Air India Insurance Claim: बीमित और नॉमिनी दोनों की मौत से बीमा कंपनियों में दावों को लेकर पेच

India Briefs Team
5 Min Read
Air India Insurance Claim

Air India Insurance Claim से जुड़ा यह मामला न केवल एक कानूनी पेचीदगी है, बल्कि उन परिवारों के लिए भावनात्मक रूप से भी बेहद चुनौतीपूर्ण है, जो इस दर्दनाक हादसे में अपनों को खो चुके हैं।

12 जून को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए दर्दनाक विमान हादसे में कुल 241 लोग मारे गए, जिनमें यात्री और क्रू मेंबर दोनों शामिल थे। इसके अतिरिक्त घटनास्थल पर मौजूद 29 अन्य लोगों की भी मौत हो गई। हादसे की भयावहता इतनी थी कि कई मामलों में पूरा परिवार ही खत्म हो गया।

बीमा कंपनियों की बढ़ती मुश्किलें

एयर इंडिया के इस विमान दुर्घटना (Plane Crash) में 241 लोग – जिनमें यात्री और क्रू मेंबर दोनों शामिल थे – मारे गए। इसके अलावा 29 अन्य लोग जो घटनास्थल पर मौजूद थे, उनकी भी मौत हो गई। हादसे की भयावहता इस बात से भी झलकती है कि कई मामलों में पूरा परिवार ही खत्म हो गया।

बीमा कंपनियों को उन मामलों में सबसे अधिक परेशानी हो रही है जहां बीमाधारक (Policyholder) और नॉमिनी (Nominee) – दोनों की एक साथ मौत हो गई है। ऐसे मामलों में दावा निपटाने (Claim Settlement) की प्रक्रिया में उत्तराधिकारियों की पहचान और सहमति प्रमुख अड़चन बन रही है।

Air India Insurance Claim में IRDAI का हस्तक्षेप और हेल्प डेस्क

घटना के तुरंत बाद बीमा नियामक संस्था IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को निर्देशित किया कि वे मृतकों की पहचान सत्यापित करें और दावों में अनावश्यक देरी या अस्वीकृति न करें। इसके बाद, LIC, न्यू इंडिया एश्योरेंस (New India Assurance), HDFC लाइफ (HDFC Life), इफको टोकियो (IFFCO Tokio), बजाज एलियांज (Bajaj Allianz) और टाटा AIG जैसी प्रमुख बीमा कंपनियों ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में हेल्प डेस्क स्थापित किए।

जब पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों न रहें

LIC के अधिकारी आशीष शुक्ला ने बताया कि अब तक उन्हें 10 दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक मामला ऐसा है जहां बीमित व्यक्ति और उसकी पत्नी – जो नामित थीं – दोनों की इस हादसे में मृत्यु हो गई। ऐसे मामलों में ‘उत्तराधिकार प्रमाणपत्र’ (Legal Heir Certificate) और ‘इंडेम्निटी बॉन्ड’ (Indemnity Bond) की मांग की जाती है।

यदि बीमित व्यक्ति और नामित दोनों ही नहीं रहें, तो कंपनियां ‘क्लास वन’ उत्तराधिकारियों (Class I Legal Heirs) जैसे बच्चों की पहचान करती हैं। यदि बच्चे एक से अधिक हों, तो सभी की आपसी सहमति का पत्र अनिवार्य होता है।

ग्रुप बीमा पॉलिसियों में भी जटिलता

IFFCO Tokio के दावों के प्रमुख मनप्रीत सिंह सभरवाल ने बताया कि एक कंपनी के निदेशक और उनकी पत्नी की इस हादसे में मृत्यु हो गई। वह कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए ग्रुप बीमा कवर लेती थी। वहीं टाटा AIG के निशाल बुच ने कहा कि उन्हें सात दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें एक मामला पॉलिसीधारक और नामित – दोनों के निधन का है।

यह भी पढ़ें: ₹12,500 करोड़ का सबसे बड़ा NBFC IPO! जानिए कब खुलेगा HDB Financial का पब्लिक इश्यू

जीवन बीमा ही नहीं, अन्य दावे भी

New India Assurance के अधिकारी प्रकाश खांचंदानी के अनुसार, उन्हें सात दावे मिले हैं – जिनमें पांच व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (Personal Accident Insurance) और दो समुद्री माल बीमा (Marine Cargo Insurance) से संबंधित हैं। इनमें से एक माल बीमा दावा ₹6.5 लाख का पहले ही निपटाया जा चुका है।

बजाज एलियांज के क्षेत्रीय प्रमुख निमिष जोशी ने बताया कि उन्हें चार दावे प्राप्त हुए हैं – जिनमें एक समुद्री बीमा का ₹55 लाख का दावा और तीन यात्रा बीमा (Travel Insurance) दावे शामिल हैं, जिन्हें पहले ही निपटा दिया गया है।

बीमा कंपनियों की संवेदनशीलता और चुनौती

Air India Insurance Claim बीमा दावे के मामले न केवल कानूनी रूप से जटिल हैं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बेहद संवेदनशील हैं। बीमा कंपनियों द्वारा नियमों में कुछ नरमी बरतना और प्रक्रिया को सरल बनाना पीड़ित परिवारों के लिए राहत देने वाला कदम है।


चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

Share This Article
Leave a Comment