अगर आप कार या बाइक चलाते हैं और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बीमा नियामक संस्था IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में 18% से लेकर 25% तक की बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो आपकी जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है।
क्या है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?
भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कानूनी रूप से अनिवार्य है। इसका मकसद वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति—जैसे पैदल यात्री, अन्य वाहन चालक या उसकी संपत्ति—को हुए नुकसान की भरपाई करना होता है। यह बीमा आपके वाहन या खुद को हुए नुकसान को कवर नहीं करता। कॉम्प्रिहेंसिव बीमा इन सबको कवर करता है, लेकिन थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की भूमिका केवल बाहरी क्षति तक सीमित रहती है।
नए वाहनों के मामले में सरकार ने 1 साल का कॉम्प्रिहेंसिव और 3 से 4 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कर रखा है।
क्या है IRDAI का प्रस्ताव?
मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, IRDAI ने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम को औसतन 18% बढ़ाया जाए। हालांकि, कुछ श्रेणियों जैसे कि हाई-कैपेसिटी कारें और बाइक्स के मामले में यह वृद्धि 25% तक हो सकती है।
यह प्रस्ताव फिलहाल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पास विचाराधीन है। उम्मीद है कि आगामी 2 से 3 हफ्तों में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
यदि मंत्रालय इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो:
- ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
- आम जनता से Public Feedback मांगा जाएगा।
- प्रतिक्रिया के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाती है ताकि उपभोक्ताओं की राय को भी महत्व दिया जा सके।
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क्यों बढ़ाई जा रही है प्रीमियम राशि?
IRDAI का तर्क है कि पिछले तीन वर्षों से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इस दौरान महंगाई, क्लेम रेशियो, और बीमा कंपनियों की लागत में लगातार इजाफा हुआ है। ऐसे में मौजूदा दरें बीमा कंपनियों के लिए आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं रह गई हैं।
इसलिए यह प्रस्ताव बीमा क्षेत्र की स्थिरता और सेवाओं की निरंतरता के लिए जरूरी माना जा रहा है।
उपभोक्ताओं पर क्या पड़ेगा असर?
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो:
- दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों की बीमा लागत सीधे तौर पर बढ़ेगी।
- जो ग्राहक केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेते हैं, उन्हें अपनी सालाना प्रीमियम में स्पष्ट इजाफा महसूस होगा।
- छोटे वाहन मालिकों और लो इनकम समूह पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ सकता है।
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क्या करें वाहन मालिक?
- बीमा का नवीनीकरण समय पर करें ताकि मौजूदा दरों पर ही रिन्यू हो जाए।
- कॉम्प्रिहेंसिव प्लान पर विचार करें जो थोड़ी अतिरिक्त कीमत पर ज्यादा कवरेज देता है।
- अगर वाहन का इस्तेमाल कम होता है तो Pay-as-you-drive प्लान जैसे विकल्प भी देखें।
- अपने इंश्योरेंस एजेंट या ऐप के माध्यम से सालाना तुलना जरूर करें।
IRDAI द्वारा प्रस्तावित यह बदलाव उपभोक्ताओं और बीमा उद्योग दोनों के लिए अहम है। जहां एक ओर बीमा कंपनियों को अपनी सेवाएं बनाए रखने के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी लगती है, वहीं उपभोक्ताओं के लिए यह एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बन सकता है।
ऐसे में समय रहते योजना बनाना और सही बीमा विकल्प चुनना बेहद जरूरी हो गया है।
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