आजकल गाड़ियों को पर्सनल टच देना फैशन से ज्यादा एक स्टेटमेंट बन गया है। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन-सी कार एक्सेसरीज़ (Car Accessories) लीगल (Legal) हैं और कौन-सी आपको चालान या गाड़ी की जब्ती तक ले जा सकती हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि क्या-क्या लगाया जा सकता है और किन चीज़ों से बचना चाहिए।
क्यों बदला है कार एक्सेसरीज़ का ट्रेंड ?
पहले आफ्टरमार्केट (Aftermarket) एक्सेसरीज़ का बोलबाला था। लेकिन दो मुख्य बदलावों ने इस ट्रेंड को प्रभावित किया:
कार कंपनियों द्वारा फैक्ट्री फिटेड (Factory Fitted) फीचर्स की संख्या में इजाफा – अब गाड़ियों में पहले से ही जरूरी सुविधाएं मिलती हैं।
सरकारी नियमों में सख्ती – मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत अब किसी भी मॉडिफिकेशन पर प्रतिबंध है जो गाड़ी की सुरक्षा, प्रदूषण स्तर या संरचना को प्रभावित करता है।
कौन-सी कार एक्सेसरीज़ कानूनी (Legal Car Accessories) हैं ? नियम क्या कहते हैं ?
सरकार के नियमानुसार, ऐसा कोई भी बदलाव जो गाड़ी की मूल संरचना (Structural Integrity), सुरक्षा (Safety Standards) या प्रदूषण नियंत्रण (Emission Norms) को प्रभावित करे, वो बिना आरटीओ (RTO) की अनुमति के अवैध है।
कानूनी एक्सेसरीज़ की सूची:
- सीट कवर (Seat Covers) – आराम और सुंदरता दोनों के लिए
- डोर वाइज़र (Door Visors) – धूल और पानी से बचाव के लिए
- फ्लोर मैट्स (Floor Mats) – इंटीरियर को साफ रखने के लिए
- डैशबोर्ड डेकोर (Dashboard Decor) – सौंदर्य के लिए सीमित बदलाव
- सर्टिफाइड स्पॉइलर (Spoiler) – अगर RTO अनुमोदित हो
- साउंड सिस्टम (Music System) – यदि सुरक्षा मानकों से समझौता न हो
ध्यान दें: इन सभी एक्सेसरीज़ को लगवाते समय कंपनी अप्रूव्ड या सर्टिफाइड विकल्प ही चुनें ताकि वारंटी पर असर न पड़े।
गैर-कानूनी एक्सेसरीज़ (Illegal Car Accessories) कौन-सी हैं ?
जो एक्सेसरीज़ आपको मुसीबत में डाल सकती हैं:
- एक्स्ट्रा रूफ लाइट्स (Roof Mounted Lights) – RTO अनुमति के बिना प्रतिबंधित
- क्रैश गार्ड (Crash Guard) – पैदल यात्रियों के लिए खतरनाक माने जाते हैं
- हाई डेसीबल हॉर्न (Loud Horns) – ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं
- बंपर मॉडिफिकेशन (Bumper Modification) – वाहन की सेफ्टी पर असर डालता है
- अनअप्रूव्ड अलॉय व्हील्स (Non-Approved Alloy Wheels) – संरचना पर प्रभाव डाल सकते हैं
- गहरे रंग की विंडो फिल्म (Dark Tinted Windows) – सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित
अगर गाड़ी की बाहरी बनावट (Exterior Look) स्टॉक मॉडल से अलग दिखे और ट्रैफिक पुलिस की नजर में आए, तो भारी जुर्माना (Fine) लग सकता है।
क्या आज की मॉडर्न कारों में एक्सेसरीज़ की ज़रूरत रह गई है ?
अब की गाड़ियां पहले से ही कई एडवांस फीचर्स जैसे कि टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, एलईडी हेडलाइट्स (LED Headlights), अलॉय व्हील्स और एयरबैग्स जैसी सेफ्टी सुविधाओं के साथ आती हैं। ऐसे में आफ्टरमार्केट एक्सेसरीज़ लगवाने की ज़रूरत कम हो गई है।
इसके अलावा, लोकल दुकानों से लगवाए गए एक्सेसरीज़ से कंपनी वारंटी (Warranty) रद्द कर सकती है।
अगर बदलाव करना हो तो क्या करें ?
यदि आपको लगता है कि कुछ जरूरी एक्सेसरीज़ लगवाना आपके लिए आवश्यक है:
- स्थानीय आरटीओ (Local RTO) से लिखित अनुमति प्राप्त करें
- सिर्फ BIS या ISI प्रमाणित उत्पादों का ही चयन करें
- नामचीन कंपनियों के प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करें
- फिटमेंट किसी प्रोफेशनल से कराएं
- सुरक्षा और कानून से समझौता किए बिना ही गाड़ी को पर्सनलाइज करना समझदारी है।
कार एक्सेसरीज़ के नाम पर अनावश्यक मॉडिफिकेशन अब सिर्फ जेब पर भारी ही नहीं, बल्कि कानूनी पचड़ों में भी डाल सकता है। बेहतर होगा कि फैक्ट्री फिटेड विकल्पों पर भरोसा करें और अगर बदलाव जरूरी भी हो, तो RTO से अनुमोदन लेकर ही कोई कदम उठाएं।
स्मार्ट ड्राइवर वही है जो गाड़ी को स्टाइलिश भी रखे और कानून का पालन भी करे।