मुंबई — महाराष्ट्र सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों (construction workers) के लिए एक अहम कदम उठाते हुए नई पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस निर्माण श्रमिक पेंशन योजना के तहत पात्र श्रमिकों को हर साल ₹12,000 की राशि पेंशन के रूप में प्रदान की जाएगी।
यह योजना महाराष्ट्र भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से लागू की जाएगी और इसका पूरा खर्च बोर्ड के संसाधनों से वहन किया जाएगा, जिससे राज्य सरकार पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। श्रम विभाग ने पहले ही इस योजना का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया था और अब इसके दिशा-निर्देश (SOP) को मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
कौन होंगे पात्र ?
इस निर्माण श्रमिक पेंशन योजना के अंतर्गत वे सभी निर्माण श्रमिक पात्र होंगे जो:
- बोर्ड में पंजीकृत हैं
- 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं
- किसी अन्य पेंशन योजना से लाभ नहीं ले रहे
- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 या कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 के लाभार्थी नहीं हैं
इस योजना से करीब 50 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। अभी राज्य में 37 लाख रजिस्टर्ड श्रमिक हैं, जबकि 16 लाख का पंजीकरण नवीनीकरण लंबित है।
पति-पत्नी दोनों को मिल सकता है लाभ
यदि पति और पत्नी दोनों ही रजिस्टर्ड श्रमिक हैं, तो दोनों को अलग-अलग पेंशन मिलेगी। यदि किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो जीवित जीवनसाथी को पेंशन जारी रखने का प्रावधान भी रखा गया है। हालांकि, यदि वे किसी अन्य पेंशन योजना के लाभार्थी हैं, तो इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
कैसे मिलेगा पेंशन सर्टिफिकेट ?
- योजना में आवेदन के बाद बोर्ड के सचिव और CEO द्वारा वेरिफिकेशन और मंजूरी दी जाएगी
- इसके बाद आवेदक को एक पेंशन नंबर सर्टिफिकेट दिया जाएगा
- सर्टिफिकेट जारी होने की तारीख से ही पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा
- पूरा सिस्टम एक इंटीग्रेटेड ऑनलाइन कंप्यूटर सिस्टम से मैनेज होगा
हर साल पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा जिससे उनकी जीवित स्थिति की पुष्टि की जा सके।
कम राशि, लेकिन बड़ी उम्मीद
हालांकि ₹1000 प्रतिमाह की राशि बहुत अधिक नहीं मानी जा सकती, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए यह एक सहारा बन सकती है। निराली देवी, जिनके पति की निर्माण स्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, अब अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करवा रही हैं। उन्होंने बताया, “मैं अब 50 की हो चुकी हूं। उम्मीद है कि सरकार पेंशन देगी।”