हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों के लिए एक ऐतिहासिक और जनकल्याणकारी योजना शुरू की है, जिसका नाम है Comprehensive Cashless Health Facility (CCHF). इस योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को बिना किसी खर्च के सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने BIS कार्ड (Beneficiary Identification System Card) को अनिवार्य कर दिया है, जो आयुष्मान भारत योजना के तहत डिजिटल रूप से पहचान प्रदान करता है।
CCHF योजना का उद्देश्य और फायदे
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर, सुलभ और कैशलेस बनाना है, ताकि उन्हें इलाज के लिए जेब से खर्च न करना पड़े। योजना के तहत इन बिंदुओं पर विशेष जोर दिया गया है:
- हर प्रकार के इनडोर उपचार और डे-केयर प्रक्रियाओं के लिए कैशलेस सुविधा।
- सीमित रिएंबर्समेंट सिस्टम की जगह आईटी आधारित ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम से लेनदेन।
- सभी प्रक्रिया पेपरलेस और ऑनलाइन।
- सभी पंजीकृत अस्पतालों में इलाज की सुविधा।
- देशभर में एम्पैनल्ड अस्पतालों में इलाज का लाभ।
- 6 जानलेवा बीमारियों (जैसे कार्डिएक अटैक, ब्रेन हेमरेज, कोमा, करंट लगना, कैंसर के अंतिम चरण, और दुर्घटनाएं) के अलावा अन्य बीमारियों का भी समावेश।
BIS कार्ड क्या है और क्यों जरूरी है?
BIS कार्ड एक डिजिटल हेल्थ कार्ड है, जो आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को पहचान प्रदान करता है। इसके माध्यम से मरीजों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होती हैं।
यह कार्ड बनवाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि बिना इस कार्ड के कोई भी लाभार्थी कैशलेस इलाज नहीं ले सकता। यह कार्ड सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज को आसान, पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य बनाता है।
किसे मिलेगा लाभ?
CCHF योजना के लाभार्थी होंगे:
- सभी नियमित हरियाणा सरकारी कर्मचारी
- सभी सरकारी पेंशनर्स
- उनके आश्रित सदस्य (जैसे माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चे आदि)
इन सभी लाभार्थियों को BIS कार्ड जारी किया जाएगा, जिससे वे सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज करवा सकेंगे।
कार्ड बनवाने की प्रक्रिया: आसान लेकिन जरूरी कदम
- PPP ID और Aadhaar अनिवार्य
राज्य सरकार के हर कर्मचारी को BIS कार्ड बनवाने से पहले Parivar Pehchan Patra (PPP ID) और आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य है। - HRMS पोर्टल पर फैमिली डिटेल अपडेट करें
सभी कर्मचारियों को HRMS पोर्टल पर स्वयं की जानकारी और आश्रितों की डिटेल्स (जैसे माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चे) अपडेट करनी होंगी। यह जानकारी संबंधित Checker/DDO द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए। - आधार लिंकिंग जरूरी
कर्मचारी का आधार नंबर HRMS पोर्टल पर लिंक होना चाहिए। यह कार्य भी Checker या DDO द्वारा ही किया जाएगा। - PPP ID की मैपिंग
HRMS पोर्टल पर कर्मचारी को स्वयं अपनी और अपने आश्रितों की PPP ID को सही ढंग से मैप करना होगा।
BIS कार्ड बनवाने की आसान प्रक्रिया
1. मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से
- आयुष्मान भारत ऐप डाउनलोड करें
सबसे पहले प्ले स्टोर से Ayushman Bharat app डाउनलोड करें और लॉगिन करें। - “लाभार्थी” टैब पर जाएं
ऐप के “लाभार्थी” विकल्प में जाकर Aadhaar नंबर दर्ज करें और OTP वेरिफिकेशन करें। - “परिचय पत्र बनाएं” विकल्प पर क्लिक करें
राज्य में “हरियाणा”, योजना में “CCHF”, जिला और संबंधित विभाग चुनें। - ई-केवाईसी करें
स्क्रीन पर दिखाए गए निर्देशों के अनुसार ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करें। इसके लिए फेस ऑथेंटिकेशन या आधार OTP का प्रयोग किया जा सकता है। - डाटा सत्यापन और सहमति दें
डाटा स्क्रीन पर आने के बाद “सत्यापन” और “सहमति” विकल्प पर क्लिक करें। - मोबाइल और OTP के जरिए BIS कार्ड जनरेट करें
कार्ड सफलतापूर्वक जनरेट होने के 30 मिनट बाद आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
2. CSC/VLE सेंटर के माध्यम से
- नजदीकी CSC सेंटर जाएं
- वहां e-KYC करवाएं और BIS कार्ड प्राप्त करें
3. PMAM कियोस्क (सरकारी अस्पतालों में)
- नजदीकी सरकारी अस्पताल के कियोस्क पर जाकर e-KYC और BIS कार्ड जनरेट करवाएं
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BIS कार्ड की वैधता
एक बार BIS कार्ड जनरेट होने पर यह सेवानिवृत्ति की तिथि तक वैध रहेगा। इस बीच किसी आश्रित को हटाने या जोड़ने के लिए HRMS पोर्टल पर डिटेल्स अपडेट करनी होगी।
रूम रेंट की पात्रता (Basic Pay के आधार पर)
Basic Pay | रूम कैटेगरी |
---|---|
₹50,500 तक | जनरल वार्ड |
₹50,501 से ₹64,100 | सेमी प्राइवेट वार्ड |
₹64,101 से अधिक | सिंगल प्राइवेट रूम |
सूचीबद्ध अस्पतालों की भूमिका और दायित्व
- सूचीबद्ध अस्पतालों को सभी पात्र मरीजों को 100% कैशलेस इलाज प्रदान करना होगा
- मरीज के अधिकार की जांच करना अनिवार्य
- अस्पताल में सहायता डेस्क की स्थापना अनिवार्य
- धोखाधड़ी की स्थिति में SHA को सूचित करना अनिवार्य
दावा प्रक्रिया (Claims Processing)
- सभी दावे [Transaction Management System (TMS)] के माध्यम से प्रक्रिया में लाए जाएंगे
- लाभार्थी का Payee Code या BIS कार्ड नंबर दिखाना आवश्यक
- सभी अस्पतालों को एकीकृत पोर्टल के माध्यम से भुगतान किया जाएगा
त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली
- जिला स्तर समिति (DC के नेतृत्व में)
- SHA स्तर समिति (CEO, AB-HHPA के नेतृत्व में)
- राज्य स्तर समिति (ACS-Health के नेतृत्व में)
राज्य समिति का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा।
क्या करें यदि जानकारी गलत हो?
यदि आपकी PPP ID, HRMS या आधार संबंधी जानकारी गलत है तो आप:
- HRMS पोर्टल पर लॉगिन करके जानकारी सुधारें
- या फिर PPP पोर्टल पर जाकर फैमिली डिटेल्स अपडेट करें
- जानकारी अपडेट करने के बाद दोबारा BIS कार्ड की प्रक्रिया शुरू करें
कर्मचारियों के लिए ज़रूरी निर्देश
- हर कर्मचारी अपने सभी परिवार सदस्यों का विवरण HRMS पोर्टल पर अपडेट करवाएं।
- HRMS पोर्टल पर Checker या DDO द्वारा जानकारी की स्वीकृति आवश्यक है।
- PPP ID और आधार दोनों लिंक होने चाहिए।
- मोबाइल नंबर, ईमेल और दस्तावेज सही तरीके से अपडेट रखें।
ज़रूरी लिंक
कर्मचारियों के लिए वरदान है CCHF योजना
हरियाणा सरकार की Comprehensive Cashless Health Facility योजना सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का मजबूत कवच है। इससे न केवल इलाज का खर्च कम होगा बल्कि सुलभ, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं भी मिलेंगी।
हर कर्मचारी को चाहिए कि वह जल्द से जल्द BIS कार्ड बनवाकर अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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