
चारधाम यात्रा 2025 ने इस बार श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। उत्तराखंड सरकार द्वारा यात्रा के लिए अनिवार्य किए गए पंजीकरण प्रणाली के तहत अब तक ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर कुल 31 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण करा लिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय जनमानस में चारधाम की यात्रा को लेकर कितनी गहरी श्रद्धा है।
चारधाम यात्रा में शामिल हैं – केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए भी पंजीकरण जारी है। राज्य सरकार द्वारा 20 मार्च से ऑनलाइन पंजीकरण की शुरुआत की गई थी, और अब मई-जून के ऑनलाइन स्लॉट पूरी तरह से भर चुके हैं। इसके चलते श्रद्धालु अब तेजी से ऑफलाइन पंजीकरण की ओर रुख कर रहे हैं।
22 मई को रिकॉर्ड 27,000 से अधिक ऑफलाइन पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए 22 मई 2025 का दिन एक नया रिकॉर्ड लेकर आया। इस दिन अकेले 27 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑफलाइन पंजीकरण करवा कर तीर्थ यात्रा की तरफ कदम बढ़ाए। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो यह दर्शाता है कि चारधाम यात्रा को लेकर देशभर में कितनी उत्सुकता है।
क्यों बढ़ रहा है ऑफलाइन पंजीकरण?
ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होते ही भारी संख्या में लोगों ने स्लॉट बुक कर लिए। इससे मई और जून के लिए ऑनलाइन स्लॉट पूरी तरह फुल हो चुके हैं। अब जिन श्रद्धालुओं को ऑनलाइन स्लॉट नहीं मिल पाए, वे हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और विकासनगर के ऑफलाइन पंजीकरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। इन केंद्रों पर सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को पंजीकरण में कोई असुविधा न हो।
चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने बताया कि आने वाले दिनों में ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या और तेजी से बढ़ने की संभावना है। प्रशासन ने यात्रा की व्यवस्थित संचालन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
अब तक के पंजीकरण का विस्तृत ब्योरा:
धाम | पंजीकरण की संख्या |
केदारनाथ | 10,55,694 |
बदरीनाथ | 9,61,953 |
गंगोत्री | 5,68,355 |
यमुनोत्री | 5,16,317 |
हेमकुंड साहिब | 63,906 |
कुल योग | 31,66,225 |
अब तक 12 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पंजीकरण के सापेक्ष अब तक 12 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है और अनुमान है कि जुलाई के अंत तक यह संख्या 25 लाख के पार जा सकती है।
सरकार की तैयारियाँ और तीर्थयात्रियों की सुविधा
उत्तराखंड सरकार ने इस बार चारधाम यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पंजीकरण की सुविधा।
- पंजीकरण केंद्रों पर अधिक स्टाफ और सहायता केंद्र तैनात किए गए हैं।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दैनिक स्लॉट प्रणाली लागू की गई है।
- हर धाम में मेडिकल सहायता, भोजन व्यवस्था, और रास्ते की निगरानी के लिए टीमें नियुक्त की गई हैं।
- श्रद्धालुओं के लिए ई-वाहन, शटल सेवा, और ठहरने की व्यवस्था में भी सुधार किया गया है।
चारधाम यात्रा की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जीवन में एक बार चारधाम के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन धामों की यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अनुभव भी है।
- केदारनाथ धाम – भगवान शिव का पावन ज्योतिर्लिंग, 11वें ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित।
- बदरीनाथ धाम – भगवान विष्णु का प्रमुख मंदिर, जहाँ नर-नारायण तपस्या करते हैं।
- गंगोत्री धाम – माँ गंगा का उद्गम स्थल, जिसे धरती पर लाने का श्रेय राजा भगीरथ को जाता है।
- यमुनोत्री धाम – माँ यमुना का मूल स्रोत, यहाँ तप्त कुण्ड और दिव्य शिला दर्शन योग्य हैं।
- हेमकुंड साहिब – सिख धर्म का अत्यंत पवित्र स्थल, जहाँ गुरु गोविंद सिंह जी ने तपस्या की थी।
आस्था और प्रबंधन का अद्भुत संगम
चारधाम यात्रा 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बन रही है, बल्कि इसके माध्यम से उत्तराखंड सरकार की प्रभावी योजना, डिजिटल प्रबंधन, और श्रद्धालु सेवा भावना का भी परिचय मिल रहा है। 31 लाख पंजीकरण के आंकड़े ने यह साबित कर दिया है कि यदि प्रबंधन मजबूत हो और सुविधा सुलभ हो, तो किसी भी धार्मिक आयोजन को बड़े स्तर पर सफल बनाया जा सकता है।
तीर्थयात्रियों की सतत भागीदारी और सरकार की सक्रियता के कारण यह यात्रा अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक संगठित और प्रेरणादायक आयोजन बनती जा रही है।
ऐसी खबरों के लिए हमें फॉलो करें:-https://indiabriefs.com/