एस्ट्रोनॉट कैसे बनें: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की हालिया सफल उड़ानों और निजी अंतरिक्ष स्टार्ट‑अप्स के उभरने से युवाओं में एस्ट्रोनॉट कैसे बनें का सवाल पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है। विज्ञान–तकनीक की तेज़ प्रगति ने अंतरिक्ष को केवल रोमांचक नहीं, बल्कि सुलभ करियर विकल्प बना दिया है।
मजबूत शैक्षिक नींव रखें (Strong Academic Base)
- बारहवीं में PCM जरूरी: भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित (PCM) के साथ 12वीं (Class 12th) उत्तीर्ण करें।
- इंजीनियरिंग या विज्ञान स्नातक: एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, वैमानिकी, भौतिकी या गणित में B.Tech/B.Sc. डिग्री लें।
- उच्च विशेषज्ञता: MS या PhD से शोध‑आधारित समझ विकसित करें; यह इसरो (ISRO) तथा अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों के चयन में सहायक होती है।
प्रमुख भारतीय संस्थान (Top Indian Institutes)
| संस्थान | प्रमुख पाठ्यक्रम |
|---|---|
| भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान व प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST), तिरुवनंतपुरम | B.Tech in Aerospace Engineering / Space Science |
| IIT Bombay, Kanpur, Madras | Aerospace, Mechanical, Electrical Engineering |
| Madras Institute of Technology (MIT) | Aeronautical Engineering |
| BITS Pilani & VIT | Physics, Electronics, Robotics |
IIST के उत्कृष्ट छात्रों को सीधे ISRO में पदस्थापना (placement) का सुनहरा अवसर मिलता है।
इसरो इंटर्नशिप व शोध अनुभव (ISRO Internship)
ISRO हर वर्ष यंग स्कॉलर प्रोग्राम और स्टेशन‑आधारित इंटर्नशिप चलाता है जहां उपग्रह प्रणाली डिज़ाइन, रोवर टेलीमेट्री और मिशन प्लानिंग की वास्तविक प्रयोगशाला सीख मिलती है। स्नातक के बाद यहां प्रोजेक्ट असिस्टेंट या जूनियर रिसर्च फेलो बनकर अंतरिक्ष यान (spacecraft) विकास का सीधा अनुभव प्राप्त करें।
वैकल्पिक सैन्य मार्ग (Defence Pathway)
- NDA के ज़रिये: 12वीं बाद NDA एग्ज़ाम पास कर भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में फ़ाइटर पायलट प्रशिक्षण लें।
- AFCAT/SSC: इंजीनियरिंग के बाद Air Force Common Admission Test पास करें।
- Air Force Test Pilot School, Bengaluru में टेस्ट पायलट कोर्स के बाद इसरो‑गगनयान जैसे मिशन हेतु सीधे चयन संभव है।
अंतरराष्ट्रीय अवसर (Going Global)
NASA, ESA, JAXA और स्पेस‑X जैसी एजेंसियां विविध राष्ट्रीयताओं से वैज्ञानिक व पायलट चुनती हैं। उच्च ग्रेड के साथ TOEFL/IELTS और अनुभव‐सम्पन्न CV वैश्विक स्पेस‑कोर (space corps) का द्वार खोलते हैं।
जरूरी कौशल, फिटनेस और सॉफ्ट स्किल्स
- शारीरिक फिटनेस: वीओ₂‑मैक्स, 20/20 दृष्टि, न्यूनतम उंचाई व सही BMI।
- टेक्निकल स्किल्स: कोडिंग (Python, MATLAB), रोबोटिक्स और डेटा एनालिटिक्स।
- सॉफ्ट‑स्किल्स: टीमवर्क, नेतृत्व, उच्च दबाव में निर्णय लेने की क्षमता।
- भाषाएं: अंग्रेज़ी के साथ रूसी सीखना लाभकारी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर इसका प्रयोग आम है।
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चयन प्रक्रिया का खाका (Selection Snapshot)
- योग्यता (Eligibility Screening) – डिग्री, ग्रेड्स और मेडिकल रिकॉर्ड जांच।
- ऑनलाइन/लिखित परीक्षा – टेक्निकल व एप्टीट्यूड।
- साक्षात्कार व मनोवैज्ञानिक टेस्ट – नेतृत्व, अनुकूलन क्षमता।
- मेडिकल व फिज़ियो‑साइक्लॉजिकल परीक्षण – सेंट्रीफ्यूज व न्यूट्रल बॉयन्सी लैब में।
- मिशन‑विशिष्ट प्रशिक्षण – 18‑24 महीने; सिम्युलेटर, EVA (spacewalk) अभ्यास, सोयुज़/गगनयान मॉड्यूल ट्रेनिंग।
एस्ट्रोनॉट कैसे बनें: करियर ग्रोथ मैप (Career Growth Map)
| चरण | अनुमानित अवधि | संभावित पदनाम |
|---|---|---|
| स्नातक | 4 साल | Trainee Engineer |
| स्नातकोत्तर/PhD | 2‑5 साल | Scientist – B, Mission Designer |
| इसरो/IAF चयन | 1‑2 साल | Astronaut Cadet |
| मिशन प्रशिक्षण | 2 साल | Flight Engineer / Payload Specialist |
| स्पेसफ्लाइट | मिशन‑आधारित | Astronaut |
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