दिल्ली सरकार के नए मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। सिरसा, जो राजौरी गार्डन से विधायक हैं, को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार में उद्योग, खाद्य आपूर्ति, पर्यावरण मंत्रालय के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। उनके शामिल होने से न केवल सिख समुदाय को प्रतिनिधित्व मिला है, बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक व्यापक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

मनजिंदर सिंह सिरसा: दिल्ली से पंजाब तक बीजेपी की रणनीति के महत्वपूर्ण चेहरे
दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में मनजिंदर सिंह सिरसा को शामिल करना महज सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने तक सीमित नहीं है। यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक दूरगामी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनौती देने की तैयारी की जा रही है।
Humbled and Honoured 🙏🏻
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) February 20, 2025
Sworn in as a cabinet minister in Delhi Govt at Ramlila Maidan today@bjp4Delhi pic.twitter.com/gzZE73X5ua
कौन हैं मनजिंदर सिंह सिरसा?
मनजिंदर सिंह सिरसा 2021 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जिसके बाद 2023 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। इससे पहले, वह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष रह चुके हैं। सिरसा को पहली बार 2013 में इस पद पर चुना गया था और 2017 में वह पुनः इस पद पर काबिज हुए।
राजनीतिक करियर की बात करें तो सिरसा ने पहली बार 2013 में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के टिकट पर राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें AAP के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। 2017 में उन्होंने फिर से इसी सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2020 में AAP की उम्मीदवार धनवती चंदेला के हाथों हार गए। 2024 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिरसा ने शानदार वापसी करते हुए AAP की धनवती चंदेला को 18,190 वोटों के बड़े अंतर से हराकर अपनी सीट वापस हासिल की।

सिरसा की संपत्ति और व्यक्तिगत जीवन
चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे के अनुसार, सिरसा की कुल संपत्ति 188 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि उनकी पत्नी सत्विंदर कौर सिरसा के पास 71 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।

समाज सेवा में सिरसा की भूमिका
मनजिंदर सिंह सिरसा केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक सक्रिय समाजसेवी भी हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, उन्होंने ऑक्सीजन लंगर का आयोजन किया और जरूरतमंदों को भोजन और दवा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने नेपाल, चेन्नई, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत कार्यों में भी सक्रिय योगदान दिया।
2021 में, अफगानिस्तान से हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को निकालने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन देवी शक्ति” के दौरान, सिरसा ने प्रभावित व्यक्तियों को भारत लाने में सहयोग किया। जब जून 2022 में भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर 111 हिंदू और सिख परिवारों के लिए एक्सप्रेस वीज़ा सुनिश्चित करवाया।




सिख समुदाय के प्रतिनिधित्व पर जोर
दिल्ली के पिछले मुख्यमंत्री अतिशी के नेतृत्व वाली सरकार में कोई भी सिख मंत्री नहीं था। बीजेपी ने इस कमी को पूरा करते हुए सिरसा को कैबिनेट में स्थान दिया, जिससे सिख समुदाय के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत किया जा सके। दिल्ली में सिख समुदाय कई विधानसभा सीटों पर चुनावी परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है, और बीजेपी इस कारक को भली-भांति समझती है।





दिल्ली से आगे की राजनीति
बीजेपी का मनजिंदर सिंह सिरसा को दिल्ली सरकार में मंत्री बनाना केवल राजधानी तक सीमित नहीं है। सिरसा दिल्ली के सिख समुदाय में खासे लोकप्रिय हैं और उनकी पहुंच पंजाब तक भी है। वह शिरोमणि अकाली दल में रहते हुए भी प्रभावशाली भूमिका में थे। ऐसे में, बीजेपी उन्हें पंजाब में AAP को टक्कर देने के लिए एक बड़े सिख नेता के रूप में उभारना चाहती है।

पंजाब में AAP के खिलाफ बीजेपी की बड़ी योजना
बीजेपी का मनजिंदर सिंह सिरसा को दिल्ली सरकार में मंत्री बनाना सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं है। यह निर्णय पंजाब में AAP के खिलाफ बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। दिल्ली को आम आदमी पार्टी (AAP) का गढ़ माना जाता था, लेकिन बीजेपी ने उसे सत्ता से बेदखल कर 27 साल बाद राजधानी में वापसी की है। अब बीजेपी की नजर पंजाब पर है, जहां AAP अभी भी सत्ता में बनी हुई है। पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, और बीजेपी पहले से ही वहां अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गई है। ऐसे में, दिल्ली सरकार में सिख समुदाय के एक प्रभावशाली नेता सिरसा को मंत्री बनाना बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
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