अष्टकवर्ग: सही समय पर सही कदम

जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो देखें उस भाव में अष्टकवर्ग के कितने बिंदु हैं:

  • 4+ बिंदु = शुभ गोचर → पैसा, प्रमोशन, सफलता
  • 3 या कम = सावधानी आवश्यक → हानि, असफल निवेश

उदाहरण: शनि यदि आपकी कुंडली के लाभ भाव से गोचर कर रहा हो और वहाँ 5 बिंदु हों –
👉 तो यह संकेत है कि नया कमाई का स्रोत, नेटवर्क से लाभ और वेतनवृद्धि संभव है।

🌟 दो हस्तियाँ जिनकी सफलता में अष्टकवर्ग ने निभाई भूमिका

1. अमिताभ बच्चन – ‘बिंदुओं’ से बदल गई किस्मत

2000 से पहले वह आर्थिक संकट में थे, लेकिन जैसे ही शनि ने उनके कर्म भाव में गोचर किया (जहाँ 5+ बिंदु थे), उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से वापसी की।

2. रतन टाटा – धनी होने से ज़्यादा, देने वाला योग

इनकी कुंडली में धन और लाभ भाव में उच्च बिंदु मिले हैं, इसलिए व्यवसाय के साथ समाजसेवा में भी अग्रणी रहे।
👉 जब अष्टकवर्ग में शक्ति हो, तो धन के साथ सम्मान भी प्राप्त होता है।

📌 अष्टकवर्ग क्यों ज़रूरी है हर कुंडली के लिए?

✅ यह बताता है:

  • कौन-से क्षेत्र में मेहनत रंग लाएगी?
  • धन टिकेगा या खर्च होगा?
  • गोचर किस भाव में लाभ देगा?

✅ यह मदद करता है:

  • निवेश के सही समय को पहचानने में
  • करियर शिफ्ट या नौकरी बदलने के लिए
  • संपत्ति खरीदने-बेचने के फैसले में

🔗 उपयोगी लिंक

Brihat Parashara Hora Shastra on Ashtakvarga
Learn Vedic Astrology Concepts – Astrobix
ज्योतिष में धन योग कैसे पहचाने – IndiaBriefs
गोचर क्या होता है और इसका प्रभाव – IndiaBriefs

✅ निष्कर्ष: अष्टकवर्ग – धन, दिशा और सफलता का खजाना

अष्टकवर्ग सिर्फ एक गणना नहीं, बल्कि आपके जीवन की ‘इनसाइट रिपोर्ट’ है। यह बताता है कि कब पैसा आएगा, टिकेगा या जाएगा।
यह आपकी कुंडली का छिपा खजाना है, जिसे जानकर आप अपने फैसलों को सटीक दिशा में ले जा सकते हैं।

अब जब आपने अष्टकवर्ग को समझा है, तो क्या आप अपनी कुंडली के बिंदुओं की गणना करना चाहेंगे? हम जल्द ही एक निःशुल्क वर्कशीट और वीडियो ट्यूटोरियल भी लेकर आ रहे हैं!

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