कम निवेश में ज़बरदस्त मुनाफा! जून में शुरू करें ये 7 व्यावसायिक फसलें

India Briefs Team
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जून में व्यावसायिक फसलों की खेती फायदे का सौदा

क्या आप भी किसान हैं और जून महीने में ऐसी फसल की तलाश कर रहे हैं जो कम लागत में अधिक मुनाफा दे? तो आपके लिए खुशखबरी है। जून में व्यावसायिक फसलों की खेती से आप न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, बल्कि बाजार में बढ़ती मांग का भी पूरा लाभ उठा सकते हैं।

आज हम आपको 7 ऐसी फसलों के बारे में बताएंगे, जिनकी जून महीने में खेती शुरू की जा सकती है और जिनसे किसानों को लगातार अच्छा मुनाफा मिलता है।

1. धान (Rice) की खेती

उत्तर, पूर्व और दक्षिण भारत के अधिकतर हिस्सों में धान की खेती होती है। जून के महीने में मानसून की शुरुआत के साथ इसकी नर्सरी तैयार की जाती है। धान की रोपाई के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। देश में चावल की डिमांड कभी कम नहीं होती, जिससे किसानों को लगातार अच्छा मूल्य मिलता है।

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2. मक्का (Maize)

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है। यह खरीफ सीजन की फसल है और इसकी खेती में बहुत अधिक खर्च नहीं आता। मक्का का उपयोग चारे, तेल, स्टार्च और प्रोसेस्ड फूड में किया जाता है, जिससे इसकी व्यावसायिक मांग बनी रहती है।

3. बाजरा (Millet)

बाजरे की खेती गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी होती है। राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में यह प्रमुख फसल है। इसकी खास बात यह है कि इसे कम उपजाऊ भूमि में भी उगाया जा सकता है। वर्तमान समय में मिलेट्स की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है।

4. मूंगफली (Groundnut)

मूंगफली एक बहुउपयोगी फसल है जो खाद्य और तेल दोनों के लिए उपयोगी है। इसकी खेती मुख्य रूप से गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में की जाती है। अच्छी जल निकासी वाली भूमि में इसकी खेती से किसान उच्च लाभ कमा सकते हैं। मूंगफली की फसल की मांग उद्योगों में भी लगातार बनी रहती है।

5. कपास (Cotton)

कपास की बुवाई जून महीने में की जाती है। यह फसल भारत के कपड़ा उद्योग की रीढ़ है। महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश में इसकी बड़े पैमाने पर खेती होती है। निर्यात के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण फसल है।

6. सब्जियों की व्यावसायिक खेती

जून महीने में भिंडी, बैंगन, मिर्च, टमाटर और खीरा जैसी सब्जियों की बुवाई की जाती है। इनकी स्थानीय मंडियों में मांग हर समय बनी रहती है। यदि वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो किसान प्रति एकड़ लाखों की कमाई कर सकते हैं।

7. दालें (Pulses): मूंग, उड़द, अरहर

दालों की खेती मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इनकी खेती बड़े पैमाने पर होती है। मूंग और उड़द की फसलें कम समय में तैयार होती हैं और इनकी बाजार मांग भी अच्छी होती है।

जून में व्यावसायिक फसलों की खेती किसानों के लिए कमाई का बड़ा अवसर साबित हो सकती है। सही फसल के चुनाव और वैज्ञानिक तरीकों से खेती करके किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
अगर आप कृषि में भविष्य बनाना चाहते हैं, तो इन 7 फसलों को ज़रूर अपने खेती कैलेंडर में शामिल करें।

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