SIP और चक्रवृद्धि (Compounding): गिरते बाजार में भी संपत्ति बनाने का पॉवरफुल तरीका

India Briefs Team
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SIP और चक्रवृद्धि (Compounding) के ज़रिए गिरते बाजार में भी संपत्ति बनाएं

बाजार में गिरावट और SIP का महत्व: SIP और चक्रवृद्धि (Compounding) की शक्ति को समझें

वर्तमान में भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों (Stock Markets) में अस्थिरता बनी हुई है। भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स जैसे Sensex और Nifty ने हाल ही में 8–10% तक की गिरावट दर्ज की है, जिससे निवेशकों के मन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है – “क्या अब SIP बंद कर देनी चाहिए?”

इस प्रश्न का उत्तर अतीत में छिपा है। बाजार में गिरावट कोई नई बात नहीं है, और न ही यह अंतिम है। इतिहास यह सिद्ध करता है कि हर गिरावट के बाद एक नई ऊंचाई आती है। यह अस्थिरता, जो पहली नजर में भयावह लगती है, लंबे समय के निवेशकों के लिए एक अनमोल अवसर बन सकती है – खासकर उनके लिए जो SIP (Systematic Investment Plan) के माध्यम से अनुशासित निवेश करते हैं।


म्यूचुअल फंड SIP क्या है? पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें

SIP और चक्रवृद्धि (Compound Interest/Compounding): धीमी लेकिन शक्तिशाली संपत्ति निर्माण का तरीका

SIP एक ऐसी निवेश प्रणाली है जिसमें आप नियमित अंतराल (प्रत्येक माह) में एक निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड या अन्य योजनाओं में लगाते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह निवेश को अनुशासित, सुविधाजनक और बाजार की अस्थिरता से सुरक्षित बनाता है।

SIP की सबसे बड़ी ताकत चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest/Compounding) में छिपी होती है। चक्रवृद्धि वह प्रक्रिया है जिसमें आपके निवेश से उत्पन्न लाभ भी आगे चलकर लाभ उत्पन्न करता है। यह समय के साथ-साथ एक छोटी राशि को एक बड़े फंड में बदल सकता है।

उदाहरण: यदि आप ₹5,000 प्रति माह निवेश करते हैं और 12% वार्षिक रिटर्न की अपेक्षा करते हैं, तो परिणाम इस प्रकार होंगे:

अवधिकुल निवेशसंभावित भविष्य मूल्य
5 वर्ष₹3,00,000₹4,01,170
10 वर्ष₹6,00,000₹11,61,695
15 वर्ष₹9,00,000₹25,49,100
20 वर्ष₹12,00,000₹50,98,150

यह स्पष्ट है कि निवेश की अवधि जितनी लंबी होगी, चक्रवृद्धि (Compounding) का प्रभाव उतना ही अधिक होगा।


बाजार में गिरावट: बाधा नहीं, अवसर

इतिहास बताता है कि बाजार में गिरावट स्थायी नहीं होती। 2008, 2020 और 2022 में बाजार ने जब-जब बड़ी गिरावट दर्ज की, वहां से एक नई तेजी की शुरुआत हुई।

2008: वैश्विक वित्तीय संकट (Global Financial Crisis)

  • Nifty में लगभग 60% की गिरावट आई।
  • जिन्होंने SIP जारी रखी, उन्हें अगले 5–6 वर्षों में औसतन 15–18% का वार्षिक रिटर्न प्राप्त हुआ।

2020: कोविड-19 महामारी

  • मार्च 2020 में बाजार लगभग 35% तक टूटा।
  • SIP निवेशकों को अगले 12–18 महीनों में असाधारण लाभ मिला। कई फंड्स ने 60% से अधिक का रिटर्न दिया।

2022: रूस-यूक्रेन युद्ध

  • बाजार में 10–12% की अस्थिरता देखी गई।
  • कम कीमतों पर यूनिट्स खरीदने का अवसर मिला जिससे दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित हुआ।

📍 NSE Historical Data

मुख्य विचार: बाजार की गिरावट अस्थायी होती है, जबकि निवेश का अनुशासन स्थायी लाभ देता है। SIP को चालू रखने से आप “Rupee Cost Averaging” जैसे फायदों का लाभ उठा सकते हैं।


Rupee Cost Averaging: गिरावट में अधिक यूनिट्स पाने का लाभ

जब आप हर महीने निश्चित राशि निवेश करते हैं, तो बाजार के उतार-चढ़ाव का असर यह होता है कि कभी आप कम कीमत पर ज़्यादा यूनिट्स खरीदते हैं और कभी ज्यादा कीमत पर कम यूनिट्स। इससे आपकी औसत लागत (Average Cost) कम हो जाती है।

उदाहरण:

माहNAV (प्रति यूनिट मूल्य)निवेश राशिप्राप्त यूनिट्स
जनवरी₹50₹5,000100 यूनिट
फरवरी₹40₹5,000125 यूनिट
मार्च₹35₹5,000142.85 यूनिट

➡️ कुल यूनिट्स: 367.85 | औसत लागत: ₹40.23 प्रति यूनिट

अब अगर NAV फिर से ₹50 पर पहुंचता है, तो कुल मूल्य: ₹18,392.50 — यानी ₹15,000 के निवेश पर लगभग ₹3,400 का लाभ, सिर्फ गिरते बाजार में निवेश करके।


SIP से जुड़े सामान्य सवाल

  • क्या SIP सुरक्षित है?

    हां, SIP सुरक्षित है, लेकिन इसमें जोखिम होता है, क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है। हालांकि, अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो SIP एक सशक्त निवेश रणनीति बन सकती है।

  • क्या हर किसी को SIP करनी चाहिए?

    यदि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए एक निश्चित और नियमित निवेश करना चाहते हैं, तो SIP एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। यह लंबी अवधि के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

  • SIP के दौरान क्या गलतियाँ नहीं करनी चाहिए?

    SIP एक शानदार निवेश टूल है, लेकिन कई नए निवेशक कुछ आम गलतियाँ कर बैठते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। नीचे दी गई गलतियाँ आपको बचने में मदद करेंगी:

    • बाजार गिरते ही SIP बंद करना: जब बाजार गिरता है, तब अधिक यूनिट्स सस्ते में मिलती हैं — यही असली कमाई का मौका होता है। डरकर SIP बंद करना सबसे बड़ी गलती है।
    • लंबी अवधि की सोच न रखना: SIP का फायदा तभी मिलता है जब आप इसे लंबे समय तक करते हैं। अगर आप कुछ महीनों में ही मुनाफा ढूंढते हैं, तो SIP आपके लिए नहीं है।
    • सिर्फ एक ही राशि पर अड़े रहना: हर महीने एक ही फिक्स अमाउंट लगाने के बजाय अपनी फाइनेंशियल स्थिति और बाजार के हिसाब से अमाउंट बढ़ाना या घटाना ज़्यादा स्मार्ट होता है।
    • शुरुआत में ज़रूरत से ज़्यादा निवेश करना: शुरुआत में ही बड़ी रकम लगाने की जल्दबाज़ी नुकसानदेह हो सकती है। धीरे-धीरे निवेश बढ़ाना समझदारी है।
    • एकमुश्त निवेश करने की कोशिश करना: बाजार गिरते ही SIP को रोककर एकमुश्त निवेश करने का निर्णय अक्सर गलत साबित होता है। अनुशासित तरीके से SIP जारी रखना बेहतर रहता है।

    निष्कर्ष: निवेश में धैर्य और अनुशासन ही सफलता की कुंजी

    बाजार में गिरावट एक चक्रीय (Cyclical) प्रक्रिया है। यह कोई संकेत नहीं कि आपको निवेश रोक देना चाहिए। बल्कि यह समय है जब अनुशासित निवेशक भविष्य की नींव रखते हैं। SIP न केवल नियमित बचत को बढ़ावा देती है, बल्कि यह आपको बिना बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने में मदद करती है।

    जो निवेशक गिरावट के समय घबराकर SIP रोक देते हैं, वे अक्सर यह अवसर खो बैठते हैं कि वे सस्ते दामों पर यूनिट्स खरीद सकें और भविष्य में अच्छा लाभ कमा सकें।

    इसलिए, बाजार की गिरावट से डरिए मत। SIP चालू रखिए, समय को साथ रखिए, और चक्रवृद्धि (Compounding) की शक्ति को अपना सबसे बड़ा साथी बनाइए।


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