इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव अब परमाणु युद्ध की आहट बनता जा रहा है। रविवार को ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र फोर्डो (Fordow Nuclear Site) के पास एक जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसकी गूंज और कंपन ने स्थानीय लोगों को दहला दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, विस्फोट के समय भूकंप जैसा कंपन महसूस हुआ, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई।
यह धमाका कोम शहर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ, जिसकी कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। स्थानीय लोग इस धमाके के बाद दहशत में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह धमाका किसी बाहरी हमले का नतीजा हो सकता है, जिसमें इजरायली मिसाइल स्ट्राइक की भूमिका बताई जा रही है।
UN परमाणु एजेंसी ने की पुष्टि
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA (इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने पुष्टि की है कि इजरायल ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है।
इनमें शामिल हैं:
- फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र
- नतांज परमाणु सुविधा केंद्र
- इस्फहान में यूरेनियम रूपांतरण और अन्य संवर्धन केंद्र
ग्रॉसी ने कहा कि “इजरायल ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने ईरान के संवर्धन स्थलों पर हमला किया है।” यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।
Witness reports suggest several loud explosions near the Fordow nuclear site, with noticeable ground tremors.
— Iran International English (@IranIntl_En) June 15, 2025
This video appears to show the blasts around 20 kilometers from the city of Qom.pic.twitter.com/k6DTY1kh8j
चौथे दिन भी जारी रहा इजरायल-ईरान युद्ध
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध चौथे दिन भी थमा नहीं है। रविवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों की बौछार की। यरूशलम में सायरनों की आवाजें सुनाई दीं, वहीं तेल अवीव में आसमान में मिसाइलें देखी गईं।
ईरान ने लगभग 100 मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल की आयरन डोम डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया।
इस लगातार हो रही सैन्य कार्रवाई में अब तक:
- ईरान में 224 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
- वहीं इजरायल में 13 लोगों की जान गई है
फोर्डो पर हमला – एक रणनीतिक वार
विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो संयंत्र पर हमला ईरान की परमाणु क्षमताओं को कमजोर करने की एक रणनीतिक कोशिश है। यह संयंत्र जमीन के भीतर बना है और इसे अब तक सुरक्षित माना जाता था। इजरायली हमले ने यह संकेत दिया है कि वह ईरान की परमाणु प्रगति को किसी भी कीमत पर रोकना चाहता है।
परमाणु संकट की ओर बढ़ता दुनिया का ध्यान
मध्य पूर्व में यह संघर्ष अब सिर्फ सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं रह गया है। इसमें परमाणु प्रतिष्ठान निशाने पर आ गए हैं, जिससे पूरी दुनिया में चिंता की लहर दौड़ गई है। यदि इस युद्ध ने परमाणु हथियारों की दिशा पकड़ी, तो यह वैश्विक संकट का कारण बन सकता है।
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क्या अब विश्व युद्ध की कगार पर है दुनिया?
ईरान और इजरायल की इस लड़ाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गहरी चिंता में डाल दिया है। कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद जब परमाणु ठिकानों पर हमले शुरू हो जाएं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि मामला अब बेहद गंभीर हो चुका है। अब देखना होगा कि विश्व समुदाय इस परमाणु खतरे से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।
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