दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनने के बाद से नए मंत्रियों की चर्चा जोरों पर है। जहां रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं शिक्षा मंत्री के रूप में आशीष सूद का नाम भी सुर्खियों में बना हुआ है। पहली बार विधायक बने आशीष सूद को भाजपा ने शिक्षा मंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

जनकपुरी से पहली बार विधायक बने आशीष सूद
जनकपुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी प्रवीण कुमार को 18,766 वोटों के बड़े अंतर से हराया। भाजपा ने उनकी राजनीतिक सूझ-बूझ और संगठन में सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री का पद सौंपा है।
राजनीतिक सफर: कॉलेज से लेकर कैबिनेट तक
आशीष सूद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से 1986 में बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान ही उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया था। छात्र राजनीति में सक्रिय रहते हुए उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जॉइन किया और कई अहम पदों पर कार्य किया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और अपनी अलग पहचान बनाई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से मजबूत संबंध
आशीष सूद भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में से हैं, जिनकी पकड़ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में भी मजबूत मानी जाती है। उन्हें भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का करीबी माना जाता है। पार्टी संगठन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली है।
भाजपा में निभाई अहम भूमिकाएं
आशीष सूद ने भाजपा संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी कार्यकुशलता साबित की है।
- 2003: दिल्ली भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने।
- 2005: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त हुए।
- 2008: दिल्ली भाजपा के सचिव के रूप में नियुक्ति हुई।
- 2009: भाजपा की दिल्ली इकाई के महासचिव बने।
- 2012: दक्षिणी दिल्ली से पार्षद चुने गए।
- 2013: दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष बने।
- 2014: दोबारा दिल्ली भाजपा के महासचिव का पदभार संभाला।
- 2014: दक्षिणी दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) की शिक्षा समिति के अध्यक्ष नियुक्त हुए।
- 2016: एक बार फिर पार्षद चुने गए।
भाजपा ने क्यों जताया उन पर भरोसा?
भाजपा ने आशीष सूद को शिक्षा मंत्री बनाकर यह संकेत दिया है कि पार्टी संगठन में वर्षों से कार्यरत नेताओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
- शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता: उन्होंने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष रहते हुए शिक्षा सुधारों पर काम किया।
- मजबूत संगठनात्मक पकड़: दिल्ली के अलावा, वे गोवा और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में भी भाजपा के लिए काम कर चुके हैं।
- अनुभवी नेता: पार्टी के भीतर युवा मोर्चा से लेकर दिल्ली इकाई तक कई जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं।
- पंजाबी समुदाय का प्रतिनिधित्व: दिल्ली में पंजाबी समुदाय भाजपा का एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है, और सूद इस समुदाय का प्रभावी प्रतिनिधित्व करते हैं।
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