मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा (Jaswant Singh Khalra) के जीवन पर आधारित फिल्म Punjab 95 को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। इस बहुप्रतीक्षित फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है और यह फिल्म 7 फरवरी 2025 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज टाल दी गई है।
फिल्म के निर्देशक हनी त्रेहान हैं और लेखक निरन भट्ट, उत्सव मैत्र और हनी त्रेहान ने मिलकर इसे लिखा है। इसमें अर्जुन रामपाल और जगजीत संधू भी अहम किरदार निभा रहे हैं।
क्यों टली फिल्म की रिलीज?
दिलजीत दोसांझ ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा:
“हमें बेहद दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि फिल्म Punjab 95 अब 7 फरवरी को रिलीज नहीं हो पाएगी, यह हमारे नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण हुआ है।”
उन्होंने एक और स्टोरी में जसवंत सिंह खालरा की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा:
“मैं उस गुरु से प्रार्थना करता हूं जो सच्चाई के साथ खड़ा है, कि इस रौशनी को हमेशा जलाए रखे।”
फिल्म के ट्रेलर पर भी सेंसर
दिलजीत ने पहले फिल्म का ट्रेलर शेयर किया था और यह कहा था कि फिल्म “बिना किसी कट के” रिलीज होगी। लेकिन जल्द ही यह ट्रेलर YouTube से भारत में हटा दिया गया। एक संदेश में लिखा दिखता है – “Uploader has restricted access in your country.”
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने नाराजगी जताई। एक ने लिखा:
“भारत में ट्रेलर क्यों हटाया गया? ये पक्षपाती रवैया बहुत दुखद है।”
CBFC ने क्यों रोकी रिलीज?
CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फिल्म को सेंसर करने के लिए 120 कट सुझाए हैं। यह फिल्म 1990 के दशक में पंजाब में हुए सिखों के खिलाफ कथित मानवाधिकार हनन पर आधारित है, जो अपने आप में संवेदनशील विषय है।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि निर्माता इन कट्स को मानने के लिए तैयार हुए हैं या नहीं।
कौन थे Jaswant Singh Khalra?
Jaswant Singh Khalra का जीवन एक साधारण बैंक अधिकारी के रूप में शुरू हुआ था। वे अमृतसर के एक प्रतिष्ठित बैंक में निदेशक थे। लेकिन 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद हुए सिख विरोधी दंगों के बाद, उन्होंने राज्य की पुलिस व्यवस्था में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को गंभीरता से लेना शुरू किया।
उनकी रिपोर्ट्स के अनुसार:
- पंजाब पुलिस ने 25,000 सिख युवाओं को मारकर गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया था।
- करीब 2,000 पुलिस अधिकारियों को इन वारदातों का विरोध करने पर मारा गया।
सितंबर 1995 में खालरा को उनके घर के बाहर से अगवा कर लिया गया था। बाद में जांच में पाया गया कि उन्हें पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने अपहरण कर मार दिया था। छह पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा भी हुई।
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क्यों है Punjab 95 फिल्म खास?
- यह एक बायोपिक है जो एक ऐसे सच्चे नायक की कहानी को सामने लाती है जिसे आज की युवा पीढ़ी शायद नहीं जानती।
- फिल्म भारत में मानवाधिकार, न्याय और पुलिस तंत्र के सवालों पर सीधी चोट करती है।
- इसे टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 में भी सराहा गया था।
क्या यह फिल्म कभी बिना सेंसर के भारत में रिलीज हो पाएगी? क्या जनता को सच्चाई जानने का अधिकार है? यह देखना अब बाकी है।
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