OTT प्लेटफॉर्म JioHotstar पर चर्चित वेब सीरीज़ ‘क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4’ (Criminal Justice Season 4) के Weekly रिलीज शेड्यूल को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। दर्शक इसे ‘90 के दशक की वापसी’ बता रहे हैं, जब एक हफ्ते में केवल एक एपिसोड टेलीकास्ट होता था।
जहां एक ओर JioHotstar का उद्देश्य इस शेड्यूल के जरिए दर्शकों को लंबे समय तक शो से जोड़े रखना था, वहीं यह रणनीति अब उन पर ही उलटी पड़ती दिख रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम और रेडिट पर हजारों यूज़र्स इस फॉर्मेट को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं और कुछ तो JioHotstar को बायकॉट करने तक की बात कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
‘Criminal Justice’ एक बेहद लोकप्रिय वेब सीरीज़ है, जिसमें हर सीजन में एक नए क्राइम केस की जांच और कोर्ट ट्रायल को दिखाया जाता है। पंकज त्रिपाठी की दमदार एक्टिंग और कोर्टरूम ड्रामा की रोचकता ने इसे दर्शकों का पसंदीदा बना दिया है। लेकिन सीजन 4 की रिलीज़ स्ट्रैटेजी ने दर्शकों का मूड खराब कर दिया।
इस बार प्लेटफॉर्म ने शो को हर हफ्ते एक एपिसोड की तर्ज पर रिलीज़ करना शुरू किया है, जिससे दर्शक बिंज वॉचिंग नहीं कर पा रहे हैं। और इससे सबसे बड़ी नाराजगी है उन लोगों को जो OTT सब्सक्रिप्शन इसलिए लेते हैं कि वे एक ही बार में पूरा शो देख सकें।
क्या JioHotstar की रणनीति काम कर रही है?
JioHotstar की यह रणनीति दर्शकों को शो से लंबे समय तक जोड़े रखने की है ताकि हर हफ्ते चर्चा होती रहे और सोशल मीडिया पर buzz बना रहे। ये रणनीति हॉलीवुड में HBO जैसे चैनलों के साथ खूब सफल रही है। लेकिन भारत में जहां दर्शक अब बिंज वॉचिंग को आदत बना चुके हैं, वहां यह फॉर्मेट उलटा असर डाल सकता है।
कई यूज़र्स ने साफ तौर पर लिखा है कि वे अब शो तब तक नहीं देखेंगे जब तक सारे एपिसोड एक साथ रिलीज नहीं हो जाते। इसका मतलब है कि जो दर्शक हफ्ता दर हफ्ता प्लेटफॉर्म पर एक्टिव रहते, अब शायद फिनाले के बाद ही लॉग इन करेंगे।
बैकलैश के क्या हो सकते हैं परिणाम?
अगर JioHotstar इस फॉर्मेट को बनाए रखता है, तो:
- दर्शकों का भरोसा और सब्सक्रिप्शन लॉयल्टी घट सकती है
- सोशल मीडिया पर नकारात्मक ट्रेंड्स बन सकते हैं (जैसे #BoycottHotstar)
- प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स फायदा उठा सकते हैं जो पूरी सीरीज एक साथ रिलीज करते हैं
Criminal Justice की टीम पर असर
इस तरह की रणनीति का असर शो की लोकप्रियता और रेटिंग्स पर भी पड़ सकता है। हालांकि शो की स्क्रिप्ट और एक्टिंग मजबूत है, लेकिन अगर दर्शकों का मन ही हट गया तो इसकी चर्चा भी बंद हो सकती है।
Criminal Justice सीजन 4 में पंकज त्रिपाठी फिर से वकील माधव मिश्रा के रूप में लौटे हैं और कहानी एक टीनएजर मर्डर केस के इर्द-गिर्द घूमती है। लेकिन अगर लोग इसे देखने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, तो इतनी मेहनत और प्रोडक्शन क्वालिटी का कोई फायदा नहीं होगा।
OTT दर्शकों की बदलती प्राथमिकताएं
OTT प्लेटफॉर्म्स ने अपनी लोकप्रियता का आधार ही इस सोच पर बनाया है कि दर्शक जब चाहें, जितना चाहें, देख सकें। नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो और डिज्नी+ हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म्स ने बिंज वॉचिंग ट्रेंड को स्थापित किया है। लेकिन JioHotstar के इस कदम से लगता है कि वो उसी परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
एक एपिसोड की लंबाई भी मुश्किल से 35 से 45 मिनट की है, और हर एपिसोड के अंत में एक क्लिफहैंगर होता है जो दर्शकों को बेसब्र कर देता है। लेकिन जब अगले एपिसोड के लिए एक हफ्ते का इंतज़ार करना पड़े, तो यह अनुभव रोमांचक की बजाय थकाऊ और निराशाजनक हो जाता है।
क्या JioHotstar करेगा बदलाव?
कई मीडिया रिपोर्ट्स और दर्शकों की प्रतिक्रियाओं के बाद यह सवाल उठता है कि क्या JioHotstar अपनी रणनीति में बदलाव करेगा? अगर दर्शकों की नाराज़गी इसी तरह बढ़ती रही, तो यह संभव है कि कंपनी आगे से इस तरह के वीकली शेड्यूल से बचने का फैसला ले।
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क्या दर्शक अब कंट्रोल में रहना चाहते हैं ?
आज का दर्शक कंटेंट का राजा बन चुका है। वह तय करना चाहता है कि कब क्या देखे। अगर कोई प्लेटफॉर्म उसकी आज़ादी को सीमित करता है, तो वह उसे छोड़ने में देर नहीं करता।
JioHotstar को चाहिए कि वो दर्शकों की भावना समझे और अगर बिंज वॉचिंग का ट्रेंड इतना पॉपुलर है, तो उसी के अनुसार कंटेंट रिलीज़ करे। वरना ‘Criminal Justice ’ जैसा हिट शो भी अपने दर्शकों को खो सकता है।
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