FASTag का नया नियम: आज से प्रभावी, इन बातों का रखें ध्यान

India Briefs Team
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FASTag

आज से FASTag का नया नियम लागू हो रहा है, जिसमें बैलेंस कम होने या पेमेंट में देरी होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। अगर FASTag 60 मिनट तक निष्क्रिय रहता है, तो पेमेंट अस्वीकार कर दिया जाएगा। इस नियम का उद्देश्य टोल लेन-देन को अधिक सुगम और परेशानी मुक्त बनाना है।

क्या है नया FASTag नियम?

17 फरवरी 2025 से लागू इस नए नियम के तहत:

  • अगर आपकी गाड़ी का FASTag 60 मिनट से ज्यादा निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद भी सक्रिय नहीं होता, तो उस लेन-देन को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
  • यह सिस्टम “एरर कोड 176” के रूप में रिजेक्ट करेगा।
  • यदि FASTag समय पर सक्रिय नहीं होता, तो टोल पेमेंट नहीं हो पाएगा, जिससे आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है।

अतिरिक्त शुल्क और नए चार्जेस

नई गाइडलाइंस के अनुसार:

  • अगर टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल पेमेंट 15 मिनट से ज्यादा समय तक लंबित रहता है, तो FASTag यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
  • अगर फास्टैग खाते में बैलेंस कम है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
  • अब नए नियम के तहत टोल बूथ पर रिचार्ज की सुविधा नहीं होगी, इसलिए आपको पहले से ही FASTag को रिचार्ज करना होगा।

नए नियमों का असर

  • अगर आपका FASTag ब्लैकलिस्ट हो गया है और आप इसे 60 मिनट के अंदर या 10 मिनट के भीतर रिचार्ज करते हैं, तो आपका पेमेंट सामान्य चार्ज पर हो जाएगा।
  • हालांकि, अगर टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले आपका FASTag ब्लैकलिस्टेड हो जाता है, तो टोल पेमेंट नहीं हो पाएगा और आपको दोगुना टोल देना पड़ेगा।

FASTag के लेन-देन में वृद्धि

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार:

  • दिसंबर 2024 में FASTag लेन-देन की संख्या 6 प्रतिशत बढ़कर 38.2 करोड़ हो गई, जो नवंबर में 35.9 करोड़ थी।
  • इसी दौरान, लेन-देन की वैल्यू भी 9 प्रतिशत बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये हो गई, जो नवंबर में 6,070 करोड़ रुपये थी।

सरकार का लक्ष्य

इन नए नियमों के साथ, सरकार टोल पेमेंट सिस्टम को अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना चाहती है, ताकि वाहन चालक बिना किसी बाधा के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

अगर आप भी FASTag का उपयोग कर रहे हैं, तो इन नए नियमों का पालन करें और समय पर अपने FASTag को रिचार्ज कर लें, ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके।

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