माइक्रोसॉफ्ट ने किया कमाल, 20 वर्षों का शोध हुआ सफल।

India Briefs Team
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Quantum Computing में बड़ी सफलता।

Quantum Computing में बड़ी सफलता।

Quantum Computing के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने ‘Majorana 1’ नामक दुनिया की पहली Quantum चिप विकसित की है। यह चिप एक नए पदार्थ ‘टोपोकॉन्डक्टर’ (Topological Superconductor) पर आधारित है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने लगभग 20 वर्षों के शोध के बाद विकसित किया है। यह खोज Quantum Computing की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है, जिससे औद्योगिक स्तर की जटिल समस्याओं का हल निकालना संभव हो सकेगा।

Quantum Computing की दुनिया में नया युग

माइक्रोसॉफ्ट के CEO Satya Nadella ने इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि अब तक विज्ञान में हम तीन प्रमुख अवस्थाओं को जानते थे – ठोस (Solid), द्रव (Liquid) और गैस (Gas)। लेकिन अब इस नई खोज के साथ विज्ञान ने एक नई टोपोलॉजिकल अवस्था (Topological State) को भी पहचान लिया है।

माइक्रोसॉफ्ट ने लगभग 20 वर्षों की शोध और मेहनत के बाद Topoconductors नामक एक विशेष सामग्री विकसित की, जिससे Majorana Particles को नियंत्रित करना संभव हो गया। इस तकनीक से Quantum Qubits अधिक विश्वसनीय, तेज़ और छोटे आकार के हो गए हैं, जो Quantum Computing को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।

Majorana 1: 1 Million Qubit Processor की नींव

माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि Majorana 1 Quantum चिप का आकार सिर्फ 1/100वां मिलीमीटर है, लेकिन यह 1 मिलियन Qubit Processor के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुपर-कंप्यूटर से भी अधिक जटिल गणनाएँ करने में सक्षम होगा और ऐसी समस्याओं को हल कर सकता है, जिनका समाधान आज की पारंपरिक कंप्यूटिंग तकनीक से संभव नहीं है।

Satya Nadella ने X (पहले Twitter) पर इस चिप की क्षमताओं को साझा करते हुए लिखा:

“कल्पना कीजिए कि आपकी हथेली में समाने वाला एक चिप इतनी शक्ति रखता हो कि वह दुनिया भर के कंप्यूटरों को मिलाकर भी न सुलझाई जा सकने वाली समस्याओं का हल निकाल सके!”

Quantum Computing से दुनिया को क्या फायदा होगा?

माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि Quantum Computing भविष्य में कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन (Revolution) लाएगी। यह न केवल गणनाओं को तेज़ करेगी, बल्कि कई वैश्विक समस्याओं का हल भी सुझा सकती है, जैसे:

Microplastics को नष्ट करना – समुद्रों में फैले प्लास्टिक कचरे को खत्म करने में मदद मिलेगी।

Self-Healing Materials का निर्माण – ऐसे पदार्थ विकसित किए जा सकेंगे जो स्वयं को ठीक कर सकें।

Climate Change से निपटने में सहायता – जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए बेहतर समाधान उपलब्ध होंगे।

नई दवाओं की खोज – Pharma और Biotechnology क्षेत्र में रिसर्च को गति मिलेगी।

माइक्रोसॉफ्ट का नया Quantum Computing दृष्टिकोण

माइक्रोसॉफ्ट के Quantum Hardware विशेषज्ञ Chetan Nayak ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य Quantum युग के लिए ट्रांजिस्टर (Transistor for the Quantum Age) का निर्माण करना है।

माइक्रोसॉफ्ट ने Majorana 1 के सभी घटकों का निर्माण अमेरिका में इन-हाउस किया है। हालांकि, कंपनी ने इस चिप को Azure Cloud पर उपलब्ध कराने की कोई योजना नहीं बनाई है, जैसा कि उसने अपने Maia 100 AI चिप के साथ किया था।

Quantum Computing की दौड़ में अन्य कंपनियाँ भी शामिल

Quantum Computing में माइक्रोसॉफ्ट अकेला नहीं है। Google और IBM भी इस तकनीक पर काम कर रहे हैं, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का Majorana 1 अनोखा इसलिए है क्योंकि इसमें 8 Topological Qubits का उपयोग किया गया है। इसे बनाने में Indium Arsenide (एक Semiconductor) और Aluminium (एक Superconductor) जैसी उन्नत सामग्री का प्रयोग किया गया है।

Quantum Computing का भविष्य

माइक्रोसॉफ्ट के CEO का मानना है कि Quantum Computing आने वाले वर्षों में दुनिया को पूरी तरह बदल सकती है। यह तकनीक विज्ञान, चिकित्सा, पर्यावरण और उद्योगों में नई क्रांति लाने वाली है।

“यह उपलब्धि दशकों के शोध और धैर्य का परिणाम है। बड़े बदलाव एक दिन में नहीं आते, लेकिन सही दिशा में निरंतर मेहनत से दुनिया को आगे बढ़ाया जा सकता है,” Satya Nadella ने कहा।

Quantum Computing अब सिर्फ एक वैज्ञानिक कल्पना नहीं रही, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट के Majorana 1 के साथ एक वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है।

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