हज 2025 में मक्का की हिफाजत के लिए क्यों तैनात हुआ मिसाइल डिफेंस सिस्टम?

India Briefs Team
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हज 2025: हर साल की तरह इस बार भी सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हज यात्रा के दौरान लाखों मुसलमान एकत्र हो रहे हैं। अनुमान है कि हज 2025 में लगभग 12.5 लाख श्रद्धालु शामिल होंगे। लेकिन इस बार एक तस्वीर ने दुनियाभर के सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है — मक्का शहर के चारों ओर लगे ज़मीन से हवा में मार करने वाले अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम और मस्जिद अल-हराम की सैन्य हेलीकॉप्टर से निगरानी।

क्या मक्का पर कोई खतरा है? क्या ये किसी आतंकी या सैन्य हमले से बचाव की तैयारी है? और सबसे अहम सवाल — क्यों ज़रूरी समझा गया कि इस बार हज जैसे धार्मिक आयोजन के दौरान इतनी भारी सुरक्षा व्यवस्था की जाए?

सऊदी अरब की वायरल तस्वीरें और सोशल मीडिया पर बहस

सऊदी रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ तस्वीरें साझा कीं जिनमें मिसाइल डिफेंस यूनिट्स और सैन्य हेलीकॉप्टरों को मक्का में मस्जिद अल-हराम के आस-पास तैनात दिखाया गया। पोस्ट में लिखा गया —
“एयर डिफेंस फोर्सेज… वह आंख जो कभी पलक नहीं झपकाती और जिनका मिशन है – खुदा के मेहमानों की हिफाजत।”

इन तस्वीरों में अमेरिकी तकनीक से लैस MIM-104 पेट्रियट मिसाइल सिस्टम को भी देखा गया, जिसे सऊदी क्लॉक टॉवर के सामने तैनात किया गया है।

इस पोस्ट के बाद दुनियाभर से मुस्लिम यूज़र्स ने सवाल उठाए कि क्या इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पर कोई खतरा मंडरा रहा है? क्या हज जैसे शांतिपूर्ण धार्मिक आयोजन को सुरक्षा कारणों से ‘मिलिट्री ज़ोन’ बनाया जा रहा है?

सऊदी सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया

सऊदी प्रेस एजेंसी (SPA) के अनुसार, इस साल हज के दौरान सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो, इसके लिए गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

सऊदी अरब के पब्लिक सिक्योरिटी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल-बसामी ने बताया कि:

  • हज के दौरान संयुक्त सुरक्षा प्रणाली बनाई गई है जिसमें हवाई सुरक्षा, क्राउड मैनेजमेंट, ट्रैफिक कंट्रोल और इमरजेंसी रिस्पॉन्स शामिल हैं।
  • मक्का और मदीना में लगभग 5000 कैमरे, ड्रोन निगरानी, हेलीकॉप्टर गश्त और मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय हैं।

सऊदी एयर फोर्स भी इस ऑपरेशन में शामिल है और एयर ट्रैफिक कंट्रोल, हवाई सीमाओं की निगरानी और लॉजिस्टिक सपोर्ट की जिम्मेदारी निभा रही है।

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पिछली चूक से सबक

2024 में हज के दौरान कुछ व्यवस्थागत समस्याएं सामने आई थीं। तीव्र गर्मी, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के चलते कई तीर्थयात्रियों की मृत्यु की खबरें आई थीं। इस बार सऊदी प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता, यही कारण है कि इस बार तकनीक, सुरक्षा और स्वास्थ्य सभी मोर्चों पर तैयारियां की गई हैं।

पेट्रियट मिसाइल सिस्टम: क्या है इसकी ताकत?

MIM-104 Patriot (Phased Array Tracking Radar to Intercept On Target) मिसाइल सिस्टम अमेरिकी रक्षा कंपनियों Raytheon और Lockheed Martin द्वारा विकसित किया गया है। इसकी खासियतें हैं:

  • लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता (150+ किमी)
  • क्रूज़, बैलिस्टिक मिसाइल और फाइटर जेट्स को टारगेट करने में सक्षम
  • मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग प्रूफ
  • तेज़ ऑपरेशनल रेस्पॉन्स
ये मिसाइल सिस्टम 1990 की शुरुआत में चर्चा में आया Image Source :X/@modgovksa

1990 के इराक-कुवैत युद्ध के दौरान इस मिसाइल प्रणाली ने पहली बार अपनी दक्षता साबित की। NATO सहित 19 देशों के पास यह मिसाइल सिस्टम मौजूद है और अब सऊदी अरब भी इसका सक्रिय उपयोग कर रहा है।

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आधुनिक सुरक्षा रणनीति का उदाहरण

हज के दौरान पेट्रियट मिसाइल सिस्टम की तैनाती केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं बल्कि स्मार्ट डिफेंस प्लानिंग का हिस्सा है। इसके जरिए सऊदी अरब यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि हज यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

साथ ही यह भी साफ़ है कि मक्का पर किसी संभावित खतरे को लेकर अब किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। चाहे वह आतंकी हमला हो, मिसाइल अटैक हो या हवाई सुरक्षा का उल्लंघन — हर स्थिति से निपटने के लिए सऊदी अरब तैयार है।

आस्था और सुरक्षा दोनों की ज़िम्मेदारी

मक्का केवल एक शहर नहीं, बल्कि इस्लामी आस्था का केंद्र है। हज केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि एक गहन भावनात्मक यात्रा है। ऐसे में सऊदी सरकार की यह पहल स्वागतयोग्य है कि वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।

हालांकि सोशल मीडिया पर इस कदम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है, पर सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से यह एक ज़रूरी फैसला लगता है — खासकर तब जब क्षेत्र में भू-राजनीतिक अस्थिरता और उभरते खतरे बने हुए हैं।

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