धनश्री और चहल का तलाक: सच्चाई क्या है और अफवाहें क्या?

India Briefs Team
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सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर धनश्री वर्मा और भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल के तलाक को लेकर जारी अटकलों के बीच अब धनश्री के वकील ने यह साफ कर दिया है कि उनका तलाक अभी तक फाइनल नहीं हुआ है।

धनश्री वर्मा के वकील अदिति मोहन ने शुक्रवार दोपहर प्रेस को जारी एक बयान में कहा, “मुझे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है क्योंकि यह अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। मीडिया को किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले फैक्ट-चेक करना चाहिए क्योंकि इस मामले को लेकर कई भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं।”

कुछ दिनों पहले, सोशल मीडिया पर यह अफवाहें तेजी से फैलने लगी थीं कि चहल और धनश्री के तलाक की अंतिम सुनवाई हो चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में इस मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी, जहां जज ने दोनों को काउंसलिंग सत्र में भाग लेने का निर्देश दिया। इस सत्र के बाद दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने की इच्छा जताई। बताया जा रहा है कि वे पिछले 18 महीनों से अलग रह रहे थे और उनके बीच “अनुकूलता संबंधी समस्याएं” तलाक की प्रमुख वजह बनीं।

इस बीच, दोनों ने अपने-अपने इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर गुप्त पोस्ट साझा किए, जिससे तलाक की खबरों को और बल मिला। धनश्री ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक प्रेरणादायक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा था, “तनाव से आशीर्वाद तक। यह कितना अद्भुत है कि भगवान हमारी चिंताओं और परीक्षाओं को आशीर्वाद में बदल सकते हैं। अगर आज आप किसी चीज़ को लेकर परेशान हैं, तो जान लें कि आपके पास एक विकल्प है। आप या तो चिंता करते रह सकते हैं या फिर इसे भगवान के हवाले करके प्रार्थना कर सकते हैं…”।

वहीं, युजवेंद्र चहल ने भी एक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा था, “भगवान ने मुझे अनगिनत बार बचाया है, जितनी बार मैं गिन भी नहीं सकता। मैं सिर्फ कल्पना कर सकता हूं कि कितनी बार मुझे बचाया गया होगा, जब मुझे पता भी नहीं था। भगवान, हमेशा साथ देने के लिए आपका धन्यवाद। आमीन।”

इस बीच, धनश्री के परिवार ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर 60 करोड़ रुपये के गुजारा भत्ते (एलीमनी) की मांग की खबरों को पूरी तरह गलत बताया। परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम उन झूठी खबरों से बेहद नाराज हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि धनश्री ने युजवेंद्र से 60 करोड़ रुपये की मांग की है। हम पूरी तरह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस तरह की कोई मांग न तो की गई है, न ही स्वीकार की गई है और न ही प्रस्तावित की गई है। इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग है, जिसमें न केवल संबंधित व्यक्तियों को बल्कि उनके परिवारों को भी बेवजह विवादों में घसीटा जा रहा है। ऐसी मनगढ़ंत खबरें केवल नुकसान पहुंचाती हैं और हम मीडिया से आग्रह करते हैं कि वे ऐसी भ्रामक जानकारी को फैलाने से पहले तथ्यों की जांच करें और सभी की निजता का सम्मान करें।”

फिलहाल, दोनों की ओर से आधिकारिक रूप से कोई सीधा बयान नहीं आया है। लेकिन मीडिया में चल रही अटकलों और परिवार के बयानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले सभी को धैर्य रखना चाहिए।

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